भाजपा सरकार पर बरसे अशोक गहलोत, जानें जल जीवन मिशन को लेकर लगाए क्या आरोप

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर जलजीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने नए कनेक्शनों की गिरावट का आंकड़ा पेश किया और इसे सरकार की नाकामी बताया।

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Nitin Kumar Bhal
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Jaipur . राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को लेकर भ्रष्टाचार का दावा किया और सरकार की नाकामी को सार्वजनिक रूप से उजागर किया। गहलोत का कहना है कि भाजपा सरकार ने इस योजना के तहत जितने कनेक्शनों का वादा किया था, उतने कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके साथ ही उन्होंने आंकड़े पेश कर यह भी दिखाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान जलजीवन मिशन में अधिक कनेक्शन दिए गए थे।

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Photograph: (TheSootr)

जलजीवन मिशन के तहत कनेक्शनों की गिरावट

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक पोस्ट के माध्यम से भाजपा सरकार की नाकामी को उजागर किया। उन्होंने लिखा कि राजस्थान में भाजपा सरकार के तहत जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) पूरी तरह से विफल हो चुका है। 2024-25 के बजट में भाजपा ने 25 लाख जल कनेक्शन देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 9 लाख 44 हजार कनेक्शन ही दिए जा सके हैं।

गहलोत ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2022-23 में 13 लाख 88 हजार कनेक्शन और 2023-24 में 12 लाख 17 हजार कनेक्शन दिए गए थे। यह भाजपा सरकार के वादे से भी कम था, और उन्होंने इसे भ्रष्टाचार (Corruption) का परिणाम बताया।

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जल कनेक्शनों में गिरावट के आंकड़े

अशोक गहलोत ने बजट 2025-26 में 20 लाख जल कनेक्शन देने की घोषणा की थी, लेकिन केवल 97 हजार कनेक्शन जारी किए गए हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इस बजट वर्ष के 6 महीने बीत जाने के बाद भी कनेक्शन की गति बेहद धीमी रही। उन्होंने कहा कि यदि यह स्थिति ऐसे ही बनी रही तो इस बजट वर्ष में केवल 2 लाख कनेक्शन ही जारी हो सकेंगे। इस आंकड़े से गहलोत ने यह साबित करने की कोशिश की कि भाजपा सरकार ने जनता से झूठ (Lie) बोला था और उसके वादे पूरे नहीं हुए हैं।

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जल जीवन मिशन क्या है?

जल जीवन मिशन (JJM) की 6वीं वर्षगाँठ - 15 अगस्त 2025

  1. जल जीवन मिशन का उद्देश्य

    • जल जीवन मिशन की 6वीं वर्षगाँठ 15 अगस्त, 2025 को मनाई गई।

    • इस मिशन के तहत 15 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पानी की पहुँच सुनिश्चित की गई है।

  2. जल जीवन मिशन का परिचय

    • 15 अगस्त, 2019 को शुरू किया गया था।

    • इसका उद्देश्य 2024 तक (अब 2028 तक बढ़ाया गया है) हर ग्रामीण घर को नल का पानी उपलब्ध कराना है।

    • प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन 55 लीटर पानी देने का लक्ष्य रखा गया है।

    • यह एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जो जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है।

  3. जल जीवन मिशन के उद्देश्य (TAP म्नेमोनिक)

    • T (Target Every Rural Household): हर ग्रामीण घर में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) प्रदान करना।

    • A (Areas of Priority): गुणवत्ता प्रभावित, सूखा-ग्रस्त, मरुस्थलीय क्षेत्रों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) वाले गाँवों को प्राथमिकता देना।

    • P (Public Places): स्कूलों, आँगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायतों और सामुदायिक भवनों में नल की सुविधा सुनिश्चित करना।

  4. विशेषताएँ (WATER म्नेमोनिक)

    • W (Women and Weaker Sections): गाँव जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) और पानी समितियों में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना।

    • A (Awareness and Stakeholder Involvement): जल के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना और स्वैच्छिक भागीदारी जैसे श्रमदान को प्रोत्साहित करना।

    • T (Technological Interventions): JJM-IMIS (इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम), रियल-टाइम डैशबोर्ड, और जल आपूर्ति के लिए IoT आधारित सेंसर समाधान का उपयोग।

    • E (Empowerment through Education): प्रत्येक गाँव में 5 लोगों (विशेषकर महिलाओं) को जल गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण देना।

    • R (Rural Focus): विकेंद्रीकृत, मांग-आधारित और समुदाय-प्रबंधित जल आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करना।

  5. राज्य सरकार की भूमिका

    • पीने का पानी एक राज्य सूची का विषय है, जिससे राज्य सरकारों को जल आपूर्ति योजनाओं की योजना बनाने, अनुमोदन करने और लागू करने की शक्ति प्राप्त होती है।

  6. जल जीवन मिशन की उपलब्धियाँ

    • 2019 में केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों (17%) के पास नल से पानी था।

    • 2025 तक यह संख्या बढ़कर 15+ करोड़ परिवारों (80%) तक पहुँच गई है।

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Photograph: (TheSootr)

जल जीवन मिशन में लापरवाही और भ्रष्टाचार

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के कार्यान्वयन में सरकारी अधिकारियों की अफसरशाही (Bureaucracy) की बड़ी भूमिका है। उन्होंने बताया कि PHED (Public Health Engineering Department) विभाग में 6 अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं (Additional Chief Engineers), 3 सुपरिटेंडेंट इंजीनियरों (Superintendent Engineers) और 17 एक्सईएन (Executive Engineers) को लंबे समय से अस्थायी पदों (APO) पर रखा गया है।

गहलोत ने यह सवाल उठाया कि क्यों सरकार अपने चहेते अधिकारियों को डबल चार्ज देती है? क्या भ्रष्टाचार की वजह से ही जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) सही तरीके से लागू नहीं हो पा रहा है? गहलोत का यह आरोप भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को उजागर करता है, जिससे योजना के कार्यान्वयन में असफलता आई है।

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राजस्थान जल जीवन मिशन घोटाला क्या है?

  • फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र का इस्तेमाल

    • साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र (Fake Experience Certificates) दिखाकर जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे।

  • श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी का घोटाला

    • श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी कार्य प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर पीएचईडी (PHED) की 68 निविदाओं (Tenders) में भाग लिया।

    • इन निविदाओं में से 31 में एल-1 (L-1) के रूप में 859.2 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए थे।

  • श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी की भूमिका

    • श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लिया।

    • इनमें से 73 निविदाओं में एल-1 (L-1) का दर्जा प्राप्त किया और 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए थे।

  • घोटाले का खुलासा और एसीबी की कार्रवाई

    • जब इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ, तो एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने तुरंत जांच शुरू की।

    • कई भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा गया और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

  • ईडी और सीबीआई की जांच

    • ईडी (ED) ने केस दर्ज कर महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित अन्य के ठिकानों पर दबिश दी।

    • इसके बाद सीबीआई (CBI) ने 3 मई 2024 को केस दर्ज किया।

    • ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को एसीबी को सबूत और दस्तावेज सौंपे थे।

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Photograph: (TheSootr)

डबल इंजन सरकार की नाकामी

गहलोत ने लिखा, "11 अक्टूबर को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल (C.R. Patil) राजस्थान आ रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री से यह सवाल पूछना चाहिए कि डबल इंजन सरकार में जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) क्यों असफल हो रहा है?" गहलोत का यह बयान भाजपा सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार के आरोपों को तीव्र करने वाला था।

गहलोत ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने जलजीवन मिशन के तहत जो वादे किए थे, वे अब तक अधूरे हैं और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार (Corruption) और अफसरशाही (Bureaucracy) के कारण इस मिशन का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका है।

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FAQ

1. अशोक गहलोत ने जलजीवन मिशन पर क्या आरोप लगाए हैं?
अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर जलजीवन मिशन में भ्रष्टाचार (Corruption) और झूठ (Lie) बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कनेक्शन के आंकड़ों में गिरावट और अफसरशाही की नाकामी को उजागर किया है।
2. जलजीवन मिशन के तहत भाजपा ने कितने कनेक्शन देने का वादा किया था?
भा.ज.पा. सरकार ने 2024-25 के बजट में 25 लाख जल कनेक्शन देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 9 लाख 44 हजार कनेक्शन दिए गए हैं।
3. अशोक गहलोत ने जलजीवन मिशन की विफलता का कारण क्या बताया?
अशोक गहलोत का कहना है कि भ्रष्टाचार (Corruption) और अफसरशाही (Bureaucracy) के कारण जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में कनेक्शन देने की गति धीमी रही है और इसके तहत कई योजनाएं विफल हुई हैं।
4. क्या अशोक गहलोत ने भाजपा की "डबल इंजन सरकार" पर भी सवाल उठाए हैं?
जी हां, गहलोत ने "डबल इंजन सरकार" (Double Engine Government) पर सवाल उठाया और पूछा कि भाजपा सरकार के तहत जलजीवन मिशन क्यों विफल हो रहा है।
5. जलजीवन मिशन के तहत जल कनेक्शन के आंकड़ों में गिरावट क्यों आई?
अशोक गहलोत का आरोप है कि भ्रष्टाचार और अफसरशाही की वजह से भाजपा सरकार जलजीवन मिशन में निर्धारित कनेक्शन को पूरा करने में नाकाम रही है, जिसके कारण आंकड़ों में गिरावट आई।

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