/sootr/media/media_files/2025/09/11/nuclear-center-2025-09-11-13-10-47.jpg)
Photograph: (the sootr)
राजस्थान अब न्यूक्लियर पावर (Nuclear Power) के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य में एक और न्यूक्लियर पावर संयंत्र (Nuclear Power Plant) लगने जा रहा है, जो बांसवाड़ा जिले में स्थापित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आगामी सितंबर महीने के अंत में कर सकते हैं।
इसके लिए राजस्थान भाजपा ने पीएम मोदी से 20 सितंबर का समय मांगा है और अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह प्रोजेक्ट भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) द्वारा लगाया जा रहा है और राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
राजस्थान में सोना उत्पादन का झटका, बांसवाड़ा में भूखिया-जगपुरा खदान की नीलामी रद्द
रावतभाटा के बाद बांसवाड़ा में दूसरा संयंत्र
राजस्थान में न्यूक्लियर पावर का पहला संयंत्र रावतभाटा में स्थापित किया गया था और अब बांसवाड़ा में दूसरा संयंत्र स्थापित होने जा रहा है। इस संयंत्र में कुल चार यूनिट्स (Units) लगाई जाएंगी, जिनका उत्पादन चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।
रिश्वतखोरी : बांसवाड़ा में वन अधिकारी और वनपाल गिरफ्तार, चित्तौड़गढ़ में एएसआई पकड़ा
चार यूनिट्स के निर्माण का प्रस्ताव
बांसवाड़ा के नापला क्षेत्र में इस संयंत्र के तहत चार यूनिट्स का निर्माण किया जाएगा। पहली यूनिट का शिलान्यास इसी महीने किया जाएगा। इसके बाद, छह महीने के भीतर दूसरी यूनिट, 11 महीने में तीसरी यूनिट और कुछ महीनों में चौथी यूनिट स्थापित की जाएगी। इन चारों यूनिट्स का लक्ष्य 2031 तक शुरू करना है। जब सभी यूनिट्स शुरू हो जाएंगी, तब राजस्थान का न्यूक्लियर पावर उत्पादन 5900 मेगावाट तक पहुंच जाएगा।
बांसवाड़ा में मिली तीसरी सोने की खान, आदिवासी बहुल क्षेत्र लगातार उगल रहा सोने का खजाना
न्यूक्लियर संयंत्र से रोजगार के नए अवसर
बांसवाड़ा में बनने वाला यह न्यूक्लियर पावर संयंत्र (Nuclear Power Plant) प्रदेश के 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार (Employment) प्रदान करेगा। इस संयंत्र का निर्माण कुल 623 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा, जिसमें विभिन्न यूनिट्स स्थापित की जाएंगी।
2031 तक पहली यूनिट शुरू करने का लक्ष्य
एनटीपीसी (NTPC) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गुरदीप सिंह ने बताया कि माही बांसवाड़ा प्रोजेक्ट की पहली यूनिट को 2031 तक चालू करने का लक्ष्य है, जबकि पूरी परियोजना 2036 तक पूरी तरह ऑपरेशनल (Operational) हो जाएगी। यह न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स राजस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है और राज्य की ऊर्जा (Energy) जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बांसवाड़ा में लव जिहाद का मामला, युवती से शोषण के बाद दबाव में धर्म परिवर्तन की कोशिश
न्यूक्लियर पावर संयंत्र के फायदे
बिजली उत्पादन में वृद्धि : राजस्थान में न्यूक्लियर पावर संयंत्र के शुरू होने से राज्य का बिजली उत्पादन 5900 मेगावाट तक बढ़ेगा, जिससे ऊर्जा की आपूर्ति में सुधार होगा।
रोजगार के अवसर : इस प्रोजेक्ट से 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
स्वच्छ ऊर्जा : न्यूक्लियर पावर (Nuclear Power) एक स्वच्छ और पर्यावरण (Environment) मित्र स्रोत है, जो प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।