विकास दिव्यकीर्ति पर भड़का कोर्ट, IAS और जज के बीच अंतर समझाना पड़ा भारी

दृष्टि IAS कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ हाईकोर्ट की कार्यशैली पर की गई टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज हुआ है। वह 22 जुलाई को अजमेर कोर्ट में पेश होंगे।

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Amresh Kushwaha
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दृष्टि IAS कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति हाल ही में अपने एक वीडियो के कारण विवादों में घिरे हुए हैं। इस वीडियो में उन्होंने हाईकोर्ट की कार्यशैली पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी। इसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया। यह वीडियो IAS बनाम जज - कौन ज्यादा पावरफुल? के नाम से वायरल हुआ था। इस मामले में न्यायपालिका पर अपमानजनक और व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए हैं।

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IAS और जज के बीच अंतर समझाना पड़ा भारी

विकास दिव्यकीर्ति का वीडियो उस समय सामने आया जब वह अपने छात्रों को IAS और जज के बीच की शक्ति का अंतर समझा रहे थे। वीडियो में उन्होंने न्यायपालिका और जजों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इसे लेकर वकील कमलेश मंडोलिया ने अजमेर कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया। आरोप यह था कि दिव्यकीर्ति ने न्यायपालिका और जजों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई।

दिव्यकीर्ति पर मानहानि केस को एक नजर में समझें...

  • विकास दिव्यकीर्ति ने हाल ही में एक वीडियो में न्यायपालिका और जजों के कार्यशैली पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, जिसके कारण वह विवादों में घिर गए।

  • वीडियो का नाम "IAS बनाम जज - कौन ज्यादा पावरफुल?" था, जिसमें दिव्यकीर्ति ने जजों की शक्ति को IAS अधिकारियों की तुलना में कम बताया था।

  • इस टिप्पणी को लेकर वकील कमलेश मंडोलिया ने अजमेर कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया।

  • अदालत ने 40 पेज का आदेश जारी करते हुए दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई तक अजमेर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।

  • यह मामला न्यायपालिका की प्रतिष्ठा की रक्षा को लेकर गंभीर संकेत देता है और अपमानजनक टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दिव्यकीर्ति को मिले कोर्ट में पेश होने के आदेश

इस मामले में अदालत ने 40 पेज का आदेश जारी किया है। इसमें दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई तक अजमेर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। अदालत का यह निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिखाता है कि न्यायपालिका अपनी प्रतिष्ठा को लेकर कितनी गंभीर है। साथ ही, कोर्ट पर किसी भी प्रकार के अपमानजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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क्या है वीडियो का मुख्य मुद्दा?

वीडियो के दौरान विकास दिव्यकीर्ति ने अदालत और न्यायाधीशों के कार्यशैली पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि IAS अधिकारियों की तुलना में जजों की शक्ति कहीं अधिक सीमित होती है। इस टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ वकीलों ने मोर्चा खोला और अदालत में मुकदमा दायर किया।

जानें विकास दिव्यकीर्ति कौन हैं?

विकास दिव्यकीर्ति एक प्रतिष्ठित शिक्षक, लेखक, और दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर के संस्थापक हैं। उनका जन्म 26 दिसंबर, 1973 को हरियाणा में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में ग्रैजुएशन और उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1996 में UPSC परीक्षा में सफल होकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में काम किया, लेकिन एक साल बाद उन्होंने कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस की स्थापना की। वे यूट्यूब पर भी सक्रिय हैं, जहां उनके 37 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, और वे हिंदी में UPSC aspirants की मदद करते हैं।

 

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