राजस्थान में धर्म परिवर्तन अब अपराध, लव जिहाद की शिकायत मिली तो 20 साल की कैद, बुलडोजर भी चलेगा

राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी कानून की अधिसूचना जारी, अब धर्म परिवर्तन पर मिलेगी सजा। बिना अनुमति किसी व्यक्ति का धर्म बदलना या बदलवाना गैर-कानूनी अपराध माना जाएगा। कानून का उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी सजा और जुर्माने के प्रावधान।

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Amit Baijnath Garg
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cm bhajanlal sharma

Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने लोगों की अब खैर नहीं है। साथ ही झांसा देकर युवतियों का धर्म परिवर्तन करवाने वाले भी बच नहीं सकेंगे। राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन करवाने में लिप्त संगठनों और लोगों पर कानूनी शिकंजा कसते हुए धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू कर दिया है। अब राजस्थान में धर्म परिवर्तन कानून प्रभावी हो गया है। गृह विभाग ने धर्मांतरण कानून संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। 

अनुमति लेनी अनिवार्य

अधिसूचना जारी होने के साथ अब राजस्थान में धर्म परिवर्तन करने या करवाने से पहले अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। बिना अनुमति धर्म परिवर्तन गैर-कानूनी होगा। जांच में सही पाए जाने पर 20 साल तक की सजा के कड़े प्रावधान इस कानून में रखे गए हैं। राज्य के गृह विभाग के विशिष्ट सचिव महेंद्र कुमार खींची की ओर से इस कानून की अधिसूचना जारी की गई है। गृह विभाग ने इसकी जानकारी पुलिस महानिदेशक राजस्थान, सभी जिलों के कलेक्टरों को प्रेषित कर दी है।

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स्वेच्छा से धर्म बदलने पर भी अनुमति

धर्मांतरण विरोधी कानून में काफी प्रावधान किए गए हैं। जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले संगठनों और लोगों पर नए कानून के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कानून में उन लोगों को भी धर्म छोड़ने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी, जो स्वेच्छा या बिना दबाव में अपना धर्म छोड़ना चाहते हैं। 

जिला कलेक्टर की अनुमति जरूरी

धर्म छोड़ने की अर्जी जिला कलेक्टरों को देनी होगी। साथ ही बताना होगा वे क्यों धर्म छोड़ना चाहते हैं। जिला कलेक्टर की अनुमति से ही धर्म बदल सकेंगे। बिना दबाव और स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। हालांकि जो अपने पुराने धर्म में घर वापसी करेगा, उस पर यह कानून लागू नहीं होगा।

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आदेश की पालना के निर्देश

गृह विभाग ने नए धर्मांतरण विरोधी कानून की पालना करवाने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक के साथ प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट को आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में लिखा गया है कि राजस्थान में धार्मिक संस्थाओं या व्यक्तियों की ओर से जबरन, लालच एवं कपटपूर्ण साधन आदि से धर्मांतरण के प्रयास की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की तरफ से नया कानून विधानसभा में पारित किया है। 

गजट प्रकाशन कराया

राज्य सरकार के अधिनियम राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2025 का गजट प्रकाशन कराया जा चुका है। इस नए कानून की अधिसूचना जारी कर अधिनियम के उपबंध प्रभावी कर दिए गए हैं। सभी को निर्देश दिए जाते हैं कि कानून की पालना करवाएं और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कानूनी कार्यवाही की जाए।

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20 साल की सजा

इस नए कानून में लव जिहाद के मामलों में 20 साल की सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश में लव जिहाद के मामले भी काफी आ चुके हैं। बहुत से मामलों में पुलिस थानों में शिकायत दर्ज करवाई गई है, जिसमें पीड़ित युवती की ओर से बताया गया है कि उससे धर्म छिपाकर जान पहचान की गई और फिर शादी कर ली। फिर उस पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया गया। धर्म परिवर्तन नहीं करने पर मारपीट की गई। 

कई मामलों में हत्या की गई 

कुछ मामलों में हत्या तक हो चुकी है। लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने लव जिहाद की शिकायत सही पाए जाने पर 20 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान किए हैं। साथ में ही धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई शादी को भी निरस्त किए जाने के प्रावधान जोड़े गए। कानून में धर्म परिवर्तन में लिप्त संस्थाओं, उनके कार्यालयों और भवनों को सील करने या तोड़ने के भी प्रावधान किए हैं।

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90 दिन पहले देनी होगी सूचना

धर्मांतरण विरोधी कानून में स्वेच्छा से धर्म बदलने वाले व्यक्ति को जिला प्रशासन की मंजूरी लेनी होगी। उसे धर्म परिवर्तन करने से पहले इसकी सूचना जिला कलेक्टर या एडीएम को देनी होगी। यह सूचना 90 दिन पहले देनी होगी। धर्म परिवर्तन करवाने वाले धर्म गुरु या संस्था को जिला प्रशासन के सामने धर्म परिवर्तन करवाने संबंधित सूचना देनी होगी। 

व्यक्ति और धर्म गुरु को यह घोषणा करनी होगी कि वह बिना किसी दबाव के धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। उक्त सूचना को सार्वजनिक बोर्ड पर लगाई जाएगी। दो महीने में आपत्तियां मांगी जाएगी। आपत्ति आने पर सुनवाई और निपटारे के बाद जिला प्रशासन के आदेश पर धर्म परिवर्तन हो सकेगा।

बुलडोजर एक्शन के भी प्रावधान

नए धर्मांतरण विरोधी कानून में बुलडोजर एक्शन के भी प्रावधान हैं। जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाने में लिप्त संस्थाओं के कार्यालयों, भवनों पर बुलडोजर चलाने के प्रावधान रखे गए हैं। इनके भवनों या कार्यालयों को सील भी किया जा सकेगा। 

कानून में बुलडोजर तभी चलाया जाएगा, जब नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा। बिना अनुमति सरकारी जमीन पर बनाई गई ईमारतों और भवनों को तोड़ा या सील किया जाएगा। किसी व्यक्ति की पुराने धर्म में घर वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा जबरन धर्म परिवर्तन पर उम्रकैद तक की सजा है।

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राजस्थान में धर्म परिवर्तन में तेजी

राजस्थान में धर्म परिवर्तन की घटनाएं खूब हो रही हैंं। खासकर आदिवासी जिलों और दूरदराज के इलाकों में धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ चुके हैं। भरतपुर में तो ईसाई धर्म की प्रार्थना-सभा में धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ चुके हैं। वहां पर मारपीट की घटनाएं भी हुई। 

अब नया कानून लागू 

ईसाई धर्म का साहित्य बांटकर, इलाज करवाने, अच्छी नौकरी और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन की शिकायत आती रहती है। उदयपुर में हाल ही दो डॉक्टर पर धर्म परिवर्तन के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज हुई है। लव जिहाद के मामले हर जिले में सामने आ रहे हैं। लगातार धर्म परिवर्तन संबंधी घटनाओं को देखते हुए सरकार ने नए धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू किया है। 

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