पूर्व विधायक और भाजपा नेता मलिंगा के खिलाफ जयपुर में ही ट्रायल, सुप्रीम कोर्ट का राहत देने से इनकार

राजस्थान के धौलपुर से पूर्व विधायक और भाजपा नेता मलिंगा के खिलाफ जयपुर में ही चलेगा ट्रायल। सुप्रीम कोर्ट का राहत देने से इनकार। राजस्थान हाई कोर्ट ने धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर किया था ट्रायल। एईएन हर्षाधिपति के साथ मारपीट करने का मामला।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के धौलपुर से पूर्व विधायक और भाजपा नेता गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ एईएन हर्षाधिपति के साथ मारपीट मामले का ट्रायल धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर करने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट से ​मलिंगा की अपील खारिज होने के बाद अब तय है कि मुकदमे का ट्रायल जयुपर में ही होगा।

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आदेश में दखल की जरूरत नहीं 

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में किसी तरह के दखल की आवश्यकता नहीं है। मलिंगा की ओर से कहा गया कि हर्षाधिपति के परिवार में कई वकील हैं और वे बार को प्रभावित कर सकते हैं। मलिंगा के अतिरिक्त मामले में आरोपी समीर, राकेश और गुमान ने भी मामले में मलिंगा की अपील में पक्षकार बनाने की अर्जी दायर की थी। इनका कहना था कि वे सभी धौलपुर के रहने वाले हैं, इसलिए ट्रायल धौलपुर में ही होना चाहिए। 

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गवाहों को धमका चुके हैं मलिंगा

हर्षाधिपति की ओर से एडवोकेट आदित्य जैन ने पैरवी की और अदालत को बताया कि मुख्य आरोपी मलिंगा बाहुबली हैं। वह पहले भी गवाहों को धमकी दे चुके हैं। मलिंगा के जमानत पर रिहा होने के बाद क्षेत्र में विजय जुलूस निकालने के कारण हाई कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी। 

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गवाहों की सुरक्षा के निर्देश

मलिंगा पर मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। इसलिए केस का निष्पक्ष ट्रायल जयपुर में ही संभव हो सकता है, ना कि धौलपुर में। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और ट्रायल कोर्ट में समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। अदालत ने जयपुर पुलिस आयुक्त को गवाहों की सुरक्षा के निर्देश देने को भी कहा है। 

राजकार्य में बाधा का है मामला

28 मार्च, 2022 में धौलपुर के बाड़ी में डिस्कॉम कार्यालय में इंजीनियर हर्षाधिपति और एक जूनियर इंजीनियर नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की गई थी। हर्षाधिपति गंभीर रूप से घायल हुए और उनके हाथ और पैरों में गंभीर चोट आई। करीब एक महीने बाद हर्षाधिपति ने म​लिंगा व उनके साथियों के विरुद्ध मारपीट करने, राज्य कार्य में बाधा पहुंचाने तथा एससी-एसटी प्रताड़ना के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई थी। 

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किया था सरेंडर

म​लिंगा ने तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत से मिलने के बाद सरेंडर कर दिया था। इसके बाद मलिंगा ने हाई कोर्ट से ​जमानत मिलने के बाद क्षेत्र में विजय जुलूस निकाला था। इस पर हाई कोर्ट ने जुलाई, 2024 में उनकी जमानत रद्द करते हुए जेल में सरेंडर करने के आदेश दिए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और तभी से म​लिंगा जमानत पर चल रहे हैं। 

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धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर

इसी साल जुलाई में राजस्थान हाई कोर्ट ने केस का ट्रायल धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे। इस आदेश को म​लिंगा ने सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। मलिंगा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डाली और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने जुलाई, 2025 में सुनवाई को धौलपुर से जयपुर जिला कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।

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