राज्यपाल का आदेश रद्द : जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के VC को रिटायरमेंट के दिन मिली राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. बलराज सिंह का निलंबन आदेश रद्द किया। रिटायरमेंट के दिन मिली राहत, हालांकि नीतिगत फैसलों पर रोक लगी।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान हाईकोर्ट ने श्रीकर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति (VC) डॉ. बलराज सिंह का निलंबन आदेश रद्द कर दिया है। यह फैसला जस्टिस अशोक जैन की अदालत ने डॉ. बलराज सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने डॉ. बलराज सिंह को 7 अक्टूबर को उनके रिटायरमेंट से ठीक 8 दिन पहले निलंबित कर दिया था।

निलंबन आदेश को चुनौती 

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस आदेश को चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें निलंबित करने से पहले कोई सुनवाई नहीं की गई, और न ही उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया गया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि यह निलंबन केवल उन्हें पुनः वीसी पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य ठहराने के उद्देश्य से किया गया था। 

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जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी का निलंबन रद्द 

हाईकोर्ट ने डॉ. बलराज सिंह को उनके रिटायरमेंट के दिन राहत दी, हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी नीतिगत फैसले को लेने से रोका गया है। कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को रद्द किया और याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार किया।

पुनः वीसी पद पर नियुक्ति से रोकने के लिए हुआ निलंबन

डॉ. बलराज सिंह के निलंबन आदेश को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सवाल उठाए गए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील समदड़िया ने बताया कि डॉ. सिंह का कार्यकाल 15 अक्टूबर को समाप्त हो रहा था और उन्होंने नए वीसी की चयन प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा, खोज समिति की रिपोर्ट में डॉ. सिंह का नाम वीसी पद के लिए विचारार्थ सूचीबद्ध था। ऐसे में उनका निलंबन केवल चयन प्रक्रिया से उन्हें बाहर करने के उद्देश्य से किया गया।

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निलंबन से पहले नहीं ली गई राज्य सरकार की सलाह

डॉ. बलराज सिंह के निलंबन में राजस्थान सरकार से कोई परामर्श नहीं लिया गया, जो कि विश्वविद्यालय के वीसी को निलंबित करने का एक आवश्यक नियम है। निलंबन आदेश में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि राज्य सरकार से परामर्श लिया गया था, जो नियमों के खिलाफ है।

राजभवन का क्या था तर्क  

राजभवन ने कहा कि डॉ. बलराज सिंह के खिलाफ गंभीर शिकायतें थीं, जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया। राज्यपाल के अनुसार, वीसी ने विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कर्मचारियों को बर्खास्त किया और उनका गलत तरीके से तबादला किया। इसके अलावा, वीसी ने कार्यकाल के आखिरी तीन महीनों में कई नीतिगत फैसले लिए, जो नियमों के खिलाफ थे।

डॉ. बलराज सिंह का कार्यकाल और विवाद 

डॉ. बलराज सिंह  जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के VC रह चुके हैं। बाद में, उन्हें कांग्रेस सरकार के तहत जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय का VC नियुक्त किया गया था। उनकी कार्यशैली को लेकर विवाद रहे थे।  उनके कई फैसलों को लेकर सवाल उठाए गए थे।

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