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Photograph: (TheSootr)
Jaipur . राजस्थान के लाखों कर्मचारियों को राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने दिवाली के ठीक पहले तगड़ा झटका दिया है। राजस्थान सरकार ने ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) को समाप्त करने का निर्णय लिया। इस कदम से सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों में गहरी चिंता और असंतोष का माहौल बन गया। यह निर्णय उन बोर्डों, निगमों, राजकीय उपक्रमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं पर लागू होता है, जहां ओपीएस लागू था।
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ओपीएस के बजाय देंगे एनपीएस
राजस्थान सरकार ने इन संस्थाओं में ओपीएस की जगह नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), सीपीएफ और ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) जैसी पेंशन योजनाओं को लागू करने का फैसला लिया है। वित्त विभाग ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि कुछ संस्थाएं वित्तीय दृष्टि से कमजोर हैं और उनका पेंशन दायित्व निभाने की क्षमता नहीं है।
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राजस्थान में अब नहीं जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम
राज्य सरकार ने कहा है कि जिन संस्थाओं के पास पर्याप्त पेंशन फंड नहीं हैं, वे ओपीएस लागू नहीं कर पाएंगी। इन संस्थाओं को "जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम" (ओपीएस) की जगह एनपीएस, सीपीएफ या ईपीएफ व्यवस्था अपनाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, वित्त विभाग ने यह भी आदेश दिया है कि अगर किसी संस्था की वित्तीय स्थिति कमजोर है, तो वहां कर्मचारियों या पेंशनरों से जो योगदान लिया गया है, वह पूरी राशि ब्याज सहित लौटाई जाएगी।
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गहलोत सरकार ने लागू की थी जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के तहत 20 अप्रैल 2023 को "जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम" लागू करने का आदेश जारी हुआ था, लेकिन बाद में इस आदेश को वित्त विभाग ने रद्द कर दिया और नया दिशानिर्देश जारी किया। इसके तहत उन संस्थाओं को ओपीएस से मुक्ति दी गई, जो इसे लागू करने में सक्षम नहीं थीं।
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संस्थाओं को दी गई स्वायत्तता
फाइनेंस डिपार्टमेंट ने यह स्पष्ट किया कि यदि किसी संस्थान का वित्तीय संकट गहरा हो और उसके पास पर्याप्त पेंशन फंड नहीं हो, तो वह ओपीएस लागू करने का निर्णय नहीं ले सकती है। हालांकि, इन संस्थाओं को कर्मचारियों के योगदान का पूरा पैसा, ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया गया है।
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कर्मचारी संगठनों ने की आलोचना
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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए मांग की है कि राज्य सरकार को इस निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमजोर वित्तीय स्थिति वाले संस्थानों को कर्मचारी हित में आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि ओपीएस को जारी रखा जा सके।
केंद्र सरकार भी नहीं देना चा​हती ओपीएस
केंद्र सरकार ने पहले ही इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं का इजहार किया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओपीएस को लेकर सवाल उठाए थे। केंद्र सरकार ने ओपीएस की समस्याओं को हल करने के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की शुरुआत की थी, जो कर्मचारियों को ओपीएस जैसे कुछ लाभ देने का प्रयास कर रही है।
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भारत में पेंशन व्यवस्था क्या है?ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS - Old Pension Scheme)
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS - National Pension System)
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS - Unified Pension Scheme):
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सरकार का मानना फैसले से आएगी वित्तीय स्थिरता
राजस्थान सरकार ने राजस्थान में ओपीएस खत्म करने का यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कुछ संस्थाएं जैसे कि राज्य विश्वविद्यालय, निगम और बोर्ड, आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। ऐसे संस्थाओं के लिए पेंशन योजना लागू करना असंभव हो सकता था। सरकार का तर्क है कि इस नए पेंशन सिस्टम के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुनिश्चित किया जाएगा और उन्हें पेंशन योजना से जुड़ी कोई भी समस्या नहीं आएगी।