NCERT मराठा साम्राज्य नक्शा विवाद: जैसलमेर पूर्व राजपरिवार बोला, हम कभी नहीं रहे हिस्सा

राजस्थान में जैसलमेर के पूर्व राजपरिवार ने NCERT की 8वीं कक्षा की किताब में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दिखाए जाने पर आपत्ति जताई है। इस पर समाज में बहस जारी है।

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Nitin Kumar Bhal
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Maratha Empire

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की 8वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) के एक नक्शे को लेकर राजस्थान (Rajasthan) में जैसलमेर के पूर्व राजपरिवार ने गंभीर आपत्ति जताई है। इस नक्शे में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है, जबकि यह जानकारी उनके इतिहास से मेल नहीं खाती।

पूर्व राजपरिवार के सदस्य चैतन्यराज सिंह ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस गलती को जल्द से जल्द ठीक करने की अपील की है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी बहस तेज हो गई है, जिसमें लोगों ने विभिन्न राय व्यक्त की हैं।

 

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NCERT की किताब में मराठा साम्राज्य जिसमें जैसलमेर को भी साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है। Photograph: (The Sootr)

 

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मराठा साम्राज्य नक्शे को लेकर विवाद क्या है?

NCERT की कक्षा 8वीं की सामाजिक विज्ञान टैक्स्टबुक (यूनिट 3, पृष्ठ संख्या 71) में दिखाए नक्शे में तत्कालीन मराठा साम्राज्य का विस्तार दिखाया गया है। इस नक्शे में दिखाया गया है कि तत्कालीन जैसलमेर रियासत भी मराठा साम्राज्य का हिस्सा था। चैतन्यराज सिंह ने कहा कि यह तथ्य ऐतिहासिक रूप से गलत और भ्रामक है। उनका कहना है कि तत्कालीन जैसलमेर रियासत ने कभी भी मराठा साम्राज्य की अधीनता स्वीकार नहीं की।

चैतन्यराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस आपत्ति को उठाया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस नक्शे में सुधार करने की अपील की। उनके अनुसार, यह नक्शा न केवल इतिहास के तथ्यों के खिलाफ है, बल्कि यह जैसलमेर के गौरवमयी इतिहास को भी गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।

जैसलमेर का ऐतिहासिक महत्व

जैसलमेर की रियासत का इतिहास भारतीय उपमहाद्वीप के मध्यकाल से जुड़ा हुआ है। 1178 ईस्वी में रावल जैसल ने जैसलमेर की स्थापना की थी। इसके बाद से जैसलमेर ने भारतीय इतिहास के कई बड़े दौरों को देखा। इस राज्य ने मुगलों और अन्य आक्रमणकारियों का सामना किया, लेकिन किसी भी साम्राज्य के अधीन नहीं आया।

जैसलमेर रियासत ने लगभग 770 वर्षों तक स्वतंत्र रूप से शासन किया। इसमें कई आक्रमण हुए, लेकिन जैसलमेर हमेशा अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सफल रहा। खासकर, मुगलों के समय में जैसलमेर ने अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा और कभी भी मराठा साम्राज्य के तहत नहीं आया।

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मराठों और जैसलमेर के बीच संबंध कैसे थे ?

इतिहास के मुताबिक, जैसलमेर और मराठों के बीच कोई भी सैन्य या राजनैतिक संबंध नहीं थे। जैसलमेर की रियासत ने कभी भी मराठों की अधीनता स्वीकार नहीं की। जबकि अन्य राज्यों में मराठों का प्रभाव बढ़ रहा था, जैसलमेर ने अपने शाही अधिकारों और स्वतंत्रता को बनाए रखा।

ऐतिहासिक दस्तावेजों में भी यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जैसलमेर रियासत में मराठों का कोई प्रभाव नहीं था। यहां तक कि इस राज्य के राजकीय लेखों में भी इस बात का कोई उल्लेख नहीं मिलता कि जैसलमेर को कभी भी मराठा साम्राज्य का हिस्सा बनाया गया हो।

मराठा साम्राज्य के नक्शे को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ गया विवाद

चैतन्यराज सिंह की इस आपत्ति के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। कुछ लोग उनके इस विचार का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग इस पर भिन्न राय रखते हुए मराठा साम्राज्य के पक्ष में भी अपनी बातें रख रहे हैं।

कुछ यूजर्स ने यह भी दावा किया कि यह नक्शा ग्वालियर में सिंधिया परिवार के म्यूजियम में पाया गया है, जिससे यह मुद्दा और भी गर्म हो गया है।

 

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मराठा साम्राज्य नक्शा विवाद को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को  क्या करना चाहिए ?

चैतन्यराज सिंह ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जल्द से जल्द इस नक्शे में सुधार की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल एक पाठ्यपुस्तक की गलती नहीं, बल्कि पूरे राज्य के इतिहास और गौरव से जुड़ा हुआ मामला है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई करेंगे और इस ऐतिहासिक गलती को सही करेंगे।

जैसलमेर रियासत का इतिहास

  • जैसलमेर का इतिहास

    • जैसलमेर राजस्थान की वीरता और शौर्य का प्रतीक है।

    • यह शहर 12वीं सदी में यदुवंशी भाटी राजवंश द्वारा बसाया गया था, जिसने 770 साल तक शासन किया।

    • भाटी राजपूतों ने कई आक्रमणों का सामना किया और शहर की रक्षा की।

  • भाटी परिवार और जैसलमेर की स्थापना

    • रावल जैसल ने 1155 ईस्वी में जैसलमेर की स्थापना की।

    • उनका वंश यदुवंशी था, जो भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ माना जाता है।

    • उनकी बहादुरी और सूझबूझ से जैसलमेर एक मजबूत रियासत बना।

  • जैसलमेर की अभेद्यता:

    • मुगलों, खिलजियों और तुगलकों ने जैसलमेर पर आक्रमण किए।

    • हर बार भाटी राजपूतों ने अपने अदम्य साहस से इन हमलों को नाकाम किया।

    • जैसलमेर एक मजबूत किले की तरह अपनी स्वतंत्रता बचाए रख सका।

  • भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत:

    • जैसलमेर का क्षेत्र तब 16,062 वर्ग मील में फैला हुआ था।

    • यहां की स्थापत्य कला, किले, मंदिर और सांस्कृतिक धरोहर आज भी राजस्थान की समृद्ध विरासत का हिस्सा हैं।

  • स्वतंत्रता के बाद:

    • भारत की आज़ादी के बाद जैसलमेर भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ।

    • जैसलमेर की ऐतिहासिक विरासत सभी के लिए प्रेरणा बनी।

 

जैसलमेर रियासत की गौरवमयी धरोहर

जैसलमेर रियासत का इतिहास न केवल संघर्षों से भरा हुआ है, बल्कि यह स्वतंत्रता, गौरव और शौर्य का प्रतीक भी है। इस राज्य ने न केवल विदेशी आक्रमणकारियों का सामना किया, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी बनाए रखा। इस राज्य ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी अपना योगदान दिया और भारतीय गणराज्य में विलीन होने के बाद भी अपने गौरव को बनाए रखा।

मराठा साम्राज्य के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  1. स्थापना और संस्थापक
    मराठा साम्राज्य की स्थापना 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी, जिन्होंने एक स्वतंत्र हिंदवी स्वराज्य का निर्माण किया।

  2. प्रारंभिक संघर्ष
    शिवाजी महाराज ने मुगलों और अन्य आक्रमणकारियों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं, जिससे मराठा शक्ति का उदय हुआ।

  3. राजधानी और भाषा
    मराठा साम्राज्य की राजधानी रायगढ़ और पुणे रही। यहां की मुख्य भाषाएं मराठी और संस्कृत थीं।

  4. प्रशासन प्रणाली
    मराठा साम्राज्य में आठ मंत्रीमंडल (अष्टप्रधान) था, जिसमें विभिन्न जिम्मेदारियां विभागों को दी गई थीं।

  5. पेशवा का महत्व
    1720 से पेशवाओं का प्रभाव बढ़ा और वे साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली नेता बने। बाजीराव प्रथम पेशवा के काल में साम्राज्य सबसे विस्तृत हुआ।

  6. क्षेत्रीय विस्तार
    मराठा साम्राज्य ने दक्षिण भारत के पठार से लेकर उत्तर में पेशावर तक, और पूर्व में उड़ीसा तक अपना विस्तार किया।

  7. नौसेना की ताकत
    मराठों की मजबूत नौसेना थी, जिसके नेतृत्व में कान्होजी आंग्रे ने विदेशी जहाजों को खाड़ी से दूर रखा।

  8. आंग्ल-मराठा संघर्ष
    1805 से 1818 तक तीन आंग्ल-मराठा युद्ध हुए जिनमें बाद के युद्धों में मराठा पर अंग्रेजों की विजय हुई।

  9. समाज और संस्कृति
    मराठा साम्राज्य में हिंदू धर्म का संरक्षण हुआ और मराठी संस्कृति का विकास हुआ।

  10. समाप्ति
    1818 में तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठा साम्राज्य को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया।

मराठा साम्राज्य का संक्षिप्त विवरण

विषय विवरण
स्थापना 1674 में छत्रपति शिवाजी द्वारा
राजधानी रायगढ़, पुणे
प्रशासन अष्टप्रधान मंडल
प्रमुख नेता शिवाजी, बाजीराव प्रथम, पेशवा माधवराव
विस्तार दक्षिण से उत्तर भारत के अधिकांश क्षेत्र
नौसेना कान्होजी आंग्रे की मजबूत नौसेना
युद्ध तीन आंग्ल-मराठा युद्ध (1805-1818)
संस्कृति मराठी भाषा और हिंदू धर्म का संरक्षण
विघटन 1818 में ब्रिटिश नियंत्रण में

 

इतिहास को सही रूप में जानना और समझना चाहिए

इस विवाद का केंद्र केवल एक नक्शे की गलती नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास और संस्कृति से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस मुद्दे से हमें यह जानने की जरूरत है कि हमें इतिहास को सही रूप में समझना और जानना चाहिए, ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को सटीक और प्रामाणिक जानकारी दे सकें।

FAQ

क्या जैसलमेर कभी मराठा साम्राज्य का हिस्सा था?
जैसलमेर के पूर्व राजपरिवार के मुताबिक, जैसलमेर ने कभी भी मराठा साम्राज्य की अधीनता स्वीकार नहीं की। यह रियासत स्वतंत्र रूप से शासन करती रही।
क्या NCERT की किताब में दिखाया गया मराठा साम्राज्य का नक्शा गलत है?
जैसलमेर के पूर्व राजपरिवार के मुताबिक, यह नक्शा ऐतिहासिक रूप से गलत है क्योंकि इसमें जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दिखाया गया है, जबकि ऐसा कभी नहीं था।
जैसलमेर की रियासत का इतिहास क्या है?
जैसलमेर रियासत की स्थापना 1178 ईस्वी में रावल जैसल ने की थी। इस रियासत ने 770 वर्षों तक स्वतंत्र रूप से शासन किया।
क्या जैसलमेर ने मुगलों से संघर्ष किया था?
हां, जैसलमेर ने मुगलों और अन्य आक्रमणकारियों का सामना किया, लेकिन इसे कभी भी किसी साम्राज्य द्वारा जीता नहीं गया।
क्या केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मराठा साम्राज्य नक्शा विवाद पर कोई कदम उठाया है?
चैतन्यराज सिंह ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस मुद्दे पर सुधार करने की अपील की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।

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