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Photograph: (the sootr)
Jaipur. आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ संबंधों में लिप्त राजस्थान के सांचौर का मौलवी ओसामा उमर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की सीख दे रहा था। उनका ब्रेनवॉश करके टीटीपी से जुड़वाने की कोशिश में लग रहा था। इसके अलावा टीटीपी के सहयोग से राजस्थान में स्लीपर सेल बनाने की तैयारी में लगा हुआ था।
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संपर्क में कई मुस्लिम युवा
ओसामा के संपर्क में कई मुस्लिम युवा थे। खासकर मौलवी और युवा उनके निशाने पर थे। राजस्थान एटीएस ने मौलवी ओसामा से संबंध रखने वाले चार युवाओं को हिरासत में लिया था। एटीएस ने उन चार युवाओं को डीरेडिकलाइज (कट्टरपंथी सोच से बाहर निकालने की प्रक्रिया) के लिए भेज दिया है। ओसामा की रिमांड अवधि पूरी हो गई है। कोर्ट के आदेश पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
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ट्रेनिंग लेने अफगानिस्तान जाता
ओसामा टीटीपी की गतिविधियों और उनके आकाओं से खासा प्रभावित था। उनके वीडियो और मैसेज देखता था। आतंकी सैफुल्लाह के कई वीडियो उसके मोबाइल में मिले हैं। मोबाइल में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला वीडियो और फोटोज मिले हैं। मुस्लिम युवाओं और लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए वॉयस मैसेज के जरिए बातें करता था। ओसामा जल्द ही अफगानिस्तान स्थित आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने के लिए जाने वाला था।
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धर्म प्रचार के लिए कई राज्यों में गया
ओसामा इस्लाम धर्म के प्रचार और लोगों के ब्रेनवॉश के लिए राजस्थान समेत कई राज्यों में गया। वह दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, गुजरात और महाराष्ट्र में धर्म प्रचार के लिए गया था। वहां वह लोगों को आतंकी संगठनों के आकाओं के वीडियो दिखाकर लोगों के ब्रेनवॉश करने की कोशिश करता था। ओसामा के संपर्क में आए चार संदिग्धों को भी डिटेन किया था। हालांकि चारों का किसी भी गैर कानूनी गतिविधि में शामिल होना नहीं पाया गया है।
दो सप्ताह पहले पकड़ा ओसामा को
राजस्थान एटीएस के आईजी एटीएस विकास कुमार के मुताबिक, मौलवी ओसामा को 4 नवंबर को सांचौर से डिटेन किया था। इसके साथ चार अन्य को भी डिटेन किया गया। जांच में आरोप प्रमाणित होने के बाद ओसामा को 6 नवंबर को गिरफ्तार किया था। वह 8 नवंबर को दुबई भागने की तैयारी में था। वहां से उसे अफगानिस्तान जाना था। इसके बाद टीटीपी के बेस कैंप में जिहाद की ट्रेनिंग लेनी थी।
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अफगानिस्तान की सिम भी मिली
ओसामा के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। उसके कब्जे से एक अफगानिस्तान की सिम भी मिली है। एटीएस सिम की जांच कर रही है। ओसामा चार साल से टीटीपी के आकाओं के संपर्क में था। आरोपी के माता और पिता पक्ष के लोगों का धार्मिक इतिहास रहा है। अधिकतर लोग धार्मिक शिक्षा और मस्जिदों से जुड़े हैं। ओसामा ने करौली में अलीमा (धार्मिक शिक्षक बनने की स्टडी) की पढ़ाई की।
ऐसे आया कट्टरवाद की गिरफ्त में
ओसामा शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छा था। उसे कई भाषाओं का ज्ञान था। ओसामा ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी के एक सदस्य को फॉलो करना शुरू किया। वह इस संगठन से इतना प्रभावित हो गया कि संगठन की सोच को युवाओं तक पहुंचाने का काम करने लगा। वह अपने धर्म के लोगों के साथ टीटीपी के वीडियो और अन्य जानकारी साझा करने लगा।
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