कचौरी दुकानदार का बैंक खाता फ्रीज : हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय और रिजर्व बैंक से मांगी जानकारी

राजस्थान के जयपुर के एक कचौरी दुकानदार का बैंक खाता साइबर ठगी के आरोप में फ्रीज हुआ। उसने हाई कोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने गृह मंत्रालय और रिजर्व बैंक से जानकारी मांगी।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
jaipur shop

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के जयपुर शहर में स्थित त्रिवेणी नगर चौराहे पर कचौरी की दुकान चलाने वाले दुकानदार का बैंक खाता महज कुछ रुपए के कारण फ्रीज हो गया। यह मामला तब सामने आया, जब तेलंगाना में एक साइबर ठगी की एफआईआर दर्ज हुई। इसमें पाया गया कि किसी ने कचौरी दुकानदार के बैंक खाते में पेमेंट किया था। इसके बाद पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर बैंक ने इस खाते को फ्रीज कर दिया, जिससे दुकानदार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।

जयपुर एयरपोर्ट तरस रहा यात्रियों को, सात महीने में डेढ़ लाख हुए कम, जानें क्या हैं कारण

हाई कोर्ट ने क्या कदम उठाया?

कचौरी दुकानदार पदम कुमार जैन ने इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया था और उनका खाता बिना किसी नोटिस के बंद कर दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील अक्षत शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि बैंक ने न तो नोटिस भेजा और ना ही मजिस्ट्रेट की अनुमति ली। इसके बाद हाई कोर्ट ने पूरी दलीलें सुनने के बाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र को आदेश दिया कि वे पदम कुमार जैन का खाता डी-फ्रीज करें।

फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठगने का नया मामला, जयपुर में हुई गिरफ्तारी

गृह मंत्रालय और आरबीआई से जानकारी मांगी

कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि किसी ग्राहक के बैंक खाते को बिना जानकारी और बिना किसी ठोस कारण के क्यों फ्रीज किया जाता है। साथ ही कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि इस तरह के मामलों में क्या कोई गाइडलाइन है।

साइबर ठगी और यूपीआई भुगतान की समस्या

साइबर ठगी के मामलों में अक्सर छोटे दुकानदारों को बिना किसी गलती के नुकसान उठाना पड़ता है। छोटे व्यापारी दिनभर में जो भी सामान बेचते हैं, उसका भुगतान ज्यादातर यूपीआई (UPI) के माध्यम से किया जाता है, लेकिन कुछ लोग साइबर ठगी के लिए किराए पर लिए गए बैंक खातों से यूपीआई भुगतान करते हैं, जिससे दुकानदारों का बैंक खाता फ्रीज हो जाता है।

कानून मंत्री के किस बयान से नाराज हुए वकील, आज जयपुर-जोधपुर में कार्य बहिष्कार

खाता फ्रीज होने के बाद व्यापारी की मुश्किलें

जब किसी साइबर ठगी से जुड़ी रकम एक बैंक खाते में जमा होती है और उस खाते से भुगतान किया जाता है, तो पुलिस उसे रोकने के लिए बैंक को पत्र लिखती है। जांच के दौरान अगर बैंक को इस बारे में सूचना मिलती है, तो उस खाते को फ्रीज कर दिया जाता है। इससे दुकानदार का व्यापार ठप हो जाता है और वे अपनी दैनिक जरूरतों के लिए भी परेशान हो जाते हैं।

344 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद जयपुर में कम नहीं हुआ वायु प्रदूषण

क्या करना चाहिए छोटे दुकानदारों को?

छोटे दुकानदारों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन होती है, क्योंकि उन्हें हर ग्राहक से भुगतान की पुष्टि करना असंभव होता है। दुकानदारों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे यूपीआई भुगतान के माध्यम से किए गए लेन-देन पर और अधिक ध्यान दें, ताकि उन्हें भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

FAQ

1. कचौरी दुकानदार का बैंक खाता क्यों फ्रीज किया गया?
कचौरी दुकानदार के बैंक खाते में साइबर ठगी से जुड़ी रकम जमा होने के कारण पुलिस के आदेश पर खाता फ्रीज कर दिया गया था।
2. क्या छोटे दुकानदारों के लिए यूपीआई से किए गए भुगतान को वेरीफाई करना संभव है?
छोटे दुकानदारों के लिए यह मुश्किल है कि वे हर यूपीआई पेमेंट की पुष्टि करें, क्योंकि वे नहीं जानते कि पेमेंट किस खाता से किया जा रहा है।
3. हाई कोर्ट ने इस मामले में क्या कदम उठाए?
हाई कोर्ट ने बैंक को आदेश दिया कि कचौरी दुकानदार का खाता डी-फ्रीज किया जाए और गृह मंत्रालय व आरबीआई से जानकारी मांगी है कि खाता फ्रीज करने के क्या नियम हैं।

कचौरी दुकानदार राजस्थान हाई कोर्ट गृह मंत्रालय एफआईआर साइबर ठगी जयपुर राजस्थान
Advertisment