वसुंधरा राजे बनेंगी भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष! जानें भागवत से मुलाकात का क्या गया संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात राजस्थान और राष्ट्रीय राजनीति में नए समीकरण का संकेत दे रही है।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) के बीच 3 सितंबर 2025 को जोधपुर (Jodhpur) में एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह मुलाकात राजस्थान की राजनीति के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकती है। इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, और इसने भाजपा (BJP) के अंदर शक्ति संतुलन और संघ की बढ़ती भूमिका पर सवाल उठाए हैं। अंदरखाने माना जा रहा है कि वसुंधरा भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में कदम बढ़ा सकती हैं।

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यह मुलाकात लालसागर स्थित आदर्श डिफेंस एंड स्पोर्ट्स एकेडमी (Lalsagar Ideal Defense and Sports Academy) परिसर में हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत चली। वसुंधरा सुबह 8:15 बजे वहां पहुंची और करीब 9 बजे वहां से वापस रवाना हो गईं। इस समय का चुनाव भी खास था, क्योंकि जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक (All India Coordination Meeting) 5 से 7 सितंबर तक आयोजित होनी थी, जिसमें संघ परिवार के 32 संगठनों के शीर्ष नेता और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी शामिल होंगे।

वसुंधरा का मोदी-शाह खेमे से तालमेल कैसा है?

राजे और मोदी-शाह (Modi-Shah) के खेमे के बीच कभी सहज रिश्ते नहीं रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में, वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद की सबसे बड़ी दावेदार थीं, लेकिन पार्टी हाईकमान ने भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) को मुख्यमंत्री (CM) बना दिया। इससे वसुंधरा राजे और मोदी-शाह खेमे के रिश्तों में तनाव (Tension) बढ़ गया था। हाल ही में वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी उन्हें फिर से सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश में है।

वसुंधरा-भागवत  मुलाकात के बाद क्या चर्चाएं हैं?

राजे के इस मुलाकात से पहले, उनके धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने की कई खबरें थीं। हालांकि, अंदरखाने यह माना जा रहा था कि उनका मुख्य उद्देश्य डॉ. मोहन भागवत से मिलना था। यह मुलाकात सिर्फ राजस्थान के अंदर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति (National Politics) में भी एक नई दिशा को जन्म दे सकती है। खासतौर पर, इस मुलाकात को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाजपा (BJP) के भविष्य की रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हो सकता है।

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भाजपा और संघ के बीच संतुलन

इस मुलाकात का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह संघ (RSS) की बढ़ती भूमिका और भाजपा (BJP) के भीतर शक्ति संतुलन (Power Balance) में बदलाव की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा के अंदर नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा  देखा गया है, और इस मुलाकात को एक नए राजनीतिक समीकरण के तौर पर देखा जा सकता है। अगर यह मुलाकात वाकई भाजपा के भीतर नए बदलाव की शुरुआत है, तो यह संघ के प्रभाव को और मजबूत कर सकती है।

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क्या राष्ट्रीय राजनीति में जाएंगी वसुंधरा राजे?

वसुंधरा की इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के बीच यह चर्चा चल रही है कि क्या यह उनके राष्ट्रीय राजनीति (National Politics) में एक बड़े कदम की शुरुआत है, या यह केवल भाजपा के भीतर संतुलन बनाने का प्रयास है। यदि संघ और भाजपा वसुंधरा राजे को पार्टी का नेतृत्व सौंपने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो यह भारतीय राजनीति (Indian Politics) में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

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क्या वसुंधरा भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं

वसुंधरा राजे की मोहन भागवत से मुलाकात से यह भी साफ होता है कि संघ (RSS) अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अपनी पसंद को लागू करने में सफल हो रहा है। संघ की प्राथमिकता वसुंधरा राजे हो सकती हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का समर्थन शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के पक्ष में हो सकता है। इस स्थिति में, वसुंधरा राजे को संघ की ओर से समर्थन मिलना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक समीकरण (Political Equation) को जन्म दे सकता है।

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FAQ

1. वसुंधरा और मोहन भागवत की मुलाकात का क्या महत्व है?
यह मुलाकात संघ और भाजपा के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास है, और यह राष्ट्रीय राजनीति में एक नए समीकरण की ओर इशारा करती है।
2. क्या वसुंधरा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं?
संघ की प्राथमिकता राजे हो सकती हैं, और अगर यह सही दिशा में आगे बढ़ती हैं, तो वे भाजपा की पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं।
3. मोदी-शाह और वसुंधरा के बीच संबंध कैसे हैं?
वसुंधरा राजे और मोदी-शाह के रिश्ते हमेशा सहज नहीं रहे हैं, लेकिन हाल ही में उनकी मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि पार्टी उन्हें सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
4. संघ का भाजपा की राजनीति पर क्या असर होगा?
संघ का बढ़ता प्रभाव भाजपा के भीतर शक्ति संतुलन (Power Balance) को प्रभावित करेगा और पार्टी की रणनीति (Strategy) को पुनः आकार दे सकता है।
5. क्या भागवत-वसुंधरा मुलाकात भाजपा के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है?
हां, यह मुलाकात भाजपा के भविष्य की रणनीति (Strategy) और संघ की बढ़ती भूमिका का संकेत देती है, जो पार्टी के नेतृत्व (Leadership) में बदलाव ला सकती है।

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