झुंझुनूं में कुत्तों की हत्या के मामले में जमानत पर बाहर आए आरोपी का स्वागत, लड्डू भी बांटे गए

राजस्थान के झुंझुनूं में कुत्तों को गोली मारने वाले युवक का स्वागत, पशु प्रेमियों और सोशल मीडिया पर गुस्सा। अपराधियों को सम्मानित करने की मानसिकता पर सवाल।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक गांव में 25 कुत्तों की हत्या करने के आरोपी का स्वागत करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हुआ यूं कि झुंझुनूं के कुमावास गांव में एक युवक ने 2 अगस्त को 25 कुत्तों को गोली मार दी थी। 4 अगस्त को इस घटना का वीडियो सामने आया था, जिसमें श्योचंद नामक युवक कुत्तों को गोली मारते हुए नजर आ रहा था। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि वह कभी बाइक पर तो कभी पैदल कुत्तों के पीछे दौड़ता हुआ उन्हें गोली मार रहा था। इस खौफनाक घटना के बाद गांव में 25 कुत्तों के शव पाए गए।

आरोपी का  जोरदार स्वागत,  डीजे बजाया

आरोपी श्योचंद बावरिया को 18 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 22 अगस्त को उसे जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद श्योचंद का गांव में जोरदार स्वागत हुआ। ग्रामीणों ने डीजे बजाया, उसे माला पहनाई और पिकअप में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया। यहां तक कि बस स्टैंड पर पहुंचने पर, वहां से गुजर रही रोडवेज बस को रुकवाकर उसके साथियों ने यात्रियों को लड्डू बांटे। श्योचंद इस पूरे स्वागत का अभिवादन हाथ जोड़कर करता रहा।

सोशल मीडिया पर गुस्सा

इस स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसके बाद पशु प्रेमियों का गुस्सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस घटना पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, “आज कुत्तों का कातिल सेलिब्रिटी है, कल इंसानों का हत्यारा भी ऐसे ही सम्मानित होगा?” एक व्यकित ने लिखा कि दूसरे ने लिखा, “यह   खतरनाक मानसिकता है। अपराधियों को हीरो नहीं बनाया जाना चाहिए।”

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क्या है पशु प्रेमियों की प्रतिक्रिया

झुंझुनूं और आसपास के इलाकों में काम कर रहे पशु प्रेमी संगठनों ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि सरकार लाखों रुपए पशु संरक्षण के लिए खर्च कर रही है, वहीं  झुंझुनूं में कुत्तों की हत्या के आरोपी का स्वागत निंदनीय है। पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और आईपीसी की धारा 429 के तहत जानवरों की हत्या को गंभीर अपराध माना जाता है, जिसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। फिर भी, आरोपी का सम्मानित करना कानून और न्याय दोनों का मजाक है।

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जमानत मिलने पर सवाल क्यों

पशु प्रेमियों और समाज के कई हिस्सों ने कुत्तों की हत्या के आरोपी श्योचंद बावरिया की जमानत पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि ऐसे अपराधियों को सम्मानित करना समाज के लिए खतरनाक है, क्योंकि यह अपराध को बढ़ावा देता है। इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या इस तरह के अपराधियों को समाज में सम्मानित किया जाना चाहिए? अपराधियों के सम्मान से समाज में गलत संदेश जाता है। 

FAQ

1. झुंझुनूं में कुत्तों की हत्या करने वाले युवक को  सम्मानित करने का मामला क्या है?
जब श्योचंद को जमानत मिली, तो गांव में उसके स्वागत के लिए डीजे बजाए गए, उसे माला पहनाई गई और पिकअप में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया गया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोग इसे अपराधियों को सम्मानित करने की खतरनाक मानसिकता मानते हैं।
2. पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जानवरों की हत्या पर क्या सजा है?
पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और आईपीसी की धारा 429 के तहत जानवरों की हत्या एक गंभीर अपराध है, जिसमें आरोपी को सजा और जुर्माने का प्रावधान है। फिर भी आरोपी को सम्मानित करना कानून और न्याय दोनों का मजाक है।
3. इस घटना पर पशु प्रेमियों का क्या कहना है?
पशु प्रेमियों का कहना है कि सरकार करोड़ों रुपए पशु संरक्षण के लिए खर्च कर रही है, लेकिन इस तरह का रवैया समाज के लिए निंदनीय है। उन्हें लगता है कि अपराधियों को सम्मानित करने से यह संदेश जाता है कि समाज में अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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