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Photograph: (TheSootr)
Fire in SMS Hospital : Jaipur. राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस (SMS) अस्पताल में 5 अक्टूबर 2025 की रात आग लगने से आठ मरीजों की जान चली गई। यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रदेश सरकार और प्रशासन की लापरवाही की ओर भी इशारा करती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना के बाद इस मामले की जांच के लिए आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग इकबाल खान की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। हालांकि, जांच समिति के लिए रिपोर्ट पेश करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, और न ही इसमें आग लगने के जिम्मेदारों के खिलाफ किसी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उधर, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना पर शोक जताया है।
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जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आग लगने की घटना दुःखद है। स्थानीय प्रशासन मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गँवाईं हैं, मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की…
— Amit Shah (@AmitShah) October 6, 2025
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गार्ड को नहीं आता फायर फाइटिंग सिस्टम चलाना
एसएमएस अस्पताल (sms hospital jaipur) के सुरक्षा गार्ड को इस घटना के दौरान बेसिक फायर फाइटिंग सिस्टम (fire fighting system) का संचालन करने की जानकारी नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अस्पताल में सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्था के लिए उचित प्रशिक्षण और संसाधनों की कमी थी। गार्ड राम अवतार शर्मा ने बताया कि उन्हें दिन के 230 रुपए मिलते हैं और उन्हें फायर फाइटिंग सिस्टम चलाने की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि वे केवल 4 से 5 लोगों को बाहर निकालने में मदद कर पाए, लेकिन ज्यादा लोगों को बचाने में वे असमर्थ रहे।
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धरने पर बैठे मृतकों के परिजन
हादसे के बाद, मृतकों के परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। सीकर के पिंटू गुर्जर (मृतक) के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि उनका मरीज एक-दो दिन में डिस्चार्ज हो जाएगा, लेकिन इस दुर्घटना के बाद मरीज की मौत हो गई। उनके अनुसार, न तो उन्हें मरीज के शव के बारे में जानकारी दी गई, और न ही प्रशासन की तरफ से कोई उचित जवाब मिला। भरतपुर की रुक्मणि (मृतक) के भाई दिलीप सिंह ने आरोप लगाया कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की होती, तो इस घटना से बचा जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि यह हादसा प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण हुआ है, जो अब परिवार के लिए एक बड़ा आघात बन चुका है।
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विपक्ष का हमला: यह हादसा नहीं हत्या है
विपक्षी नेताओं ने इस घटना को महज एक हादसा मानने से इंकार कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे हत्या करार दिया है और आरोप लगाया कि अस्पताल के फायर उपकरण, केबल, स्विच, बिल्डिंग और बेड्स की समय-समय पर जांच नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि सभी उपकरणों की एक निश्चित समय सीमा होती है और इनकी नियमित जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या हम किसी बड़े हादसे का इंतजार करते हैं, और क्या सरकार सिर्फ जांच के बाद ही कार्रवाई करने का विचार करती है?
Talked to media
— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) October 6, 2025
📍SMS Hospital,Jaipur pic.twitter.com/CartShLB0C
पूर्व सीएम अशोक गहलोत का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और सोमवार सुबह एसएमएस अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने आग से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि प्रशासन की इस लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान चली गई, जो न केवल दुखद है, बल्कि प्रशासन के लिए शर्मनाक भी है।
SMS अस्पताल पहुंचकर ट्रॉमा सेंटर ICU में हुए अग्निकांड की जानकारी ली। इस हादसे में जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हिम्मत बंधाई।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 6, 2025
यह बेहद अफसोसजनक है कि इन परिजनों में राज्य सरकार द्वारा इनके साथ किए गए व्यवहार के प्रति रोष है क्योंकि सरकार ने संवेदनशीलता… pic.twitter.com/ZtOEo7i8oF
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सरकार बोली- करेंगे कड़ी कार्रवाई
सरकार और प्रशासन ने इस घटना के बाद कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने का फैसला लिया है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या जांच के बाद प्रशासन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि राज्य सरकार इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाती है।
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