रणथंभौर से मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट बाघिन 'कनकटी' का खौफ, रेंज के 5 गांवों में दहशत

राजस्थान में रणथंभौर से मुकंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट की गई कनकटी बाघिन खौफ का कारण बन चुकी है। बाघिन ने फ्री रेंज जंगल में मूवमेंट करना शुरू कर दिया है। इसने आसपास के पांच गांवों में खौफ फैला दिया है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

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Kamlesh Keshote
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baghin kankati

Photograph: (the sootr)

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Kota. राजस्थान में रणथंभौर से मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट की गई कनकटी बाघिन का नाम अब क्षेत्र में भय का कारण बन चुका है। बाघिन ने मंगलवार से मुकंदरा के फ्री रेंज जंगल में मूवमेंट करना शुरू कर दिया है और इसने आसपास के पांच गांवों में खौफ फैला दिया है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

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रणथंभौर में बाघिन का खौफ 

कनकटी बाघिन पहले रणथंभौर टाइगर रिजर्व में रहती थी। जहां इसका नाम T-84 था। रणथंभौर में रहते हुए इस बाघिन ने एक 7 साल के बालक और एक वन रेंजर को शिकार बनाया था। जिसके बाद उसे वहां से हटाकर मुकंदरा भेज दिया गया था। बाघिन के रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास जंगल में मूवमेंट की जानकारी मिली थी। जिससे इसकी खौफनाक पहचान बन चुकी थी।

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बाघिन का गुस्सैल स्वभाव 

कनकटी बाघिन का स्वभाव काफी गुस्सैल बताया जाता है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में रहते हुए इसने दूसरी बाघों की टेरिटरी में भी अपना दबदबा बनाया। उदाहरण के तौर पर बाघिन रिद्धि की टेरिटरी में घुसकर उसके साथ संघर्ष भी किया था। यह बाघिन 2025 के अप्रैल माह में एक 7 साल के बालक कार्तिक सुमन पर हमला करके उसे मार डाला था। बालक अपनी दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर दर्शन करने के बाद घर लौट रहा था। जब यह हमला हुआ।

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वन विभाग के रेंजर पर हमला 

मई, 2025 में कनकटी बाघिन ने वन विभाग के रेंजर देवेंद्र चौधरी पर भी हमला किया था। जिससे रेंजर की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद वन विभाग ने बाघिन को मुकंदरा के दरा रेंज में स्थानांतरित किया था। लेकिन एक दिन पहले बाघिन ने अपने एंक्लोजर को फांद दिया और अब फ्री रेंज जंगल में घूम रही है। अब अमझार, भटवाड़ा, ढाणी, नयागांव और दरा गांवों में इस बाघिन का खौफ बना हुआ है।

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बाघिन के आतंक से सन्नाटा 

बाघिन का खौफ इस कदर है कि मुकंदरा टाइगर हिल्स से जुड़े गांवों में दहशत का माहौल है। इन गांवों के गलियारों में शाम के बाद सन्नाटा पसरा हुआ रहता है। शाम के बाद अमूमन लोग घरों में ही रहते हैं। ग्रामीणों को बाघिन से खतरे को लेकर अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। आपको बता दें कि बाघिन गुस्सैल स्वभाव की हमलावर है। ऐसे में ग्रामीणों में बाघिन का खौफ है। 

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रणथंभौर में अन्य बाघों का आतंक 

रणथंभौर में कनकटी के अलावा भी कई अन्य बाघों का आतंक रहा है। इनमें सबसे प्रसिद्ध और कुख्यात बाघ T-24 (उस्ताद) था। जो रणथंभौर में कई लोगों पर हमला करके मारा गया था। इसके अतिरिक्त T-86 बाघ समेत अन्य बाघों के हमलों में कई वन रक्षक और चरवाहे मारे गए हैं। ऐसे बाघों को अपनी हरकतों के कारण पार्क से हटा दिया गया था।

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मुख्य बिंदु 

कनकती बाघिन का खौफ: कनकटी बाघिन के रणथंभौर में कई हमले करने के बाद जिसमें एक बालक और वन रेंजर की मौत हो गई थी। इसे मुकंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था। ताकि वहां के लोग सुरक्षित रह सकें। 

गुस्सैल स्वभाव: कनकटी बाघिन का स्वभाव गुस्सैल है। जिसके कारण वह अन्य बाघों की टेरिटरी में घुसकर संघर्ष करती थी और मनुष्यों पर भी हमले करती रही है। 

गांवों में डर: कनकटी बाघिन अब मुकंदरा के फ्री रेंज जंगल में घूम रही है। जिससे आसपास के गांवों में खतरे का माहौल बना हुआ है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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