CM भजनलाल के साथ मंच पर नहीं बैठे नवलगढ़ MLA विक्रम सिंह, मंच से नाम पुकारने पर भी नहीं गए

नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल का राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ मंच पर न बैठना सियासी चर्चाओं का विषय बन गया है। इस मामले को लेकर पार्टी में असंतोष की चर्चा हो रही है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Nawalgarh. राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मंड्रेला कस्बे में शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के मुख्य आतिथ्य में एक बड़ा सार्वजनिक एवं राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ।

इस कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता जैसे प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, जिलाध्यक्ष हर्षिणी कुलहरि, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, विधायक राजेंद्र यादव, धर्मपाल और अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया। मंच पर मंत्रिमंडल के सदस्य अविनाश गहलोत और केएल चौधरी भी मौजूद थे, लेकिन एक अप्रत्याशित दृश्य ने सभी का ध्यान खींचा। नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, जो कार्यक्रम में तो मौजूद थे, लेकिन मंच पर नहीं गए।

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पुकारे जाने के बावजूद नहीं आए विधायक

कार्यक्रम के दौरान जब मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मंच पर पहुंचे, तो मंच से बार-बार विधायक विक्रम सिंह जाखल का नाम स्वागत के लिए पुकारा गया, लेकिन वे अपनी सीट पर बैठे रहे और मंच पर नहीं गए। उनका यह कदम सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। क्या इस कदम के पीछे कोई नाराजगी है? क्या यह पार्टी की दिशा से असंतोष का संकेत था?

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तबीयत खराब या सियासी दूरी?

कार्यक्रम के बाद जब नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल से मीडिया ने इस विषय पर सवाल किए, तो उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत खराब थी, इसलिए वे मंच पर नहीं गए, लेकिन इस सफाई के बावजूद सियासी चर्चाएं जोर पकड़ने लगीं। क्या वाकई उनकी तबीयत खराब थी या फिर यह किसी अन्य कारण का परिणाम था? क्या उन्हें सीएम के कार्यक्रम में उचित सम्मान और सीट नहीं दी गई? क्या यह सिर्फ तबीयत का मसला था या सियासी वजहें थीं?

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पहले भी दिखी थी सियासी दूरी

यह पहला मौका नहीं है, जब विक्रम सिंह जाखल सियासी सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर झुंझुनूं जिले में आयोजित रक्तदान शिविर का श्रेय भी विक्रम सिंह को जाता है। हालांकि उस कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग नहीं लिया था। तब भी यह सवाल उठा था कि क्या नेताओं ने खुद दूरी बनाई या उन्हें निमंत्रण नहीं मिला? अब मंड्रेला कार्यक्रम में मंच से दूरी बनाना उसी सियासी दूरी की ओर इशारा करता है।

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पार्टी पर इसका क्या असर पड़ेगा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जैसे दिग्गज नेताओं की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में एक सत्ताधारी दल के विधायक का आम जनता के बीच बैठना पार्टी अनुशासन के लिए गंभीर संकेत हो सकता है। यदि यह केवल तबीयत का मसला था, तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर यह उपेक्षा या असंतोष का प्रदर्शन था, तो यह पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को नोट किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में झुंझुनूं भाजपा की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।

FAQ

1. नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह ने मंच पर क्यों नहीं गए?
विक्रम सिंह ने मंच पर नहीं जाने का कारण अपनी तबियत खराब होने को बताया, लेकिन इसके पीछे सियासी कारणों की भी चर्चा हो रही है।
2. क्या यह कदम पार्टी की अनुशासनहीनता को दर्शाता है?
यदि यह केवल स्वास्थ्य कारण था, तो चिंता की बात नहीं, लेकिन यदि यह असंतोष या उपेक्षा का प्रदर्शन था, तो यह पार्टी के लिए एक गंभीर संकेत हो सकता है।
3. क्या नवलगढ़ विधायक पहले भी सियासी दूरी बना चुके हैं?
हां, नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल ने पहले भी सियासी दूरी बनाई थी, जैसे कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर आयोजित रक्तदान शिविर में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए थे।

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