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Photograph: (the sootr)
Jaisalmer. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत का कहना है कि इस समय देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में अलग-अलग प्रक्रिया से काम हो रहा है, जबकि वर्तमान दौर में पूरे देश में एक समान न्यायिक सिस्टम से ही काम होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि कहा कि वैसे भी तकनीकी विकास ने भौगोलिग सीमाओं को खत्म कर दिया है। इसलिए अब न्यायिक सिस्टम को भी राष्ट्रीय नजरिए से पूरे देश के लिए एक समान होना चाहिए, न कि अलग-अलग।
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तकनीक से बन रही आसान
सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित वेस्ट जोन रीजनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रभावी उपयोग से न्यायिक प्रणाली ज्यादा पारदर्शी तो बनेगी ही, साथ में आम नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच भी आसान और तेज होगी। उन्होंने याद दिलाया कि नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड और ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के उपयोग से केस फाइलिंग, ट्रैकिंग और सुनवाई प्रक्रिया को आसान बना रही हैं।
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सरल भाषा में हों अदालती फैसले
सीजेआई ने इस बात पर भी जोर दिया कि बहुत बार मुकदमा करने वालों को यह ही पता नहीं चलता कि आखिर कोर्ट ने फैसला ​क्या किया है! पक्षकार यह नहीं समझ पाता कि उसे कोई राहत भी मिली है या नहीं और यही आम आदमी के शोषण का कारण बनता है। इसलिए जरूरी है कि अदालती आदेश ऐसी भाषा में लिखे जाएं, जिसे आम नागरिक आसानी से समझ लें।
जमानतों पर प्राथमिकता से हो सुनवाई
सीजेआई ने कहा कि अब व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े जमानत और बंदी प्रत्यक्षीकरण जैसे अत्यंत आवश्यक मामलों को दो दिनों में सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा। इससे अदालत के काम में तेजी आएगी और लोगों को न्याय जल्दी मिलेगा।
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तकनीक से बढ़ेगी कार्यक्षमता
सीजेआई ने तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि इससे न केवल कोर्ट की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि इससे सिस्टम पर जनता का भरोसा भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी ​तकनीक के इस्तेमाल की असली कसौटी है ​कि वह आम नागरिक के लिए कितनी फायदेमंद है।
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दो दिवसीय ज्यूडिशियल सम्मेलन
जैसलमेर के होटल रंगमहल में आयोजित इस दो दिवसीय ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के 20 वरिष्ठ न्यायाधीशों, विभिन्न हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों सहित देशभर से 200 से अधिक जज भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य विषय एडवांस रूल ऑफ लॉ थ्रू टेक्नोलॉजी : चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी रखा गया है। इसमें ई-कोर्ट्स, डिजिटल केस मैनेजमेंट, वर्चुअल हियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यायिक सुधारों पर चर्चा की जा रही हैं।
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जवानों की हौसला अफजाई की
तनोट मंदिर में दर्शन के उपरांत सीजेआई ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सीमा चौकी का दौरा किया। उन्होंने वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों और महिला प्रहरियों से संवाद कर उनकी कार्य परिस्थितियों की जानकारी ली व विषम भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों में कर्तव्य पालन कर रहे जवानों का उत्साहवर्धन किया।
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