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जयपुर सेंट्रल जेल, जो राज्य की सबसे बड़ी जेलों में से एक है, में विचाराधीन बंदियों के पास मोबाइल फोन मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। यह गंभीर मामला सुरक्षा व्यवस्था और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। हाल ही में, 28 सितंबर को दो मोबाइल फोन बरामद किए गए, और इस प्रकार, पिछले 22 दिनों में कुल 34 मोबाइल फोन जेल में पाए गए हैं। इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था में खामी
सेंट्रल जेल में मोबाइल फोन मिलने की घटनाओं ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। जेल के अधिकारियों के अनुसार, यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है, क्योंकि मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंदी अपने अपराधों को बढ़ावा देने और जेल के अंदर अवैध गतिविधियों को संचालित करने में कर सकते हैं। जेल प्रशासन ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए लालकोठी थाने में 19 एफआईआर दर्ज कराई हैं, लेकिन इस बात की जांच अब तक किसी एजेंसी द्वारा नहीं की गई है कि आखिर ये मोबाइल जेल में कैसे पहुंच रहे हैं।
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फिर मोबाइल की बरामदगी
28 सितंबर को, जयपुर सेंट्रल जेल में दो अलग-अलग वार्ड्स से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए लालकोठी थाने के एएसआई और जांच अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि यह बरामदगी वार्ड 13 और वार्ड 5 से हुई। रिपोर्ट के अनुसार, वार्ड 13 में बंदी पुलकित यादव के पास एक मोबाइल मिला, जबकि वार्ड 5 में एक अन्य मोबाइल फोन मिला। दोनों बंदियों से मोबाइल के संबंध में पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी, जिसके बाद उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।
मोबाइल कैसे पहुंच रहे हैं जेल में
यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि आखिर बंदियों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंच रहे हैं। पिछले 22 दिनों में लगातार मोबाइल फोन की बरामदगी से यह स्पष्ट हो गया है कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं। किसी भी एजेंसी द्वारा अब तक इस मामले की जांच नहीं की गई है, और यह स्थिति चिंताजनक है। यह सवाल जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है कि आखिर कैसे इन मोबाइल फोन को जेल में पहुंचाया जा रहा है और उन तत्वों को कौन सहायता प्रदान कर रहा है, जो इन अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
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जेल प्रशासन की सुरक्षा पर सवाल
सेंट्रल जेल में मोबाइल फोन की बढ़ती बरामदगी से एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है कि जेल की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो रही है। जेल प्रशासन ने अब तक जो कदम उठाए हैं, वे शायद पर्याप्त नहीं रहे। यह मुद्दा केवल बंदियों के पास मोबाइल मिलने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जेल की समग्र सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। इसके अलावा, यह भी जानना जरूरी है कि जेल के भीतर सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बावजूद ये मोबाइल फोन कैसे बाहर से अंदर पहुंचे।
क्या कदम उठाए गए हैं
जयपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल बरामद होने के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। इससे जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगता है। पिछले कुछ समय में जेल प्रशासन ने इस मामले में कई कदम उठाए हैं। जेल में मोबाइल फोन की बरामदगी के बाद 19 एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं और पुलिस जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि, इन कदमों के बावजूद इस गंभीर मुद्दे की जांच को लेकर कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। यह मामला जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, और अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में इस पर कितनी कड़ी कार्रवाई की जाती है।