जयपुर। राजस्थान के मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की बहार आने वाली है। रणथम्भौर से एक और बाघ मुकंदरा हिल्स पहुंच रहा है। रणथम्भौर में नाका भीड़ क्षेत्र के एनक्लोजर से गुरुवार को ऐरोहेड (टी-84) की मादा कनकटी शावक RBT-2507 को ट्रक्यूलाइज कर उसे मुकंदरा रवाना किया गया।
उप वन सरंक्षक डॉ. रामानंद भाकर के नेतृत्व में किए गए इस ट्रांसलोकेशन में बाघिन को रेडियो कॉलर भी पहनाई गई। इसकी उम्र लगभग दो साल है। इसी सप्ताह मुकंदरा के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में RBT-2508 (मादा शावक) रणथम्भौर से पहुंची थी।
प्रदेश के वन और पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने द सूत्र को बताया कि हमारा टारगेट मुकंदरा हिल्स को बाघों से आबाद करने का है। रणथम्भौर में हमारे पास बाघों की संख्या पर्याप्त है। इसलिए हमने मुकंदरा में बाघों को रणथम्भौर से भेजने का फैसला किया है। भविष्य में और भी बाघ मुकंदरा में शिफ्ट किए जाएंगे। अब मुकुन्दरा हिल्स में शावकों समेत बाघों की संख्या 5 हो गई।
तीन शावक किए विस्थापित
तीन कोटा संभाग के मुकुन्दरा हिल्स में इस बाघिन को भेजने के साथ ही एरोहेड के तीन शावकों को अन्यत्र विस्थापित करने का काम पूरा हो गया है। इससे पहले 11 जून को एरोहेड के नरशावक RBT-2509 को कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य में भेजा गया था।
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रणथम्भौर में इंसानों से टकराव बढ़ा
मुकंदरा हिल्स को 2013 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। वर्ष 2020 में शावकों सहित 6 बाघ थे। लेकिन कुछ बाघों की मौत के कारण यहां बाघों को विस्थापित करने की आवश्यकता महसूस होने लगी। वहीं, रणथंभौर में बाघ और मानव के बीच टकराव की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वहां से कुछ बाघों को अन्यत्र भेजने पर विचार किया जाना लगा। मुकंदरा नेशनल पार्क
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