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राजस्थान विधानसभा में सीसीटीवी कैमरों को लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस की महिला विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी निजता का उल्लंघन किया जा रहा है।
सोमवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की महिला विधायकों शिमला नायक और गीता बरवड़ ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। दोनों विधायकों ने विधानसभा में लगाए गए अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों की आवश्यकता पर सवाल उठाया और इनके इस्तेमाल की पारदर्शिता पर संदेह जताया।
भाजपा के कुशासन में हमारी बेटियां ना घर में, ना स्कूल में, और ना ही हॉस्पिटल में सुरक्षित हैं।
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) September 15, 2025
हालात ये हैं कि जनता द्वारा चुनकर आईं महिला विधायक भी सदन में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगी, तो फिर कहां हैं महिला सुरक्षा?
: शिमला नायक जी, विधायक@shimlanayak05pic.twitter.com/5NOpOZn9Oo
अतिरिक्त कैमरे क्यों लगाए गए
कांग्रेस की विधायक शिमला नायक ने विधानसभा में पहले से ही नौ कैमरे होने का हवाला देते हुए सवाल किया कि अतिरिक्त दो कैमरे लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने पूछा कि इन कैमरों का नियंत्रण किसके पास है और रिकॉर्डिंग किसके द्वारा की जाती है?
नायक ने यह भी मांग की कि यदि ये कैमरे सदन की कार्यवाही की निगरानी के लिए हैं, तो उनकी रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर भी आरोप लगाए, कि वे महिला शिक्षकों के बारे में अभद्र टिप्पणियां करते हैं, और यह सब कैमरे की रिकॉर्डिंग में क्यों नहीं दिखता?
नायक ने विधानसभा में विपक्ष के धरने को 'कुकृत्य' कहने वाले विधायक गोपाल शर्मा की टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई और कहा कि यह क्या राजनीति है कि हमें भाई-बहन की तरह बैठकर बातचीत करने का भी अधिकार नहीं दिया जा रहा?
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निजता का उल्लंघन
विधायक गीता बरवड़ ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अतिरिक्त कैमरे लगाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उनका कहना था कि पहले से ही नौ कैमरे कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के लिए मौजूद थे।
बरवड़ ने इस बात पर सवाल उठाया कि इन कैमरों की रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है और इन कैमरों का नियंत्रण विधानसभा अध्यक्ष के रेस्ट रूम और सत्तापक्ष के मंत्रियों के कक्ष में क्यों है?
बरवड़ ने आरोप लगाया कि ये कैमरे खासतौर पर उन सीटों के ऊपर लगाए गए हैं, जहां कांग्रेस की महिला विधायक बैठती हैं। उन्होंने इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इन कैमरों की रिकॉर्डिंग से उनकी निजी बातें सुनी जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिना अनुमति के रिकॉर्डिंग को निजता का उल्लंघन माना है।
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महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता
विधायक बरवड़ ने यह भी कहा कि इन कैमरों की संवेदनशीलता इतनी ज्यादा है कि एक पेन गिरने की आवाज भी रिकॉर्ड हो सकती है। उन्होंने प्रदेश के अस्पतालों और स्कूलों में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताई और कहा कि अब विधानसभा जैसे सम्मानित स्थान पर भी उनकी निजता खतरे में है।
बरवड़ ने स्पष्ट किया कि जब तक ये कैमरे नहीं हटाए जाते, तब तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। उनका कहना था कि वे कभी भी इस मुद्दे पर झुकने वाले नहीं हैं।
विधानसभा में सीसीटीवी कैमरे के विवाद के मुख्य बिंदुमहिला विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। शिमला नायक और गीता बरवड़ ने अतिरिक्त कैमरों की जरूरत पर सवाल उठाया। यह कैमरे खासकर कांग्रेस की महिला विधायकों की सीटों के ऊपर लगाए गए हैं। कैमरों की रिकॉर्डिंग से निजी बातें सुनी जा रही हैं, इस पर विधायकों ने चिंता जताई। महिला विधायकों ने कहा कि जब तक कैमरे नहीं हटाए जाते, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। | |
विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की भूमिका इस विवाद में अहम है क्योंकि इस मामले में उनकी अनुमति से ही यह कैमरे लगाए गए हैं। विधायकों के आरोपों के बावजूद, अध्यक्ष की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, ताकि विधानसभा में कामकाजी माहौल बना रहे और महिला विधायकों की चिंताओं का समाधान हो सके।