राजस्थान के पूर्व मंत्री को सुप्रीम कोर्ट से रा​हत नहीं, राज्य सरकार को भी नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया। भाया ने 19 FIR को एक करने की मांग की थी। शीर्ष कोर्ट ने भाया को भी राहत देने से इनकार किया।

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Nitin Kumar Bhal
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Pramod Jain Bhaya

Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। भाया ने याचिका में उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज लगभग 19 FIR को एक ही FIR मर्ज या फिर रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने स्पष्ट किया कि वे राजस्थान सरकार द्वारा की जा रही जांच पर रोक नहीं लगाएंगे। शीर्ष कोर्ट ने अगली सुनवाई तक भाया के खिलाफ किसी भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। भाया को सभी मामलों में जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।

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भाया के वकील ने क्या कहा?

भाया की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि ये एफआईआर राजनीतिक प्रेरणा से भरी हुई हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि ये एफआईआर 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों के बाद दर्ज की गईं, जब भाया ने चुनावी हार के बाद सत्तारूढ़ दल से दूरी बना ली थी। रोहतगी ने अदालत से इन एफआईआर पर रोक लगाने की अपील की।

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राज्य सरकार का पक्ष

राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने यह दलील दी कि प्रत्येक एफआईआर अलग-अलग अपराधों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि इन एफआईआर को एक साथ जोड़ना न तो कानूनी रूप से संभव है, न ही व्यावहारिक रूप से। शर्मा ने बताया कि इन मामलों की जांच स्वतंत्र रूप से चल रही है।

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हाई कोर्ट ने भी नहीं दी थी राहत

भाया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था और कहा था कि एफआईआर में अलग-अलग आरोप हैं, जिनमें कोई समानता नहीं है।

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कांग्रेस के अमीर नेताओं में शुमार भाया

प्रमोद जैन भाया राजस्थान में कांग्रेस के सबसे अमीर नेताओं में शुमार हैं। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों में दाखिल हलफनामे के अनुसार भाया की कुल संपत्ति 56 करोड़ 48 लाख रुपए है। बारां की अंता सीट से वे चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। 2008 व 2018 में उन्हें जीत हासिल हुई। दोनों बार वे गहलोत सरकार में मंत्री बने। 2013 और 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

 

FAQ

क्या सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस क्यों जारी किया?
सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोद जैन भाया की याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया। भाया ने 19 एफआईआर को एक करने या रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने भाया के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है?
हां, सुप्रीम कोर्ट ने भाया के खिलाफ किसी कठोर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने क्यों भाया की याचिका खारिज की थी?
राजस्थान हाईकोर्ट ने भाया की याचिका को खारिज कर दिया था क्योंकि उसमें दर्ज एफआईआर में अलग-अलग आरोप थे और वे एक ही लेन-देन से उत्पन्न नहीं हुए थे, जिससे उनका एक साथ जोड़ना संभव नहीं था।

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