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Photograph: (The Sootr)
भारतीय वायुसेना (IAF) का सबसे प्रतिष्ठित और लंबे समय तक सेवा देने वाला मिलिट्री एयरक्राफ्ट मिग-21 (MiG-21) अब अपने अंतिम सफर की तैयारी में है। यह विमान भारतीय वायुसेना के लिए 62 सालों तक अहम भूमिका निभाने के बाद रिटायर हो रहा है। मिग-21 का संचालन करने वाली स्क्वाड्रनें राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर में स्थित नाल एयरबेस पर तैनात हैं। इस विमान को विदाई देने के लिए 19 सितंबर को चंडीगढ़ में एक औपचारिक समारोह आयोजित किया जाएगा।
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1965 के युद्ध से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक अहम भूमिका
मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था, जिसने 1965 के युद्ध से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर प्रमुख सैन्य अभियान में अहम भूमिका निभाई। इस विमान ने भारतीय वायुसेना को कई लड़ाइयों में सफलता दिलाई और भारतीय हवाई शक्ति को मजबूती दी। मिग-21 की ऊंची उड़ान और तेज गति ने इसे एक शक्तिशाली लड़ाकू विमान बनाया था। हालांकि, इसके पुराने होने के कारण इसे कई बार 'उड़ता ताबूत' भी कहा गया, क्योंकि इसके साथ कई दुर्घटनाएं भी जुड़ी हैं।
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मिग-21 के बाद 'तेजस' की एंट्री
भारतीय वायुसेना के पास अब मिग-21 की जगह स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (LCA) ‘तेजस’ की तैनाती की जाएगी। तेजस तकनीकी रूप से मिग-21 से कहीं अधिक उन्नत और भविष्य के लिए तैयार विमान है। इसकी डिज़ाइन और तकनीक भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। तेजस, जिसमें अधिक ताकतवर इंजन और उन्नत प्रणालियां हैं, भारतीय वायुसेना के लिए बेहतर सुरक्षा और शक्ति प्रदान करेगा।
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दुर्घटनाओं के कारण विवादों में आया मिग-21
मिग-21 की ख्याति उसकी तेज गति और शानदार लड़ाकू क्षमता के कारण थी, लेकिन इसकी उम्र और एक के बाद एक दुर्घटनाओं ने इसके बारे में विवाद भी पैदा किया। इसके कई दुर्घटनाओं के कारण इसे 'उड़ता ताबूत' कहा गया, लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसके बावजूद इसे अपना विश्वास बनाए रखा और इस विमान ने कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया।
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क्या है मिग—21 का पूरा नाम?
मिकोयान-गुरेविच मिग-21 (अंग्रेज़ी: Mikoyan-Gurevich MiG-21) एक सुपरसोनिक लड़ाकू जेट विमान है। इसका निर्माण सोवियत संघ के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने किया है।
मिग—21 के बारे में यह भी जानें...
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मिग-21 का सफर कैसे शुरू हुआ?
मिग-21 को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। 1962 में चीन के साथ युद्ध में मिली हार के बाद भारतीय वायुसेना को एक ताकतवर और अत्याधुनिक फाइटर जेट की सख्त जरूरत थी। उस समय रूसी मिग-21 दुनिया के सबसे बेहतरीन और उन्नत इंटरसेप्टर विमानों में से एक माना जाता था। यह विमान छोटा, तेज, और फुर्तीला था, और सिंगल इंजन वाला सिंगल-सीटर फाइटर जेट ध्वनि की गति से भी दोगुनी रफ्तार से उड़ सकता था।
तेजस Mk1A की नई खूबियां क्या हैं?
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