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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के जयपुर में एक हैरान कर देने वाले मामले में फैमिली कोर्ट ने एक पति की ओर से दायर तलाक की याचिका को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने इसे मानसिक क्रूरता मानते हुए फैसला सुनाया कि पत्नी ने शादी के बाद अपने पति से शारीरिक संबंध बनाने के बजाय बॉयफ्रेंड से संबंध बनाए। इस मामले ने सामाजिक और कानूनी पहलुओं को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
पति ने लगाए गंभीर आरोप
यह मामला जयपुर के एक युवक और सीकर की एक युवती के बीच का है। दोनों का विवाह 3 फरवरी, 2020 को हुआ था। विवाह के बाद भी पत्नी ने पति से शारीरिक संबंध नहीं बनाए और पति ने तलाक के लिए याचिका दायर की। पत्नी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उसका किसी बॉयफ्रेंड से कोई संबंध नहीं है। हालांकि पति ने कोर्ट में कई ठोस सबूत पेश किए, जिनमें शादी से पहले और बाद की चैटिंग, फोटो, वीडियो और दो एफआईआर शामिल थीं।
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बॉयफ्रेंड से जुड़े सबूत
पत्नी के बॉयफ्रेंड के साथ अवैध संबंधों के कई सबूत कोर्ट में पेश किए गए। पति ने बताया कि उसने शादी के पहले और बाद में पत्नी की कई चैट्स, तस्वीरें और वीडियो देखी, जिनसे यह साबित हुआ कि पत्नी का बॉयफ्रेंड के साथ लगातार संपर्क था। इसके अलावा, बॉयफ्रेंड की पत्नी ने भी युवती के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करवाई थीं। इन एफआईआर में युवती पर आरोप लगाया गया कि वह बॉयफ्रेंड के साथ अवैध संबंध बना रही थी।
पत्नी की सगाई का टूटना
पत्नी के खिलाफ शादी से पहले दो बार एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमें आरोप था कि उसकी वजह से पारिवारिक कलह उत्पन्न हो रही थी। पहली बार जब बॉयफ्रेंड की पत्नी ने युवती के खिलाफ शिकायत की, तो जांच में यह साबित हुआ कि आरोप सही थे। दूसरी बार भी पत्नी के साथ अवैध संबंधों के कारण तलाक की मांग की गई थी। पति ने कोर्ट में इन एफआईआर और उनके जांच रिपोर्ट को सबूत के रूप में पेश किया।
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शादी के बाद 16 दिन का समय
पति ने अदालत में यह भी बताया कि विवाह के बाद उसकी पत्नी महज 16 दिन ही उसके साथ रही। इस दौरान भी पत्नी ने धार्मिक कार्यक्रमों, पारिवारिक रिश्तेदारों से मिलने और घूमने-फिरने में समय बिताया। 16 दिन बाद पत्नी ने शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया और तबीयत खराब होने का बहाना बनाया। फिर उसने झूठे आरोप लगाकर पति को परेशान करना शुरू कर दिया। पति ने यह भी कहा कि पत्नी ने बाद में दहेज के लिए 10 लाख रुपए की मांग की थी।
मानसिक क्रूरता और तलाक की मंजूरी
कोर्ट ने इस मामले में दायर तलाक की याचिका को गंभीरता से लिया और पति के पक्ष में फैसला सुनाया। जस्टिस पवन कुमार ने यह फैसला दिया कि जब विवाह के बाद पत्नी द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के बजाय बॉयफ्रेंड के साथ संबंध बनाए जाते हैं, तो यह मानसिक क्रूरता है और इस कारण पति को तलाक की मंजूरी दी जाती है।
मुख्य बिंदु
- बॉयफ्रेंड से शारीरिक संबंध
- मानसिक क्रूरता का आरोप
- एफआईआर और सबूत
- फैमिली कोर्ट का तलाक का फैसला