नागौर एसपी का विदाई जुलूस विवादों में; हनुमान बेनीवाल का आरोप, जुलूस में ठुमका लगाने वालों में हिस्ट्रीशीटर-तस्कर व अपराधी भी

नागौर के एसपी नारायण टोगस के विदाई जुलूस को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बेनीवाल ने कहा कि इस जुलूस में अपराधी और हिस्ट्रीशीटर शामिल थे, जो कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।

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Nitin Kumar Bhal
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Hanuman Beniwal

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राजस्थान (Rajasthan) में नागौर के स्थानांतरित हुए एसपी IPS नारायण टोगस (IPS Narayan Togas) अपने विदाई जुलूस को लेकर विवाद में आ गए हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से क्षेत्रीय सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने इस विदाई कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि इस जुलूस में नागौर के कई थानों के हिस्ट्रीशीटर और अपराधी शामिल हुए। एसपी नारायण टोगस का नागौर से जोधपुर ग्रामीण में समान पद पर तबादल हो गया था। वे उन 91 आईपीएस अधिकारियों में शामिल थे, जिनका हाल ही में राज्य सरकार ने तबादला कर दिया था। टोगस को तबादले होने पर घोड़ी पर बैठा कर जुलूस के रूप में विदाई दी गई। इस जुलूस में पुलिस कर्मियों के साथ सैंकड़ों लोग शरीक हुए।

 

 

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जब खा रही बाड़ खेत को

सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट में कहा कि एसपी नारायण टोगस के विदाई जुलूस में घोड़ी लाने वाले से लेकर ठुमके लगाने वालों में से अधिकतर नागौर के कई थानों के बड़ी संख्या में हिस्ट्रीशीटर,तस्कर और अपराधी थे। यह इंगित करता है कि ऐसे लोग जहां भी जाएंगे, वहां वो पहले से ही संदेश दे रहे है कि आपका पुलिस कप्तान माफियाओं और अपराधियों को पसंद करता है। यहां तो बाड़ ही खेत खाने वाली कहावत चरितार्थ हो गई।

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नागौर एसपी के विदाई जुलूस को लेकर बेनीवाल ने क्या आरोप लगाए?

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जब नागौर शहर में निषेद्याज्ञा लागू थी तो यह जुलूस किसकी अनुमति से निकाला गया। क्या कानून सिर्फ आम आदमी के लिए है। बेनावाल ने अपनी पोस्ट में उस निषेधाज्ञा आदेश की कॉपी में लगाई, जिसमें जिला कलेक्टर की ओर से नागौर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशांका में 13 जुलाई से 8 अगस्त् तक निषेधाज्ञा लागू का जिक्र है। हालांकि, नागौर के कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित का दावा है कि एसपी के विदाई जुलूस के लिए एसडीएम ने अनुमति दी थी। इसके बाद ही एसपी का विदाई जुलूस निकाला गया।

 

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Photograph: (The sootr)

 

 

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नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह से क्या सवाल पूछा?

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मेरा सवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है कि क्या देश की संसद में पारित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता सिर्फ आम आदमियों के लिए लागू है। मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी पूछना चाहता हूं कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत लगाई जाने वाली निषेधाज्ञा की पालना करना उनके लिए जरूरी नहीं है। क्या यह कानून उस अधिकारी पर लागू नहीं होता, जिसकी सिफारिश पर नागौर में जिला मुख्यालय, सर्किट हाऊस से कलक्ट्रेट, रेलवे तिराहा से कोर्ट परिसर, कलक्ट्रेट, एसपी ऑफिस होते हुए नकाश गेट तक के सीमा क्षेत्र में 15 जुलाई से 8 अगस्त तक निषेधाज्ञा लगाई गई।

 

 

क्या जिला प्रशासन की जवाबदारी नहीं

नागौर सांसद ने कहा कि एक तरफ डीजे बजाने वाले लोगों पर चालान करके डीजे बंद होने की बात पुलिस करती है, वहीं भाजपा नेताओं के इशारे पर यह एसपी खुद डीजे  पकड़ता है तो फिर एसपी की विदाई में डीजे पर प्रतिबंध कहां गया। उन्हांने आरोप लगाया कि अब यह हो सकता है कि आनन -फानन में निषेधाज्ञा तोड़ने के उल्लंघन की श्रेणी से बचने के लिए शायद कोई अनुमति भी दिखाई जाए, लेकिन क्या जिला प्रशासन की इस मामले में कोई जवाबदारी नहीं बनती है।

 

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सांसद हनुमान बेनीवाल को गुस्सा क्यों आया?

दरअसल, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को 15 जुलाई को नागौर जिला मुख्यालय पर आक्रोश रैली का आयोजन करना था। इसके लिए उनकी टीम की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से रैली में अधिक से अधिक लोगों के आने की अपील की गई। एसपी नारायण टोगस ने इस रैली से नागौर की कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका व्यक्त करते हुए जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित से निषेधाज्ञा लगाने की सिफारिश की। इसे आधार बनाकर कलेक्टर ने नागौर में निषेधाज्ञा लागू कर रैली के आयोजन पर रोक लगा दी। यह निषेधाज्ञा आठ अगस्त् तक प्रभावी है। इस बीच एसपी का जोर-शोर से विदाई जुलूस निकाला गया।

 

 

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FAQ

1. हनुमान बेनीवाल ने एसपी नारायण टोगस के विदाई जुलूस पर क्या आरोप लगाए हैं?
हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि इस जुलूस में नागौर के हिस्ट्रीशीटर और अपराधी शामिल थे, जो गलत संदेश दे रहे थे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब नागौर में निषेधाज्ञा लागू थी, तो जुलूस की अनुमति किससे ली गई?
2. एसपी नारायण टोगस के विदाई जुलूस में किसने अनुमति दी थी?
नागौर के कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित के अनुसार, एसपी के विदाई जुलूस के लिए एसडीएम ने अनुमति दी थी, जिसके बाद यह जुलूस आयोजित किया गया।
3. क्या एसपी के विदाई जुलूस में डीजे पर प्रतिबंध था?
हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि एसपी के विदाई जुलूस में डीजे बजाने पर कोई प्रतिबंध नहीं था, जबकि पुलिस अन्य आयोजनों में डीजे बजाने पर कार्रवाई करती है।

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