खबरदार : राजस्थान में मंत्री जोराराम कुमावत से कुछ मांगा तो कटवा देंगे बिजली और पानी!
राजस्थान के मंत्री जोराराम कुमावत ने कथित रूप से ग्रामीणों के सड़क और अन्य समस्याओं पर सवाल पूछने पर उनके नल और बिजली कनेक्शन काटने का आदेश दिया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया।
राजस्थान (Rajastha) की भाजपा (BJP) की सरकार में मंत्रीजी से सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं मांगना भी लोगों पर भारी पड़ सकता है। भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) सरकार के मंत्री जोरागाम कुमावत (Joraram Kumawat) कुछ ग्रामीणों की मांगों से इतना खफा हुए कि उन्होंने गांव से निकलते ही ग्रामीणों के नल और बिजली कनेक्शन काटने के लिए टीमें भेज दीं।
यह था वाकया
दरअसल, पशुपालन एवं डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत शनिवार 13 जुलाई 2025 को पाली जिले में अपने विधानसभा क्षेत्र सुमेरपुर के गुरदई स्थित पंचायत भवन में कई विकास परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। यहां गांव की गंदी सड़कों का हवाला देते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने मंत्री से सवाल-जवाब शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, जिससे गंदगी फैली हुई है। मंत्री के कुछ समर्थकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की और कहा कि मंत्रीजी के पास दूसरे काम हैं, जिससे स्थानीय लोग और भड़क गए। इसके बाद मंत्री मंत्री जोराराम कुमावत बिना कोई भाषण दिए ही चले गए।
मंत्री के जाने के बाद, अगले दिन यानी रविवार 14 जुलाई 2025 को कथित तौर पर पानी और विद्युत विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों के कनेक्शन काटने के लिए भेज दिया गया। एक वायरल वीडियो में एक ग्रामीण यह कहते हुए सुनाई देता है कि, "कल हमने मंत्री जी से अपनी समस्याएँ रखीं थीं और आज कनेक्शन काटने के लिए टीम भेज दी गई है।"
एक स्थानीय निवासी, अधिवक्ता किरण कुमार मीणा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने मंत्री जी को स्थानीय स्कूल की छत की खराब स्थिति और सीमेंट कंक्रीट सड़क की कमी के बारे में बताना चाहा था। लेकिन हमारे ज्ञापन को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद अधिकारियों ने कनेक्शन काटने के लिए भेजे गए थे।" मीणा ने यह भी बताया कि अधिकारी उनके कनेक्शन को अवैध बता रहे थे, हालांकि उनका कहना था कि वे नियमित बिल जमा करते हैं और उनका घर 45 साल पुराना है।
कुमावत का जन्म और पालन-पोषण सुमेरपुर तहसील के सिंदरू गांव में हुआ।
साल 2000 में ग्राम पंचायत के निर्विरोध सरपंच चुने गए।
2014 में कुमावत ने सुमेरपुर नगर पालिका के पार्षद पद का चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष बने।
वर्ष 2018 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते।
वर्ष 2023 में फिर जीते और राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें देवस्थान, पशुपालन और गौपालन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी।
मंत्री जोराराम कुमावत ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने शनिवार को कहा था कि कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उद्घाटन कार्यक्रम में घुसकर विरोध किया था, लेकिन अधिकारियों को संबंधित सड़कों की सफाई और निर्माण की योजना बनाने के निर्देश दिए थे। जिला कलेक्टर लक्ष्मी नारायण ने आरोपों पर कहा, "आप मंत्री से बात कीजिए, हम प्रशासनिक अधिकारी हैं, हमें जो करना चाहिए, हम करते हैं।"
FAQ
1. मंत्री ने क्यों ग्रामीणों के कनेक्शन काटने का आदेश दिया?
आरोप है कि ग्रामीणों ने मंत्री से सड़क और अन्य समस्याओं पर सवाल पूछा था, जिससे मंत्री नाराज हो गए और उनके कनेक्शन काटने के लिए अधिकारियों को भेज दिया।
2. मंत्री के जाने के बाद क्या हुआ था?
मंत्री के जाने के बाद, अधिकारियों को ग्रामीणों के पानी और बिजली कनेक्शन काटने का आदेश दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह उनकी शिकायतों का बदला था।
3. क्या कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी?
हां, कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को भाजपा की तानाशाही बताया और वीडियो साझा किया, जिसमें ग्रामीणों के कनेक्शन काटने का आरोप था।
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