हनुमान बेनीवाल को भाजपा क्यों कर रही है अंदरखाने से सपोर्ट? क्या है इसके पीछे की बड़ी कहानी?

आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल इस समय विपक्ष की तरफ से बड़े चेहरे के रूप में धुंआधार बैटिंग कर रहे। उनके सामने कोई भी दिग्गज मैदान में नहीं दिख रहे।

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Santosh Kumar pandey
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राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल इस समय बड़े विपक्षी चेहरे के रूप में धुंआधार राजनीतिक बैटिंग कर रहे हैं। नागौर से निकलकर राज्य के अधिकांश जनता से जुड़े मुद्दों पर वे आक्रामक राजनीतिक शैली में काम कर रहे हैं।

जहां आंदोलन या रैली की जरूरत है, बेनीवाल सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) और प्रमुख विपक्ष कांग्रेस (Congress), दोनों को ही घेरने के लिए इनका सहारा ले रहे हैं। उनकी धार को कमजोर करने के लिए राजस्थान का कोई भी राजनीतिक दिग्गज इन दोनों मैदान में नहीं दिख रहे हैं।

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तीसरी ताकत बनकर उभर रहे हनुमान बेनीवाल

दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) और भाजपा सरकार (BJP Government) के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) जन मुद्दों पर आंदोलन की राह पर रहे हैं। 

कुछ समय से हनुमान बेनीवाल की सक्रियता ने उन्हें काफी पीछे छोड़ दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल इस समय राजस्थान की तीसरी सियासी ताकत के रूप में उभरते दिखाई दे रहे हैं।

भाजपा सरकार को ये मिली चुनौती

राजस्थान में 2023 में जब भाजपा की सरकार आई, तो तब दो सबसे बड़ी चुनौती थी। प्रतियोगी परीक्षाओं के लगातार हो रहे पेपरलीक (Paper leak) के मामले को रोकना और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) (RPSC) में बेहतरी करना शामिल था।

पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) में भी ये दो बड़े मुद्दे रहे। उस समय सचिन पायलट ने एक बड़ा अभियान छेड़ रखा था। वहीं, किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार में पेपरलीक के मुद्दे पर खूब विरोध प्रदर्शन किए थे।

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सचिन व किरोड़ी के मुद्दे हुए टेकओवर

कांग्रेस नेता सचिन पायलट और भाजपा किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक इस मुद्दे को फिर ज़िंदा करना चाहते थे। लेकिन, सचिन पायलट ने वो जोर नहीं दिखाया, जो अपनी गहलोत की सरकार में दिखाया था। इसलिए ये मुद्दा धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। हालांकि, किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही भजनलाल शर्मा सरकार को कई मोड़ पर घेरने की कोशिश की है। इन दोनों नेताओं के मुद्दे को धीरे-धीरे सांसद बेनीवाल ने खुद टेकओवर कर लिया।


एक लाख लोगों से दिखा चुके ताकत

Hanuman Beniwal  ने पेपरलीक (Paper leak) मामले को लेकर पहले धरने पर बैठे युवाओं का साथ दिया। उसके बाद खुलकर खेलने लगे। सूत्रों का कहना है कि अगर हनुमान बेनीवाल के साथ कांग्रेस आती तो भाजपा कोई और रणनीति बनाती। लेकिन जब कांग्रेस ने दूरी बनाई तो भाजपा का एक धड़ा हनुमान बेनीवाल को समर्थन करने लगा।

सूत्रों का कहना है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती रद्द करने और आरपीएससी का पुनर्गठन करने के लिए बेनीवाल के 25 मई को जयपुर में हुए उस प्रदर्शन में एक लाख लोगों के जुटने का दावा किया गया। इतनी बड़ी भीड़ युवाओं की राजस्थान के सभी जगहों से आई थी।

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हनुमान बेनीवाल को भाजपा की मौन सहमति

खींवसर विधानसभा उपचुनाव में Hanuman Beniwal  की पत्नी कनिका बेनीवाल की हार के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने लगे। चूंकि, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में बेहद करीब मतों से बेनीवाल की जीत हुई। हनुमान ने कांग्रेस से दूरी बनानी शुरू कर दी थी।

खींवसर उपचुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कनिका बेनीवाल के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी उतार दिया। इसके बाद से हनुमान बेनीवाल ने खुलकर गोविंद सिंह डोटासरा का विरोध शुरू कर दिया था। वहीं, से उनकी राजनीतिक हवा बदलने लगी। बेनीवाल ने जयपुर की तरफ रुख कर लिया। भाजपा का एक धड़ा Hanuman Beniwa  को सपोर्ट कर रहा है।

जाट पॉलिटिक्स व युवाओं को साधने की तैयारी

दरअसल, राजस्थान में अभी भाजपा के पास कोई बड़ा जाट चेहरा नहीं है। सतीश पूनिया के चुनाव हारने के बाद भाजपा किसी मजबूत जाट चेहरे पर दांव लगाना चाह रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अभी Hanuman Beniwal का ट्रायल चल रहा है। सभी कुछ तय नहीं है। कुछ कहना जल्दबाजी है।

वहीं, कांग्रेस में कोई भी Hanuman Beniwal  के समर्थन में जाने को तैयार नहीं है। उधर से कोई पहल भी नहीं हो रही है। भाजपा के बड़े पदाधिकारी का कहना है कि बेनीवाल के साथ युवा और जाट दोनों जुड़ते जा रहे हैं। इसलिए इस पर नजर रखी जा रही है।

एक साथ दो नेताओं पर सियासी प्रहार

राजस्थान कांग्रेस ने बेनीवाल से दूरी बना ली है। इसलिए भाजपा नजदीक आने की हवा चला रही है। वहीं, Hanuman Beniwa  के जरिए भाजपा किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट पर सियासी प्रहार करना चाह रही है। इन दोनों नेताओं को कोई बड़ा राजनीतिक मायलेज न मिले, इसलिए समय समय पर हनुमान बेनीवाल धरने प्रदर्शन और आंदोलन करते रहेंगे।

भाजपा का बड़ा नेता सीधे नहीं कर रहा हमला

सूत्रों का कहना है कि Hanuman Beniwal  चुनकर भाजपा नेताओं पर हमला कर रहे हैं। केंद्रीय नेताओं पर अब नहीं बोल रहे। वहीं, भाजपा और सरकार की तरफ से भी कोई बड़ा नेता जवाब नहीं दे रहा है।

गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म अब धीरे-धीरे Hanuman Beniwal  पर हमला करना शुरू किया है। एक पूर्व राज्य मंत्री ने बताया कि हनुमान बेनीवाल की 25 मई की रैली में कई बड़े नेताओं ने अंदर से खूब मदद की है।

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