सरकार ने विधानसभा में कहा, खैरथल-तिजारा जिले का नाम भर्तृहरि नगर नहीं, मुख्यालय भी नहीं जाएगा अन्यत्र

राजस्थान सरकार ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलने और मुख्यालय स्थानांतरित करने की योजना को स्थगित कर दिया है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने अपना विरोध जारी रखा।

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Amit Baijnath Garg
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राजस्थान में खैरथल-तिजारा जिले का नाम भर्तृहरि नगर कर उसका मुख्यालय अन्यत्र करने के प्रस्ताव को लेकर सरकार फिलहाल बैकफुट पर है। इस प्रस्ताव के विरोध में इस नए जिले के लोग करीब एक पखवाड़े से आंदोलन की राह पर हैं।

राजस्थान सरकार ने राजस्थान विधानसभा में मुंडावर विधायक ललित यादव के एक प्रश्न के जवाब में बताया कि खैरथल-तिजारा जिले का नाम भर्तृहरि नगर कर जिला मुख्यालय अन्यत्र स्थापित करने को लेकर राजस्व विभाग स्तर पर कोई परिपत्र या अधिसूचना वर्तमान में जारी नहीं की गई है। यादव ने प्रश्न में यह भी पूछा कि क्या सरकार ने जिला मुख्यालय अन्यत्र स्थापित करने के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों से कोई औपचारिक परामर्श या जनमत्र संग्रह कराया है। इस पर सरकार ने जवाब ना में दिया। 

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आरोप... सरकार छिपा रही तथ्य

मुंडावर से कांग्रेस विधायक ललित यादव ने कहा कि हम सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। हमें संदेह है कि सरकार जिले का नाम बदलकर उसे अन्यत्र स्थापित करने के एजेंडे को विधानसभा सत्र के बाद अमल में ला सकती है। हम इस मामले में सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को खुद आगे आकर बताना चाहिए कि नाम बदलने और खैरथल से मुख्यालय छीनने की बात कैसे चली।

नाम बदलने से आया उबाल 

दरअसल, अगस्त के दूसरे सप्ताह में मीडिया में यह खबर आई कि दो साल पहले बने खैरथल-तिजारा जिले का नाम भर्तृहरि नगर कर उसका मुख्यालय भिवाड़ी करने का प्रस्ताव है। इसके बाद इस जिले की राजनीति में उबाल आ गया। खैरथल, मुंडावर और किशनगढ़बास के लोगों का कहना था कि भर्तृहरि नगर का नाम इस नए जिले पर जबरन थोपा जा रहा है, जबकि भर्तृहरि अलवर जिले के लोक देवता हैं। लोगों का गुस्सा इस बात पर ज्यादा था कि खैरथल से जिला मुख्यालय छीना जा रहा है।   

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मामले ने ले लिया सियासी रूप 

इस मामले ने सियासी रूप ले लिया, जब अलवर से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बधाई दे दी। इसके विरोध में कांग्रेस पूरी तरह सड़क पर उतर आई। किशनगढ़बास से कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया और मुंडावर से कांग्रेस विधायक ललित यादव के नेतृत्व में लोग आंदोलन करने लगे। खैरथल के व्यापारी 17 अगस्त से बाजार बंद कर कांग्रेस के आंदोलन से जुड़ गए।

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भूपेंद्र यादव के बयान ने भड़काया

इस बीच, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के उस बयान ने भी आंदोलन को भड़काने का काम किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भर्तृहरि नगर नाम का विरोध वे लोग कर रहे हैं, जो राम या राम मंदिर के विरोधी रहे हैं। मुंडावर से कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके रोहिताश चौधरी का कहना है कि मंत्री का यह कथन उन आम लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो खैरथल की पहचान को बरकरार रखने का संघर्ष कर रहे थे। उधर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए पहले दिल्ली मेें खैरथल के व्यापारियों और बाद में अलवर में जाटव समाज के लोगों से संवाद किया, लेकिन विरोध कम नहीं हो पाया। 

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भाजपा की हुई जमकर किरकिरी 

सियासी स्तर पर देखा जाए तो इस मामले में भाजपा की किरकिरी हुई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नाम और मुख्यालय बदलने से भाजपा को फायदा होने के बजाय सियासी स्तर पर नुकसान हुआ है। आंदोलन में शामिल लोगों में ज्यादा संख्या भाजपा को वोट देने वालों की रही। जिस तरह के गंभीर आरोप लगे, उससे भाजपा के बड़े नेताओं के छवि और उनकी साख पर भी असर पड़ा।

खैरथल-तिजारा ज़िले का नाम महान तपस्वी बाबा श्री भर्तृहरि नाथ महाराज के नाम पर रखे जाने के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।...

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आज सुबह खैरथल-तिजारा से आए जाटव समाज संस्थान अध्यक्ष श्री रामबाबू जाटव जी और अन्य सदस्यों से संवाद किया।

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भाजपा सरकार ने बरकरार रखे आठ नए जिले

पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने 2023 में चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में 17 नए जिले सृजित कर दिए थे। बाद में सत्ता में आई भाजपा की भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के निर्णय पर कैंची चलाते हुए 9 जिले खत्म कर दिए। अब आठ नए जिलों के साथ प्रदेश में 41 जिले हैं। इनमें खैरथल-तिजारा जिले का नाम भी शामिल है।

FAQ

Q1: राजस्थान सरकार ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलने का फैसला क्यों लिया था?
राजस्थान सरकार ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भर्तृहरि नगर रखने और मुख्यालय को भिवाड़ी स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था, जिससे स्थानीय लोगों ने विरोध किया।
Q2: खैरथल-तिजारा जिले के नाम बदलने पर लोगों का क्या कहना है?
स्थानीय लोग खासकर खैरथल, मुंडावर और किशनगढ़बास के लोग इस नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह उनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को छीनने जैसा है।
Q3: भाजपा के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का बयान क्यों विवादित हुआ?
भूपेंद्र यादव ने भर्तृहरि नगर नाम का विरोध करने वालों को राम या राम मंदिर के विरोधी बताया, जिससे विरोध और बढ़ गया और कांग्रेस ने इसे हमला मान लिया।

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