SMS हॉस्पिटल में आग : हादसा या हत्या! सरकार ने बनाई जांच समिति, रिपोर्ट देने की समय-सीमा तय नहीं

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग हादसे में आठ मरीजों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। विपक्ष ने इसे हत्या करार दिया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

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Nitin Kumar Bhal
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Fire in SMS Hospital : Jaipur. राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस (SMS) अस्पताल में 5 अक्टूबर 2025 की रात आग लगने से आठ मरीजों की जान चली गई। यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रदेश सरकार और प्रशासन की लापरवाही की ओर भी इशारा करती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना के बाद इस मामले की जांच के लिए आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग इकबाल खान की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। हालांकि, जांच समिति के लिए रिपोर्ट पेश करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, और न ही इसमें आग लगने के जिम्मेदारों के खिलाफ किसी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उधर, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना पर शोक जताया है।

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गार्ड को नहीं आता फायर फाइटिंग सिस्टम चलाना

एसएमएस अस्पताल (sms hospital jaipur) के सुरक्षा गार्ड को इस घटना के दौरान बेसिक फायर फाइटिंग सिस्टम (fire fighting system) का संचालन करने की जानकारी नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अस्पताल में सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्था के लिए उचित प्रशिक्षण और संसाधनों की कमी थी। गार्ड राम अवतार शर्मा ने बताया कि उन्हें दिन के 230 रुपए मिलते हैं और उन्हें फायर फाइटिंग सिस्टम चलाने की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि वे केवल 4 से 5 लोगों को बाहर निकालने में मदद कर पाए, लेकिन ज्यादा लोगों को बचाने में वे असमर्थ रहे।

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धरने पर बैठे मृतकों के परिजन

हादसे के बाद, मृतकों के परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। सीकर के पिंटू गुर्जर (मृतक) के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि उनका मरीज एक-दो दिन में डिस्चार्ज हो जाएगा, लेकिन इस दुर्घटना के बाद मरीज की मौत हो गई। उनके अनुसार, न तो उन्हें मरीज के शव के बारे में जानकारी दी गई, और न ही प्रशासन की तरफ से कोई उचित जवाब मिला। भरतपुर की रुक्मणि (मृतक) के भाई दिलीप सिंह ने आरोप लगाया कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की होती, तो इस घटना से बचा जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि यह हादसा प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण हुआ है, जो अब परिवार के लिए एक बड़ा आघात बन चुका है।

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धरने पर बैठे मृतकों के परिजन। Photograph: (TheSootr)

विपक्ष का हमला: यह हादसा नहीं हत्या है

विपक्षी नेताओं ने इस घटना को महज एक हादसा मानने से इंकार कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे हत्या करार दिया है और आरोप लगाया कि अस्पताल के फायर उपकरण, केबल, स्विच, बिल्डिंग और बेड्स की समय-समय पर जांच नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि सभी उपकरणों की एक निश्चित समय सीमा होती है और इनकी नियमित जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या हम किसी बड़े हादसे का इंतजार करते हैं, और क्या सरकार सिर्फ जांच के बाद ही कार्रवाई करने का विचार करती है?

पूर्व सीएम अशोक गहलोत का बयान

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और सोमवार सुबह एसएमएस अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने आग से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि प्रशासन की इस लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान चली गई, जो न केवल दुखद है, बल्कि प्रशासन के लिए शर्मनाक भी है।

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सरकार बोली- करेंगे कड़ी कार्रवाई

सरकार और प्रशासन ने इस घटना के बाद कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने का फैसला लिया है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या जांच के बाद प्रशासन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि राज्य सरकार इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाती है। 

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FAQ

1. एसएमएस अस्पताल में आग कैसे लगी?
इसकी जांच अभी चल रही है, लेकिन जांच समिति को आग के कारणों की विस्तृत जानकारी और राहत कार्यों की समीक्षा करनी है।
2. एसएमएस अस्पताल में मृतकों के परिजनों का क्या दावा है?
मृतकों के परिजनों का कहना है कि प्रशासन ने लापरवाही बरती, जिससे हादसा हुआ। वे न्याय की मांग कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उनके मरीजों को बचाया जा सकता था।
3. एसएमएस अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था में क्या खामियां थीं?
एसएमएस अस्पताल के सुरक्षा गार्ड को फायर फाइटिंग सिस्टम की जानकारी नहीं थी, जिससे बचाव कार्य में बहुत कमी आई। अस्पताल में फायर सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच की कमी थी।
4. विपक्ष एसएमएस अस्पताल में आग घटना को कैसे देखता है?
विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण हुई और इसे महज हादसा नहीं, बल्कि हत्या करार दिया गया है।
5. सरकार एसएमएस अस्पताल में आग हादसे के बाद क्या कदम उठाने जा रही है?
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है और राज्य सरकार इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाने का आश्वासन दे रही है।

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