पुलिस ने 13 दिन पहले जिसे लावारिस समझकर दफना दिया वह निकला कांस्टेबल, जांच में हुआ खुलासा

बीकानेर में पुलिस ने एक शव को लावारिस मानकर दफना दिया। घटना के 13 दिन बाद उस व्यक्ति की पहचान पुलिस कांस्टेबल के रूप में हुई। घटना को लेकर जांच जारी है। इस घटना से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Bikaner. राजस्थान के बीकानेर जिले में एक अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिसने पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस ने जिस व्यक्ति को अज्ञात और लावारिस शव मानकर दाह संस्कार कर दिया था। उसकी पहचान 13 दिन बाद एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में हुई है। अब यह मामला राजस्थान पुलिस की जांच और कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।

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खाजूवाला में मिला था अज्ञात शव 

यह मामला खाजूवाला थाना क्षेत्र से संबंधित है। 23 नवंबर को खाजूवाला-रावला सड़क मार्ग पर चक 7 पीएचएम बस स्टैंड के पास एक युवक का शव मिला था। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान तुरंत नहीं हो पाई। पुलिस ने शव की जेब से कोई पहचान पत्र या मोबाइल नहीं पाया।

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6 दिन तक रखा मोर्चरी में

शव मिलने के बाद पुलिस ने उसे खाजूवाला अस्पताल की मोर्चरी में छह दिन तक रखा। पहचान के लिए किसी के सामने न आने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफन करने का निर्णय लिया। हालांकि पुलिस ने मृतक के कपड़े और जूते सुरक्षित रखे थे, ताकि बाद में पहचान की जा सके।

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मृतक का हाथ बना पहचान का सुराग 

मामले में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई कि मृतक के दाहिने हाथ पर अमरजीत चौहान नाम लिखा हुआ था। इस जानकारी के बाद मृतक के परिजनों ने खाजूवाला पुलिस से संपर्क किया और कपड़ों तथा जूतों के माध्यम से उसकी पहचान की पुष्टि की। इसके बाद शव को बाहर निकालकर डीएनए सैंपल लिया गया।

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कांस्टेबल अमरजीत चौहान की पहचान 

मृतक की पहचान अनूपगढ़ थाने में तैनात कांस्टेबल अमरजीत चौहान के रूप में हुई है। वह श्रीगंगानगर जिले के हाकमाबाद गांव का रहने वाला था। 23 नवंबर को वह खाजूवाला के पास अपने ताऊ से मिलने के लिए आ रहा था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांस्टेबल अमरजीत चौहान सड़क किनारे अचेत अवस्था में कैसे मिला। क्या यह एक हादसा था, कोई साजिश थी या फिर कोई आपराधिक घटना। इस घटना ने पुलिस के कामकाजी तरीके पर सवाल उठाए हैं।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार 

अभी तक कांस्टेबल की मौत के कारणों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। अब पोस्टमार्टम और डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम और डीएनए रिपोर्ट के बाद ही इसकी आधिकारिक पुष्टि होगी। इस मामले ने पुलिस के आंतरिक जांच और कार्यप्रणाली पर भी कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 

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