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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में जयपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए अब एक नया कदम उठाने की योजना बनाई गई है। शहर में ट्रैफिक मार्शल की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे दिल्ली के मॉडल के आधार पर लागू किया जाएगा।
यह प्रस्ताव जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल द्वारा सरकार को भेजा गया है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो जयपुर की ट्रैफिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अगर प्रस्ताव मान लिया जाता है, तो जयपुर में नागरिकों को बनाया जाएगा ट्रैफिक मार्शल।
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ट्रैफिक की बढ़ती समस्या
जयपुर में पिछले कई वर्षों से पुलिस की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है, जबकि शहर की आबादी में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। ट्रैफिक पुलिस की कमी के कारण शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, खासकर पीक आवर्स में। हालांकि ट्रैफिक वार्डन की मदद ली जाती रही है, जो बिना किसी मानदेय के काम करते रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या कम होने के कारण समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था।
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नियुक्ति से क्या बदलाव आएंगे?
दिल्ली में ट्रैफिक मार्शल के मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। अब जयपुर में भी इसे लागू करने का विचार किया जा रहा है। ट्रैफिक मार्शल का काम जाम को नियंत्रित करना, ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखना होगा। इस कदम से स्थानीय नागरिकों को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सकती है। जयपुर में यह योजना अलग-अलग इलाकों में लागू की जाएगी, जहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।
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ट्रैफिक मार्शल का मानदेय और चयन प्रक्रिया
जयपुर पुलिस ने ट्रैफिक मार्शल की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि वे दिन में 4 घंटे ड्यूटी देने पर 6000 रुपए का मासिक मानदेय प्राप्त करेंगे। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि ट्रैफिक मार्शल को उनके कार्य के लिए उचित भुगतान मिलेगा, जो पहले ट्रैफिक वार्डन के साथ नहीं था। हालांकि उनको चयन के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा।
यह होंगे चयन के लिए नियम
चयन के लिए कुछ नियम भी तय किए गए हैं। आवेदक को कम से कम 10वीं पास होना चाहिए और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, उनके चरित्र का सत्यापन किया जाएगा और फिर इंटरव्यू के आधार पर चयन किया जाएगा। चयन के बाद उन्हें यातायात नियमों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ड्यूटी के दौरान ट्रैफिक मार्शल को पुलिसकर्मियों की तरह जैकेट और कैप पहनने होंगे।
ट्रैफिक मार्शल की निगरानी
ट्रैफिक मार्शल की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो एसीपी स्तर के अधिकारी होंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रैफिक मार्शल की ड्यूटी और कार्यों में कोई अनियमितता न हो और उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाए।
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मुख्य बिंदु
- जयपुर में ट्रैफिक मार्शल को नियुक्त किया जा रहा है ताकि ट्रैफिक की समस्या को सुलझाया जा सके, खासकर पीक आवर्स में। ट्रैफिक व्यवस्थाओं को बेहतर किया जा सके।
- ट्रैफिक मार्शल के लिए चयन प्रक्रिया में 10वीं कक्षा तक शिक्षा, ड्राइविंग लाइसेंस, चरित्र सत्यापन और इंटरव्यू शामिल होंगे। इसके बाद उन्हें यातायात नियमों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ट्रैफिक मार्शल को 4 घंटे की ड्यूटी के बदले 6000 रुपए महीने का मानदेय दिया जाएगा, जो पहले ट्रैफिक वार्डन को नहीं मिलता था।
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