मंत्री जोगाराम पटेल के पैतृक गांव में लूणी नदी में प्रदूषण से खेती चौपट, किसान परेशान

राजस्थान के जोधपुर के कई गांवों में लूणी नदी में प्रदूषण से किसानों की खेती पर बुरा असर, मंत्री जोगाराम पटेल के वादे के बावजूद नहीं हुआ कोई सुधार।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
luni nadi

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान के जोधपुर जिले के लूणी, धुंधाड़ा, धवा और आसपास के गांवों में किसान अच्छे मानसून के बावजूद परेशान हैं। इस क्षेत्र के किसानों का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल से नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, जिसके कारण उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। अजमेर की नाग पहाड़ियों से गुजरने वाली लूणी नदी, जो गुजरात के कच्छ रण तक जाती है, प्रदूषित हो चुकी है और इसके कारण किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

केमिकल से बंजर हुई जमीन

किसानों का कहना है कि जोधपुर और पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी ने उनकी खेतों को बंजर बना दिया है। हजारों कुओं का पानी केमिकल से गंदा हो चुका है और अब वे खेती नहीं कर पा रहे हैं। जहां बारिश के बाद फसल पककर तैयार होनी थी, वहां की फसल जलकर खत्म हो चुकी है और किसानों की उम्मीदें टूट चुकी हैं।

धुंधाड़ा गांव के किसान भी प्रभावित

राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल के पैतृक गांव धुंधाड़ा के किसानों ने भी अपनी परेशानियों को साझा किया। यह गांव कभी अपने अच्छे उत्पाद जैसे लाल गेहूं और जीरे के लिए जाना जाता था, जो ऊंझा (गुजरात) तक भेजे जाते थे। पर अब फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी ने इनकी पूरी खेती को बर्बाद कर दिया है।

यह खबरें भी पढ़ें...

रामसर साइट बन सकती है राजस्थान की सिलीसेढ़ झील, केन्द्रीय मंत्री ने रामसर COP15 में दिया प्रस्ताव

राजस्थान के भाजपा विधायकों में डर का माहौल, कांग्रेस के पूर्व मंत्री हेमाराम ने कसा तंज, उठाए सवाल

मंत्री का वादा, लेकिन सुधार नहीं

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने लूणी नदी को सुधारने के लिए 175 करोड़ रुपए का अनुदान देने का वादा किया था, लेकिन इस वादे के बावजूद अभी तक कोई वास्तविक बदलाव नहीं आया है। खेतों की बर्बादी और मंत्री के वादों के बीच यह समस्या हल नहीं हो पाई है, और किसान अब भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

सुधार की आवश्यकता

किसान अब मांग कर रहे हैं कि लूणी नदी के पानी की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि उन्हें फिर से खेती करने का अवसर मिल सके। इसके साथ ही वे चाहते हैं कि प्रदूषण की समस्या को हल किया जाए, ताकि भविष्य में फसलों को कोई नुकसान न हो।

FAQ

1. लूणी नदी में प्रदूषण से किसान क्यों प्रभावित हो रहे हैं?
जोधपुर और पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी के कारण लूणी नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और उनकी जमीनों में पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है।
2. मंत्री जोगाराम पटेल ने क्या वादा किया था?
मंत्री जोगाराम पटेल ने लूणी नदी को सुधारने के लिए 175 करोड़ रुपए का अनुदान देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
3. लूणी नदी का पानी किससे प्रदूषित हो रहा है?
लूणी नदी का पानी जोधपुर और पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल से प्रदूषित हो रहा है, जिसके कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और जलस्तर भी प्रभावित हो रहा है।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

राजस्थान किसान प्रदूषण खेती संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल लूणी नदी