जयपुर-कोटा में आयकर छापा, रियल एस्टेट ग्रुप और पान मसाला कंपनियों पर कार्रवाई

राजस्थान के जयपुर और कोटा में आयकर विभाग ने रियल एस्टेट और पान मसाला कंपनियों से जुड़े 18 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। कैश लेन-देन और अनियमितताओं के आरोपों की जांच जारी है।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान के जयपुर और कोटा में मंगलवार 2 सितंबर 2025 को आयकर विभाग (Income Tax Department) ने एक बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई। विभाग ने रियल एस्टेट और पान मसाला कंपनियों से जुड़े 18 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में आयकर विभाग के अधिकारियों ने कई प्रमुख कंपनियों पर कड़ी नजर रखी, जिनमें हाई फ्लाई रियल एस्टेट ग्रुप, सिग्नेचर पान मसाला के सिद्धेश्वर गम्स, गोकुल कृपा ग्रुप और बीआरबी डेवलपर्स शामिल हैं।

आयकर विभाग नेजयपुर कोटा में आयकर छापा मार कर इन कंपनियों के खिलाफ एक बड़ी जांच शुरू की है। इसमें मुख्य रूप से प्रॉपर्टी के खरीद-बिक्री में कैश लेन-देन और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। यह कदम लंबे समय से इन कंपनियों के खिलाफ आ रही शिकायतों के बाद उठाया गया है। आयकर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इन कंपनियों ने एक साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी खरीदी और उन्हें कालाबाजारी में बेचकर बाजार में प्रॉपर्टी के दामों को बढ़ाया है।

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राजस्थान में आयकर विभाग की छापेमारी क्यों हुई?

आयकर विभाग ने जिन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की, उन पर मुख्य रूप से कई गंभीर आरोप हैं। इसमें प्रमुख आरोप हैं:

  1. कैश लेन-देन: कंपनियों पर आरोप है कि वे प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री में कैश लेन-देन करती थीं, जो आमतौर पर अवैध माना जाता है।

  2. ब्लैक मार्केटिंग: कंपनियों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी खरीद ली और फिर बाजार में अपनी इच्छा के अनुसार कीमत तय की, जिससे प्रॉपर्टी के दाम बढ़ गए।

  3. अनियमितताओं की शिकायतें: इन कंपनियों के खिलाफ लंबे समय से अनियमितताओं की शिकायतें आ रही थीं, जिससे आयकर विभाग को इन ठिकानों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता महसूस हुई।

आयकर विभाग के अधिकारी अब इन कंपनियों से प्रॉपर्टी से जुड़े सभी दस्तावेज मांग रहे हैं, ताकि इन आरोपों की सच्चाई का पता चल सके। इस कार्रवाई को लेकर विभाग में चर्चा तेज हो गई है, और माना जा रहा है कि शाम तक इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।

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आयकर विभाग छापेमारी क्यों करता है?

धारा 132 के तहत, आयकर छापे या तलाशी और जब्ती की कार्रवाई वरिष्ठ आयकर अधिकारियों द्वारा की जाती है, जैसे कि प्रधान महानिदेशक, महानिदेशक, मुख्य आयुक्त, आदि, जब उन्हें लगता है कि किसी व्यक्ति के पास पूरी तरह या आंशिक रूप से अघोषित आय, संपत्ति या नकदी, आभूषण आदि जैसी मूल्यवान वस्तुएं हैं। इसके अलावा, यदि व्यक्ति आयकर विभाग के नोटिस या सम्मन का जवाब नहीं देता है या मानता है कि वह जवाब नहीं देगा, तो वह आयकर विभाग की तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दायरे में आ सकता है। छापे के दौरान, आयकर अधिकारी परिसर में प्रवेश कर तलाशी ले सकते हैं, ताले तोड़ सकते हैं, किसी भी व्यक्ति की तलाशी ले सकते हैं या संपत्ति जब्त कर सकते हैं। आयकर छापे का उद्देश्य देश में काले धन का मुकाबला करना है।

काला धन क्या है?

काला धन  अवैध रूप से अर्जित धन है जिस पर आयकर और अन्य कर नहीं चुकाए गए हैं। अवैध रूप से जमा किया गया और कर अधिकारियों से छुपाया गया बेहिसाब धन भी काला धन कहलाता है। इसलिए, किसी को भी बेहिसाब या अघोषित धन, आभूषण या कोई भी संपत्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसी स्थिति में, आयकर अधिकारियों द्वारा करदाता पर छापा मारने की संभावना बहुत अधिक होगी। इसलिए, करदाता को किसी और का धन रखते समय भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका हिसाब-किताब रखा जाए।

कंपनियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है?

राजस्थान में आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान कंपनियों से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज़ों की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, इन दस्तावेज़ों का अध्ययन करने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या इन कंपनियों ने अवैध तरीके से बाजार को प्रभावित किया है या नहीं। इसके अलावा, आयकर विभाग को इन कंपनियों के बैंक खातों और लेन-देन की भी जांच करनी है, ताकि यह पता चल सके कि इन कंपनियों के संचालन में किस प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।

विभाग ने छापेमारी के दौरान प्रॉपर्टी के सभी लेन-देन से संबंधित दस्तावेज़ों की मांग की है, जिसमें खरीद-फरोख्त के समझौते, कैश ट्रांजैक्शन की जानकारी और अन्य संबंधित रिकॉर्ड शामिल हैं। इन दस्तावेज़ों का विश्लेषण करने के बाद विभाग इस मामले में अपनी अगली कार्रवाई करेगा।

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रियल एस्टेट कंपनियों की भूमिका और आरोप

रियल एस्टेट कंपनियों पर आरोप है कि वे किसी विशेष क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी खरीदती थीं और फिर उसे कम समय में बेचना शुरू कर देती थीं। इस प्रक्रिया में आम लोग भी प्रभावित होते थे, क्योंकि उनकी जमीन की कीमतें अचानक बढ़ जाती थीं और वे महंगे दामों पर प्रॉपर्टी खरीदने को मजबूर हो जाते थे।

आयकर विभाग का मानना है कि इन कंपनियों द्वारा इस प्रकार के अनियमित लेन-देन से कर चोरी हो सकती है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।

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पान मसाला कंपनियों पर आरोप

सिग्नेचर पान मसाला के सिद्धेश्वर गम्स पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आयकर विभाग का कहना है कि इस कंपनी ने भी रियल एस्टेट कंपनियों की तरह ही अपने व्यापार के जरिए कर चोरी की है। हालांकि पान मसाला का कारोबार मुख्य रूप से बिक्री से संबंधित है, लेकिन इन कंपनियों ने रियल एस्टेट कारोबार में भी पैसा लगाया था।

पान मसाला कंपनियों पर यह आरोप है कि उन्होंने भी अपने व्यावसायिक लेन-देन को छिपाकर कर चोरी की और इस पैसे का इस्तेमाल प्रॉपर्टी बाजार में किया। विभाग ने इस कंपनी के बैंक खातों और अन्य लेन-देन की भी जांच शुरू कर दी है।

आगे की जांच और संभावित खुलासे

आयकर विभाग की यह छापेमारी तब हुई जब इन कंपनियों के खिलाफ लगातार अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि इस जांच में समय लग सकता है, क्योंकि प्रॉपर्टी और पान मसाला कारोबार से जुड़े दस्तावेज़ों की समीक्षा करना एक जटिल प्रक्रिया है।

आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कुछ बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो आने वाले समय में जनता के सामने आ सकते हैं। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन कंपनियों द्वारा किसी प्रकार की कर चोरी न की गई हो और यह कि इनका लेन-देन पूरी तरह से कानूनी तरीके से हुआ हो।

FAQ

1. आयकर विभाग ने जयपुर और कोटा में किस कारण से छापेमारी की?
आयकर विभाग ने रियल एस्टेट और पान मसाला कंपनियों से जुड़े 18 ठिकानों पर छापेमारी की, जिन पर कैश लेन-देन और ब्लैक मार्केटिंग का आरोप है।
2. आयकर विभाग ने रियल एस्टेट और पान मसाला कंपनियों पर कौन-कौन से आरोप लगाए गए हैं?
आयकर विभाग ने कंपनियों पर कैश लेन-देन, ब्लैक मार्केटिंग और प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने के आरोप लगाए गए हैं।
3. आयकर विभाग ने जयपुर और कोटा में छापेमारी के दौरान क्या दस्तावेज़ मांगे हैं?
विभाग ने कंपनियों से प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज़, खरीद-फरोख्त के समझौते और कैश ट्रांजैक्शन की जानकारी मांगी है।
4. क्या जयपुर और कोटा में छापे के दौरान आयकर विभाग को कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है?
हां, विभाग को इन दस्तावेज़ों के विश्लेषण के बाद इस मामले में महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।
5. क्या आयकर विभाग जांच के बाद रियल एस्टेट और पान मसाला कंपनियों पर कोई कार्रवाई करेगा?
हां, आयकर विभाग इस जांच के बाद कंपनियों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है, यदि कोई अवैध लेन-देन पाया जाता है।

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