मिलावटखोरों से मिलीभगत के आरोप, आरएएस अफसर के खिलाफ जांच तीन महीने से ठंडे बस्ते में
राजस्थान में खाद्य विभाग के अधिकारी आरएएस पंकज ओझा पर लगे मिलावटखोरी के आरोपों की एसीबी द्वारा जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। तीन महीने बाद भी हालात ढाक के तीन पात हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुद्ध आहार, मिलावट पर वार अभियान के दौरान खाद्य कारोबारियों से उगाही के लगे आरोपों की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। इसी साल मार्च में उगाही के ये आरोप आरएएस अधिकारी खाद्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज ओझा पर लगे थे।
इनका इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें दो कारोबारी आपस में फोन पर बातें कर मिलावटखोरों को बचाने के बदले अफसर से लाखों रुपए की डील होने की बातचीत कर रहे थे। इसकी जांच एसीबी को सौंपी गई थी, लेकिन पता चला है कि जांच अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई है।
मौके से ही जारी होते थे वीडियो
अतिरिक्त निदेशक पंकज ओझा पर यह भी आरोप थे कि वे कुल्फी, जूस, बेकरी, मसाले, दुग्ध पदार्थ, घी, ढाबे और भोजनालय, मिठाई की दुकानों और कैंटीन आदि पर छापे मारकर मौके से ही उनके वीडियो जारी करते थे। बताया जाता है कि कई मामलों में विभाग की तरफ से सैंपल लेने और उन्हें जांच के लिए लेबोरेट्री में भेजने का रिकॉर्ड नहीं था। इससे भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता था।
त्योहार से पहले शुरू होता वसूली का खेल
वायरल ऑडियो से यह भी पता चला था कि त्योहारों से पहले खाद्य पदार्थ के कारोबारियों से संगठित रूप से वसूली का खेल शुरू हो जाता है। बातचीत में अफसर के साथ मिलकर पैसा देने वालों को बचाने और नहीं देने वालों के स्टॉक को सीज करने की साजिश रची जा रही थी।
खाद्य सुरक्षा विभाग हर साल त्योहारों से कुछ दिन पहले मिलावट के खिलाफ अभियान चलाता आया है, लेकिन इन अभियानों पर कारोबारियों की तरफ से संदेह व्यक्त किया जाता रहा है। खाद्य पदार्थ कारोबारियों का यह भी आरोप रहा है कि विभाग सैंपल उठाने की जानकारी तो सार्वजनिक करता है, लेकिन सैंपल पास होने की जानकारी नहीं देता। इससे उनके प्रतिष्ठान की छवि खराब होती है।
एसीबी को जांच, नतीजा ढाक के तीन पात
खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी के खिलाफ शुद्ध आहार, मिलावट पर वार अभियान में पैसों के लेन-देन के मामले में आरएएस पंकज ओझा के खिलाफ ऑडियो, शिकायत और मीडिया में आई खबरों के आधार पर जांच एसीबी को सौंप दी थी। एसीबी के तत्कालीन डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने चिकित्सा विभाग से शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए एसीबी जांच करवाने को भी कहा था।
हेडक्वार्टर बोला-चौकी को भेजा, चौकी का इनकार
एसीबी हेडक्वार्टर में परिवाद शाखा में तैनात एसीपी संदीप सारस्वत ने बताया कि उनके पास शिकायतों और परिवाद की अधिकता होती है। ऐसे में सभी मामलों की जांच हेडक्वार्टर के स्तर पर नहीं कर सकते, इसलिए पंकज ओझा के मामले की शिकायत को एसीबी की जयपुर सिटी चौकी नंबर दो को वैरिफिकेशन के लिए भेजा है। उधर, चौकी में तैनात एसीपी ओमप्रकाश किलानिया इस मामले में कोई जांच आने से इनकार कर रहे हैं। इस मामले को करीब तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन जांच एसीबी के बस्तों में दबी है।
FAQ
1. पंकज ओझा पर कौन से गंभीर आरोप लगे थे?
पंकज ओझा पर मिलावटखोरों से मिलीभगत और खाद्य कारोबारियों से उगाही के आरोप लगे थे। एक वायरल ऑडियो में इन आरोपों की पुष्टि हुई थी, जिसमें अफसरों से पैसे की डील करने की बात हो रही थी।
2. क्या पंकज ओझा के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है?
तीन महीने बाद भी एसीबी द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। शिकायत को एसीबी की जयपुर सिटी चौकी भेजा गया था, लेकिन जांच में कोई प्रगति नहीं हुई।
3. खाद्य विभाग के मिलावट विरोधी अभियानों पर क्या संदेह है?
खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा चलाए गए मिलावट विरोधी अभियानों पर कारोबारियों का कहना है कि इन अभियानों में केवल सैंपल लेने की जानकारी दी जाती है, लेकिन सैंपल पास होने की जानकारी नहीं दी जाती, जिससे व्यापारियों की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है।