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Photograph: (the sootr)
राजस्थान हाई कोर्ट ने जयपुर के चारदीवारी एरिया में आवासीय इमारतों में व्यावसायिक गतिविधि संचालित होने वाली 19 संपत्तियों को सीज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि यदि यह 19 संपत्तियां सीज नहीं होती हैं, तो नगर निगम हेरिटेज के आयुक्त व्यक्तिगत रूप से इसके लिए जिम्मेदार होंगे। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस संजीत पुरोहित ने यह निर्देश स्व:प्रेरणा से दर्ज जनहित याचिका पर दिए। मामले में अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी।
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स्व:प्रेरणा से जनहित याचिका
मामले में न्यायमित्र एडवोकेट शोभित तिवाड़ी ने बताया कि हाई कोर्ट ने साल 2013 में चारदीवारी क्षेत्र में अवैध निर्माण और आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने के मामले में स्व:प्रेरणा से जनहित याचिका दर्ज की थी। अदालत ने इसके बाद समय-समय पर कई निर्देश दिए।
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पेश की थीं तीन लिस्ट
साल 2019 में जयपुर नगर निगम ने चारदीवारी क्षेत्र की 133 संपत्तियों की तीन लिस्ट पेश की थीं। पहली लिस्ट में 19 संपत्तियां थीं। निगम के अनुसार, यह संपत्तियां या तो सरकारी जमीन पर हैं या अतिक्रमण हैं या अनाधिकृत निर्माण हैं। दूसरी लिस्ट में आंशिक रूप से अतिक्रमण या अनियमितता वाली 12 संपत्तियां और तीसरी लिस्ट में 112 संपत्तियों में मामूली अनियमिता बताई थीं।
19 में से पांच संपत्तियां की सीज
जयपुर नगर निगम हेरिटेज की पिछले दिनों सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल ने कोर्ट को कहा था कि अदालत के 19 सितंबर, 2019 के आदेश के अनुसार 19 संपत्तियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने पहली लिस्ट में शामिल सभी 19 संपत्तियों को सीज करने के आदेश दिए थे, लेकिन नगर निगम ने मात्र पांच संपत्तियों को सीज किया।
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कोर्ट ने स्वीकारा भेदभाव का तर्क
इस पर इन संपत्तियों के मालिकों ने कोर्ट में अर्जी पेश कर कहा कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, क्योंकि कोर्ट ने सभी 19 संपत्तियों को सीज करने को कहा था, लेकिन निगम रसूखदारों की संपत्तियों को छोड़कर छोटे कारोबारियों की दुकानों को सीज कर दिया है। उन्होंने कहा कि या तो सभी 19 संपत्तियां सीज की जाएं या सभी को खुला रहने दिया जाए। इस पर अदालत ने नगर निगम की पहली सूची में बताई गई सभी 19 संपत्तियों को सीज करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख बिंदु
19 अवैध संपत्तियां सीज होंगी
नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल
भेदभाव का आरोप
अदालत ने सभी 19 संपत्तियों को सीज करने के आदेश दिए
आने वाली सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर