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Photograph: (TheSootr)
Jodhpur . राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) की एमबीएम यूनिवर्सिटी (MBM University) से एक अजीब मामला सामने आया है, जिसमें बीई द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को दिए गए अंक उनके कुल अंकों से कहीं अधिक पाए गए। यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए रिजल्ट में, छात्रों को प्रैक्टिकल (Practical) और सेशनल विषय (Sessional Subjects) के पेपरों में 100 अंकों के विषयों के लिए 101 से लेकर 133 तक अंक दिए गए। इस मामले ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया, और छात्रों के बीच हड़कंप मच गया।
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एमबीएम यूनिवर्सिटी रिजल्ट में गड़बड़ी
एमबीएम यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी किए गए बीई द्वितीय सेमेस्टर के रिजल्ट में, छात्रों को ऐसे अंक दिए गए थे जो अधिकतम अंक से कहीं अधिक थे। यह अंक प्रैक्टिकल और सेशनल विषयों के 100 अंकों के पेपरों के लिए थे। उदाहरण के लिए, छात्रों को इन विषयों में 105 से लेकर 137 तक अंक मिले, जो कि सामान्यत: 100 अंक से अधिक होते हैं। यह गड़बड़ी छात्रों को बहुत चौंका देने वाली थी, क्योंकि उनके अनुसार यह अंक वास्तविक अंक तालिका से मेल नहीं खा रहे थे।
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एमबीएम यूनिवर्सिटी के रिजल्ट में 100 से अधिक अंक
जैसे ही छात्रों ने अपनी मार्कशीट पर नजर डाली और देखा कि उनके अंक 100 से अधिक हैं, तो उन्होंने उन मार्कशीट को सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू कर दिया। इस पर चर्चा बढ़ी और कई यूजर्स ने इसे लेकर मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि यह गड़बड़ी उनकी मेहनत और प्रयासों का मजाक बना रही थी। सोशल मीडिया पर इस मामले की आलोचना तेजी से बढ़ी और छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब की मांग करने लगे।
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यूनिवर्सिटी प्रशासन की चुप्पी
इस विवाद के बाद, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने त्वरित रूप से वेबसाइट से रिजल्ट हटा लिया। हालांकि, प्रशासन ने इस मुद्दे पर अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। यूनिवर्सिटी की चुप्पी छात्रों और शिक्षकों के लिए चिंता का कारण बन गई है। प्रशासन ने इसे किस वजह से हटाया, इसका कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। यह सवाल उठने लगा कि क्या यह गलती थी या फिर कुछ और कारण था।
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अंक देने का तरीका और गड़बड़ी
यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए रिजल्ट में, हर प्रैक्टिकल (Practical) और सेशनल (Sessional) विषय का अधिकतम अंक 100 था, लेकिन छात्रों को दिए गए अंक इससे अधिक थे। जैसे, कुछ छात्रों को 101, 110, 120, और 133 अंक मिले थे, जबकि अधिकतम अंक 100 ही थे। इस गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या यूनिवर्सिटी में अंक देने की प्रणाली में कोई बड़ा फॉल्ट था। छात्रों ने कहा कि अंक देने की प्रक्रिया सही नहीं थी और यह उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के लिए सही नहीं था।
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अंक गणना में भी गड़बड़
प्रत्येक विषय का अधिकतम अंक 100 था, लेकिन रिजल्ट में अंक इतने अधिक दिए गए कि छात्रों की कुल अंकों की गणना भी गड़बड़ हो गई। अगर सभी पेपरों के अंक जोड़े जाते तो कुल अंक से अधिक हो जाते, और यह गणना में विसंगति पैदा कर रहा था। इसका मतलब यह था कि यूनिवर्सिटी के अंक और गणना प्रणाली में कुछ तकनीकी गड़बड़ी हुई थी, जिसे सही करने की आवश्यकता थी।
एमबीएम यूनिवर्सिटी क्या है?
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छात्रों के बीच असंतोष और नाराजगी
इस घटना ने छात्रों के बीच असंतोष और नाराजगी पैदा की। उनकी मेहनत और प्रयासों के बारे में सवाल उठाए जा रहे थे। इसके साथ ही यह भी चिंता का विषय बना कि क्या यह घटना एक बड़ी शैक्षिक प्रणाली (Educational System) में व्यापक गड़बड़ी का संकेत है। छात्रों ने इसे न केवल अपनी मार्कशीट की गड़बड़ी के रूप में देखा, बल्कि उन्होंने इसे अपने शैक्षिक भविष्य के लिए भी चिंताजनक माना।
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