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Photograph: (the sootr)
सितंबर महीने में भी राजस्थान में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। उदयपुर में लगातार हो रही बारिश के कारण कैचमेंट एरिया में पानी की आवक बढ़ने से मानसी वाकल बांध का एक गेट 6 इंच और दो गेट 4-4 इंच खोलने पड़े हैं। इसके अलावा, कई अन्य बांधों में पानी के स्तर में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जिससे पानी का प्रवाह गांवों की ओर बढ़ गया है।
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बांध की पाल टूटने से पानी गांवों में घुसा
अजमेर जिले के भिनाय क्षेत्र में स्थित कुरथल तालाब की चादर शनिवार को टूट गई। तेज बहाव के कारण तालाब की बाउंड्री टूट गई, जिससे पानी गांव की ओर बहने लगा। इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में चिंता पैदा कर दी है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते उचित इंतजाम नहीं किए, तो निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है।
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प्रतापगढ़ में मकान की दीवारें गिरीं
प्रतापगढ़ जिले में बारिश का कहर और बढ़ गया। नसीराबाद के पास जाटियाका गांव में तालाब की पाल टूटने से पानी गांव और खेतों की ओर बढ़ने लगा। वहीं प्रतापगढ़ शहर के तेलियों की गली में वर्षों पुराने मकान की दीवारें अचानक गिर गईं। गनीमत रही कि इस मकान में कोई मौजूद नहीं था, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
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बारां में किसानों को भारी नुकसान
बारां जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालातों के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। जिले की तहसीलवार फसल सर्वे रिपोर्ट में 50 से 70 प्रतिशत तक फसलों के नुकसान का अनुमान है। सोयाबीन, उड़द और मक्का की मुख्य फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि सरकार किसानों को 8500 से लेकर 17000 रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान करेगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
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नुकसान के बाद राहत पैकेज की घोषणा
बारां में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की गई है। सोयाबीन और उड़द की फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए पटवार मंडलों के आधार पर सर्वे किए जा रहे हैं और नुकसान के आधार पर उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा। सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं, ताकि उनकी खोई हुई फसल की भरपाई हो सके।
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