मेडिकल काम में बाधा डालने के आरोप में नरेश मीणा फिर गिरफ्तार, तीन अन्य पर भी कार्रवाई

राजस्थान में झालावाड़ पुलिस ने मेडिकल काम में बाधा डालने के आरोप में नरेश मीणा को गिरफ्तार किया, साथ ही तीन अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की गई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के दौरान मेडिकल रिलीफ कार्यों में व्यवधान डालने के आरोप में नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के डीन की शिकायत पर नरेश मीणा के खिलाफ तीन धाराओं (धारा 121(1), 132 और 352) में केस दर्ज किया। नरेश के साथ पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, कांग्रेस नेता विजय प्रताप सिंह पानाखेड़ा और हिस्ट्रीशीटर प्रदीप उर्फ गोलू को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस की कार्रवाई और तस्वीरें

गिरफ्तारी के दौरान की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें नरेश मीणा को पुलिसकर्मी बनियान और लोअर पहने थाने के अंदर ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। सभी आरोपियों को थाने में रखा गया है और पुलिस की कानूनी कार्रवाई में सहयोग किया जा रहा है।

पहले शांति भंग का आरोप, फिर मेडिकल कॉलेज में हंगामा

झालावाड़ पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, नरेश मीणा की गिरफ्तारी स्कूल हादसे के दिन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठने, एंबुलेंस का रास्ता रोकने, पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने और अस्पताल परिसर में हंगामा करने से जुड़ी है। पथराव के बाद उन्हें शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार को जमानत मिलने के बाद उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी के लिए खुफिया ऑपरेशन

नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने खुफिया ऑपरेशन चलाया। उन्हें भवानी मंडी थाने में रखा गया और फिर शिफ्ट करके सदर थाने लाया गया। इस दौरान कुछ लोग वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिनसे पुलिस ने भी पूछताछ की और उनके फोन जब्त कर लिए। यह पुलिस कार्रवाई चर्चा का विषय बनी रही।

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एफआईआर में ये आरोप

एसआरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय पोरवाल और हॉस्पिटल अधीक्षक अशोक शर्मा ने अस्पताल परिसर में हुए हंगामे के मामले में एफआईआर दर्ज कराई। आरोप है कि नरेश मीणा ने अस्पताल में भारी हंगामा किया, जिससे इमरजेंसी और आईसीयू सेवाएं बाधित हो गईं। इसके अलावा, अस्पताल स्टाफ के साथ हाथापाई और अभद्रता की और अपशब्द बोले। नरेश मीणा के हंगामे के कारण एम्बुलेंस और अन्य इमरजेंसी सेवाओं में रुकावट आई, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

थप्पड़ कांड और सशर्त जमानत

इसके पहले, नरेश मीणा को टोंक में एक एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह अपनी हरकतें दोहराएंगे नहीं। फिर भी 25 जुलाई को नरेश मीणा ने झालावाड़ अस्पताल में धरना दिया, जिसके कारण आईसीयू में भर्ती मरीजों को परेशानी हुई और इस कारण उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया।

मैं तो न्याय की मांग कर रहा था: नरेश मीणा

पुलिस वैन से उतरकर थाने के ले जाते समय नरेश मीणा ने कहा कि मैं तो झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अपनी जन क्रांति यात्रा बीच में छोड़कर बच्चों को न्याय दिलाने आया था। झालावाड़ के अस्पताल में धरने का मकसद सरकार से पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजा लेना था, लेकिन यह मकसद पूरा नहीं हो पाया। सरकार ने परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया।

FAQ

1. नरेश मीणा की गिरफ्तारी के आरोप क्या थे?
नरेश मीणा पर मेडिकल रिलीफ कार्यों में बाधा डालने, अस्पताल के रास्ते को रोकने और स्टाफ के साथ अभद्रता करने के आरोप थे।
2. नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ?
नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें भवानी मंडी थाने में रखा गया और फिर सदर थाने शिफ्ट किया गया। पुलिस ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।
3. नरेश मीणा को पहले क्यों गिरफ्तार किया गया था?
उन्हें पहले शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने अस्पताल के बाहर धरना दिया और पथराव किया था।

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