एलडीसी भर्ती 2013 : हरकत में आया विभाग, अब होगी अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच

राजस्थान में पंचायती राज विभाग ने LDC भर्ती-2013 में फर्जी दस्तावेज़ की जांच के आदेश दिए हैं। अब जिलों में कमेटी गठित कर सत्यापन किया जाएगा।

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Nitin Kumar Bhal
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LDC recruitment 2013

Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) में एलडीसी भर्ती 2013 के मामले में पंचायती राज विभाग ने अब जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने भर्ती के दौरान पेश किए गए दस्तावेज़ की जांच कराने के लिए आदेश दिए हैं। बुधवार को विभाग के सचिव डॉ. जोगाराम ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे अपने जिलों में एलडीसी भर्ती के अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ की जांच के लिए कमेटी गठित करें।

फर्जी पाए गए थे दस्तावेज़

एलडीसी भर्ती के दौरान कई अभ्यर्थियों ने जो दस्तावेज़ प्रस्तुत किए थे, वे फर्जी पाए गए थे। इनमें से 277 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों को कोर्ट ने भी फर्जी करार दिया था और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद विभाग ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया और इन्हें करोड़ों रुपए के वेतन का भुगतान किया गया।

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कमेटी का होगा गठन

अब, विभाग के सचिव डॉ. जोगाराम ने जिलों में एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया है, जो अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों का पुनः सत्यापन करेगी। डॉ. जोगाराम ने 2018 में जारी किए गए एक पत्र का भी हवाला दिया है, जिसमें विभाग ने कहा था कि 2013 एलडीसी भर्ती के अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों का पुनरीक्षण किया जाए और फर्जी दस्तावेज़ों को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाए।

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राज्यस्तरीय जांच कमेटी भी बनाई

इस मामले में राज्यस्तरीय जांच कमेटी भी बनाई गई है, जो जिलेवार अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। इस कमेटी में कुल 10 सदस्य होंगे, जिसमें विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अनिल सोनी (संयुक्त आयुक्त, जांच) को नियुक्त किया गया है। यह कमेटी 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

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दस्तावेज़ का सही तरीके से नहीं सत्यापन

एलडीसी भर्ती में शिकायतें मिली हैं कि अभ्यर्थियों ने जो ऑनलाइन आवेदन के दौरान दस्तावेज़ प्रस्तुत किए थे, उनका सत्यापन सही तरीके से नहीं हुआ। विभाग ने माना कि अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों में अंतर है, और इसे सत्यापित करना आवश्यक है। इसके अलावा, कमेटी यह भी जांचेगी कि अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए रेगुलर स्टडी और कार्य अनुभव प्रमाणपत्र में कोई ओवरलैपिंग तो नहीं है।

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एलडीसी भर्ती-2013 के मामले को 10 पॉइंट्स में समझें

1. एलडीसी भर्ती की शुरुआत:  राजस्थान सरकार ने वर्ष 2013 में विभिन्न सरकारी विभागों में लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) के पदों के लिए भर्ती का आयोजन किया था। इस भर्ती में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

2. दस्तावेज़ का फर्जी होना: भर्ती प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, वे फर्जी पाए गए। इनमें 277 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों को अदालत ने भी फर्जी बताया था।

3. अदालत का आदेश: कोर्ट ने इन फर्जी प्रमाणपत्रों को लेकर संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा था। हालांकि, विभाग ने समय पर कोई कार्रवाई नहीं की, और इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती किए गए कर्मचारियों को वेतन भी दिया गया।

4. विभागीय कार्रवाई की शुरुआत: अब, राजस्थान के पंचायती राज विभाग ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई शुरू की है। विभाग ने भर्ती के दस्तावेज़ों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है, ताकि सही दस्तावेज़ का सत्यापन किया जा सके।

5. जिलास्तर पर कमेटी का गठन: डॉ. जोगाराम, जो कि पंचायती राज विभाग के सचिव हैं, ने सभी कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे जिलास्तर पर एलडीसी भर्ती-2013 के अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ की जांच के लिए कमेटी का गठन करें।

6. 2018 में दिए गए निर्देशों का संदर्भ: डॉ. जोगाराम ने 2018 में दिए गए एक पत्र का संदर्भ दिया, जिसमें यह आदेश था कि अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ की पुनः जांच की जाए। यह आदेश 2018 में जिला परिषदों के सीईओ को जारी किया गया था।

7. दस्तावेज़ में अनियमितताएं: पंचायती राज विभाग ने यह स्वीकार किया कि भर्ती के दौरान अभ्यर्थियों ने जो दस्तावेज़ प्रस्तुत किए थे, उनमें अनियमितताएँ थीं। विभाग को कई शिकायतें मिलीं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि दस्तावेज़ का सत्यापन ठीक से नहीं किया गया था।

8. राज्यस्तरीय जांच कमेटी का गठन: अब राज्य स्तर पर भी एक विशेष जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो सभी दस्तावेज़ की गहनता से जांच करेगी। यह कमेटी विशेष रूप से अनुभव प्रमाणपत्रों और उनके सत्यापन पर ध्यान देगी।

9. कमेटी की रिपोर्ट की समयसीमा: जांच कमेटी को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। यदि किसी अभ्यर्थी के दस्तावेज़ गलत पाए जाते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

10. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय: राजस्थान सरकार ने एलडीसी भर्ती के मामले में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं। भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए भर्ती प्रक्रिया में और भी पारदर्शिता लाने का निर्णय लिया गया है।

FAQ

1. LDC भर्ती 2013 में दस्तावेज़ों का सत्यापन क्यों किया जा रहा है?
LDC भर्ती 2013 में कई अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ फर्जी पाए गए थे। इसलिए पंचायती राज विभाग ने सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ का पुनः सत्यापन करने का निर्णय लिया है।
2. राज्यस्तरीय जांच कमेटी के गठन का उद्देश्य क्या है?
राज्यस्तरीय जांच कमेटी का उद्देश्य एलडीसी भर्ती 2013 में सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच करना और फर्जी दस्तावेज़ के मामलों को सुलझाना है। कमेटी 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
3. एलडीसी भर्ती में कितने अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ फर्जी पाए गए थे?
एलडीसी भर्ती 2013 में 277 अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ कोर्ट द्वारा फर्जी पाए गए थे। इन अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे।

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