राजस्थान मौसम : तेज बारिश से कई इलाकों में नुकसान, बिजली गिरने से 2 की मौत, जलभराव से धंसी सड़कें
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न लो-प्रेशर सिस्टम ने गुजरात की सीमा पर 20 दिनों से रुके मानसून को गति प्रदान की है। अब यह मानसून राजस्थान की सीमा तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने बुधवार को राजस्थान के 28 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण, मानसून ने गुजरात की सीमा पर 20 दिन से रुके मानसून को गति दी है। इसने राजस्थान की सीमा तक दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने बुधवार को राजस्थान के 28 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में मानसून के आगमन से किसानों को राहत मिली है, लेकिन साथ ही तेज आंधी और बारिश से कई इलाकों में नुकसान भी हुआ है।
जयपुर और अन्य जिलों में भारी बारिश
राजस्थान के कई जिलों में मंगलवार को तेज बारिश हुई, जिसमें जयपुर भी शामिल है। जयपुर में पिछले 24 घंटे में 37 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों जैसे भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर और चूरू में भी बारिश से सडक़ों पर पानी भर गया और कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई।
मौसम के खराब होने से बिजली गिरने की घटनाओं में भी इज़ाफा हुआ। भरतपुर के बयाना में बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई, जबकि डीग में 8 साल के बच्चे की मौत हो गई और उसके दोस्त को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया। ये घटनाएं इस बात की गवाही देती हैं कि मानसून के दौरान बिजली गिरने का खतरा अधिक होता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
राजस्थान के करौली जिले के नादौती उपखंड में मंगलवार सुबह तेज आंधी के दौरान एक हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर सिंगल फेस घरेलू सप्लाई लाइन पर गिर गया। इससे कई घरों में अचानक हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया। इस घटना में सात लोग झुलस गए, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि खराब मौसम में बिजली की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
जयपुर, सीकर और भरतपुर में बारिश के बाद कई सडक़ों पर जलभराव हो गया। जयपुर के रवींद्र मंच के बाहर और मालवीय नगर सेक्टर-9 में सड़कों पर पानी भर गया। यह जलभराव यातायात में भारी रुकावट का कारण बना। सीकर में भी नवलगढ़ रोड पर पानी भर जाने से सड़क यातायात ठप हो गया और वाहन चालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
राजस्थान के कई क्षेत्रों में मानसून ने राहत दी है, लेकिन इसकी वजह से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय रहने की आवश्यकता है। मौसम विभाग की ओर से 28 जिलों में अगले दो दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को भी बिजली गिरने, जलभराव और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
FAQ
राजस्थान में मानसून का प्रवेश कब हुआ?
राजस्थान में मानसून की दस्तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण हुई है। मौसम विभाग ने इसके बाद 28 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बिजली गिरने से किस प्रकार की घटनाएं हो सकती हैं?
मानसून के दौरान बिजली गिरने से जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं। हाल ही में भरतपुर और डीग में बिजली गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई, जिससे यह साबित होता है कि मानसून के मौसम में सावधानी बरतनी जरूरी है।
बारिश के कारण कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए हैं?
राजस्थान के जयपुर, सीकर, भरतपुर, चूरू, और अलवर सहित कई जिलों में बारिश के कारण जलभराव हुआ और सडक़ों पर पानी भर गया। इन क्षेत्रों में यातायात प्रभावित हुआ और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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