रामगढ़ बांध में ड्रोन से फिर कृत्रिम बारिश, पतले बादलों से भी झमाझम बारिश कराने में मिली सफलता

राजस्थान के जमवारामगढ़ स्थित रामगढ़ बांध में ड्रोन से कृत्रिम बारिश के प्रयोग में एक बार फिर सफलता मिली। इससे पहले 5 सितंबर को बांध क्षेत्र में क्लाउड सीडिंग से बारिश करवाई गई थी।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
ramgarh bandh

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के जयपुर के जमवारामगढ़ में पिछले कुछ समय से ड्रोन के माध्यम से क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) तकनीक से कृत्रिम बारिश करने का प्रयोग जारी है। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी है, जहां पानी की कमी या जल संकट है। 1 सितंबर को जयपुर के रामगढ़ बांध इलाके में इस तकनीक से पहली बार सफलता प्राप्त हुई थी। अब 5 सितंबर को फिर से इसी क्षेत्र में ड्रोन से कृत्रिम बारिश कराई गई। इस बार ड्रोन की उड़ान से मात्र 10 मिनट के भीतर बारिश होने लगी, जो एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

जयपुर के रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश का प्रयोग सफल : ड्रोन से हुआ क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन

रामगढ़ बांध में ड्रोन से की गई बारिश

शुक्रवार सुबह 7:30 से 8:00 बजे के बीच दो बार ड्रोन उड़ाए गए। पहली उड़ान में ड्रोन ने 40 मीटर ऊपर सीडिंग एजेंट छोड़ा, जिससे बादल घने हुए और 15 मिनट बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। इसके बाद, दूसरी उड़ान में सीडिंग एजेंट को उत्तर-दक्षिण दिशा में फैलाया गया, जिससे प्रतिक्रिया तेज हुई और 10 मिनट में बादल घने हो गए। इसके परिणामस्वरूप आस-पास की पहाड़ियों पर हल्की बारिश हुई।

रामगढ़ बांध में ड्रोन आधारित कृत्रिम बारिश की नई कोशिश, 10 हजार फीट तक उड़ सकेंगे ड्रोन

सीडिंग से पतले बादलों से भी बारिश संभव

विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रयोग साबित करता है कि बहुत पतले और उथले बादलों से भी सीडिंग के बाद बारिश कराई जा सकती है। क्लाउड सीडिंग के द्वारा इन पतले बादलों को ठोस रूप दिया गया, जिससे बारिश संभव हो पाई। रामगढ़ बांध में पानी की कमी के कारण लंबे समय से बारिश नहीं हो रही थी, लेकिन अब इस तकनीक से उम्मीद जगी है कि जल संकट को दूर किया जा सकेगा।

क्लाउड सीडिंग तकनीक से उम्मीद की किरण

रामगढ़ बांध को लेकर लंबे समय से जल संकट की समस्या बनी हुई थी, लेकिन क्लाउड सीडिंग तकनीक से पहली बार बारिश हो पाई है। इस तकनीक का उपयोग जल संकट से निपटने के लिए किया जा सकता है और यह अन्य सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी मददगार साबित हो सकता है। इस तकनीक को लेकर राजस्थान में एक नई उम्मीद जागी है, जो जल संकट से निपटने के उपायों के रूप में कार्य कर सकती है।

रामगढ़ बांध में ड्रोन से बारिश का टेस्ट फिर टला, भारी भीड़ की वजह से सिग्नल नहीं मिल पाए

AI-संचालित क्लाउड सीडिंग तकनीक

1 सितंबर को रामगढ़ बांध पर फिर से क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन एक्सेल-1 कंपनी और मेक इन इंडिया ड्रोन की मदद से किया गया। इस ऑपरेशन में AI-संचालित तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे क्लाउड माइक्रो फिजिक्स में सुधार हुआ और बारिश का एक प्रभावी प्रयास हुआ।

जयपुर के रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश कल करवाएगी सरकार:  इस काम में पहली बार ली जा रही है ड्रोन की मदद

क्लाउड सीडिंग तकनीक का प्रयोग

क्लाउड सीडिंग में सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या ड्राई आइस जैसे रसायन बादलों में छोड़े जाते हैं। ये रसायन पानी की सूक्ष्म बूंदों को आकर्षित कर उन्हें भारी बनाते हैं, जिससे वे बारिश के रूप में गिरते हैं। हालांकि इसके लिए बादलों में पर्याप्त नमी होना जरूरी है। यह तकनीक सिर्फ तब ही काम करती है, जब बादल बारिश के लिए उपयुक्त हों।

FAQ

Q1: राजस्थान में ड्रोन से बारिश कब और कहां करवाई गई?
राजस्थान के जयपुर स्थित रामगढ़ बांध क्षेत्र में 1 सितंबर और 5 सितंबर को ड्रोन से कृत्रिम बारिश करवाई गई थी।
Q2: क्लाउड सीडिंग तकनीक क्या है और यह कैसे काम करती है?
क्लाउड सीडिंग में सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या ड्राई आइस जैसे रसायन बादलों में छोड़े जाते हैं, जिससे पानी की बूंदें भारी हो जाती हैं और बारिश होती है।
Q3: क्या इस तकनीक से राजस्थान में जल संकट हल हो सकता है?
जी हां, क्लाउड सीडिंग तकनीक से जल संकट से निपटने की नई उम्मीद जगी है, क्योंकि यह कृत्रिम बारिश से पानी की कमी को पूरा करने में मदद कर सकती है।

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

जयपुर कृत्रिम बारिश cloud seeding जमवारामगढ़ राजस्थान रामगढ़ बांध