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मुकेश शर्मा @ जयपुर
राजस्थान में खाद्य पदार्थ में मिलावट करने वाले कारोबारियों से वसूली जैसे गंभीर आरोपों से घिरे फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर एसपी कम्युनिटी पुलिस पंकज चौधरी ने हैरानी जताई है।
उन्होंने फूड सेफ्टी आयुक्त एच गुईटे को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि जांच के दौरान पंकज ओझा को ना तो पद से हटाया गया है और ना ही उनका अन्यत्र तबादला किया गया है। इस बीच, गुईटे सोमवार से ही दस महीने की स्टडी लीव पर हैं।
मंत्री ने लिखा था पत्र
दरअसल, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने आरएएस पंकज ओझा पर आरोपों की जांच के लिए एसीबी को पत्र लिखा था। लेकिन, एसीबी में इस मामले में जांच की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
ऐसे में एसपी कम्युनिटी पंकज चौधरी ने इसे गंभीरता से लिया। उनका कहना है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट से होने वाले नुकसान से आमजन अच्छे से परिचित है। खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण काम है। पंकज ओझा की लिप्तता प्रथम द्ष्टया प्रमाणित है।
न्याय होता हुआ दिखना चाहिए
आईपीएस पंकज चौधरी ने पत्र में साफ कहा कि ऐसे मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से गलत संदेश जा रहा है। आमजन में सिस्टम के प्रति संदेह होता है। जबकि, सिस्टम में कार्रवाई ना सिर्फ होनी चाहिए, बल्कि होती हुई दिखनी भी चाहिए। खाद्य पदार्थों में मिलावट गंभीर समस्या है और इसे हर स्तर पर रोकने के गंभीर प्रयास होने चाहिए। जो अधिकारी व कर्मचारी इस प्रक्रिया में संदिग्ध व शामिल हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि नागरिकों को पारदर्शी व सशक्त व्यवस्था का आभास हो।
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एसीबी जांच की स्थिति ही नहीं बता रही
एसपी के अनुसार उन्हें पता चला है कि वर्तमान में एसीबी के उच्चाधिकारी भी पंकज ओझा के खिलाफ जांच की स्थिति के बारे में नहीं बता रहे हैं। वे पूर्व में एसीबी के राडार पर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि कार्मिक विभाग भी पंकज ओझा की वर्तमान पदस्थापन के की जानकारी नहीं दे पा रहा है।
एसपी कम्युनिटी के पत्र से यह स्पष्ट है कि पंकज ओझा को बचाने के लिए सभी स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। इससे उच्च अधिकारियों की भूमिका संदेह में आ गई है।
जनता पूछ रही है कि मामले में क्या हुआ
पंकज चौधरी ने यह भी लिखा है कि राजस्थान कम्युनिटी पुलिसिंग का नोडल अधिकारी होने के नाते पिछले कुछ साल में प्रदेश के युवाओं, बुजुर्ग व महिलाओं से संवाद के दौरान खाद्य पदार्थ में मिलावट का मुद्दा बहुत ही संवेदनशीलता के साथ पेश किया जाता है।
पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखिया व सीएलजी सदस्य इस मामले में कई बार सवाल करते हैं। उन्होंने पत्र के साथ पंकज ओझा का संपूर्ण सर्विस रिकार्ड का प्रोफाईल और समाचार पत्रों की कटिंग भेजकर मामले में पारदर्शी व निष्पक्ष कार्रवाई का निवेदन किया है।
राजस्थान में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले कारोबारियों से वसूली का मामला गंभीर है। एसपी ने फूड सेफ्टी आयुक्त को लिखी चिट्ठी, जिससे यह मामला एक बार फिर चर्चा में है।
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ऑडियो रिकॉर्डिंग से हुआ था खुलासा
दरअसल, फूड सेफ्टी के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा की एक खाद्य पदार्थ व्यापारी के साथ बातचीत का ऑडियो कुछ समय पहले वायरल हुआ था। इसमें वह व्यापारी के साथ उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी का माल जब्त करने की साजिश रच रहे हैं। बातचीत में ही व्यापारी दूसरे व्यापारी को बता रहा है कि उसने ओझा को लाखों रुपए दिए हैं।
इस संबंध में मीडिया में आई खबरों के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने एसीबी के डीजी को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच करने केा कहा था। लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी एसीबी के अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डाले हुए हैं। उधर सरकार ने भी गंभीर आरोपों के बावजूद अब तक न तो पंकज ओझा को एपीओ किया है न ही उन्हें कहीं दूसरी जगह लगाया है।
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