हिंदू देवी-देवताओं के कथित अपमान का मामला पुलिस तक पहुंचा, सोशल मीडिया पर गरमाया हुआ है मुद्दा

राजस्थान में देवस्थान विभाग के सचिव और वरिष्ठ आईएएस समित शर्मा के नाम से देवी-देवताओं के अपमान की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल। देवस्थान विभाग के उप शासन सचिव ने इमेज खराब करने का आरोप लगाते हुए दर्ज करवाई रिपोर्ट।

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Rakesh Kumar Sharma
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Jaipur. राजस्थान में एक आईएएस के नाम से हिंदू देवी-देवताओं के कथित अपमान से जुड़ी पोस्ट और मैसेज का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब थाने तक पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में एक आईएएस पर हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर है। यह पोस्ट ब्राह्मण समाज, सनातन और अधिकारियों के सोशल मीडिया समूह में खूब वायरल हो रही है।

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थाने में प्राथमिकी दर्ज

उधर, सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट को विभाग और अधिकारियों की इमेज खराब करने वाली बताते हुए देवस्थान विभाग के एक अधिकारी ने जयपुर के अशोक नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में देवस्थान विभाग के सचिव और वरिष्ठ आईएएस डॉ. समित शर्मा को लेकर सोशल मीडिया पर अपमानजनक और मानहानिकारक पोस्ट वायरल किए जाने पर जयपुर के अशोक नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है। 

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इमेज खराब करने का आरोप

आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट के जरिए देवस्थान विभाग और विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा की इमेज खराब करने की कोशिश की गई है। मामले में फेक मैसेज तैयार किए गए हैं और फिर व्हाट्सएप पर विभिन्न ग्रुप्स में ये तैयार मैसेज वायरल किए गए हैं। रिपोर्ट में फेक मैसेज तैयार करने वाले और वायरल करने वालों की जांच करवाने का आग्रह किया गया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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देवस्थान विभाग की बैठक से जुड़ा मामला

देवस्थान विभाग के उप शासन सचिव आलोक कुमार सैनी ने अशोक नगर थाना पुलिस में 31 अक्टूबर, 2025 को मामला दर्ज करवाया है। इसमें बताया है कि 27 अक्टूबर को शासन सचिवालय के रूम नम्बर 4210 में देवस्थान विभाग की एक मीटिंग हुई। बैठक में देवस्थान विभाग के मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में जो बातें हुई नहीं, उसे लेकर सोशल मीडिया पर अनर्गल तरीके से फैलाया गया। 

बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ

सोशल मीडिया पर देवस्थान विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा के नाम से हिंदू देवी-देवताओं और पुजारियों को लेकर फर्जी टिप्पणी करने के आरोप लगाए गए हैं। ये फेक मैसेज सनातन राष्ट्र, भागवत भक्ति, टीम ब्राह्मण ऑफिसर्स और न्यूज मीडिया ग्रुप में वायरल किए गए। साथ ही अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणी भी की गई, जबकि इस तरह की बातें बैठक में नहीं हुई और ना ही किसी तरह के आरोप-प्रत्यारोप हुए।

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षड्यंत्र के तहत फेक मैसेज

सैनी ने बताया कि जो फेक मैसेज चल रहे हैं, उस तरह के कथन और बातें विभाग की मीटिंग में नहीं हुई हैं। शरारती तत्व विभाग की इमेज खराब करने के उद्देश्य से षड्यंत्र पूर्वक फेक मैसेज चला रहे हैं। सोशल मीडिया पर देवस्थान विभाग और उसके वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ भ्रामक, धार्मिक रूप से संवेदनशील और मानहानिकारक फर्जी संदेश फैलाए जा रहे हैं। फेक मैसेज तैयार कर डिपार्टमेंट और सचिव की छवि खराब करने, जनता में भ्रम फैलाने और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

सख्त कार्रवाई की मांग

देवस्थान विभाग की ओर से अशोक नगर थाना पुलिस में दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में फेक मैसेज तैयार करके सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। इसके पीछे शरारती तत्वों का हाथ है, जो आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए इस तरह के फेक मैसेज वायरल कर रहे हैं। विभाग की ओर से फेक मैसेज तैयार कर प्रसारित करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

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मीडिया में भी खबरें प्रसारित

देवस्थान विभाग की मीटिंग में देवी-देवताओं और पुजारियों को लेकर टिप्पणी के संबंध में मीडिया संस्थानों में भी खबरें चली हैं। हालांकि इसमें किसी अधिकारी का नहीं दिया गया, लेकिन खबर को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि बैठक में उसी तर्ज पर सवाल दागे गए थे, जैसे कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मंदिर की सुनवाई के दौरान भगवान को लेकर सवाल-जवाब कर लिए थे।

ऐसा ही कुछ मीटिंग में होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि सच्चाई क्या है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन यह तय है कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज और पोस्ट सरकार तक पहुंच गई है।

देवस्थान विभाग के मंत्री तक शिकायत

वायरल मैसेज और पोस्ट के बाद सनातन धर्म से जुड़े सोशल मीडिया समूह में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। वे इसे सनातन धर्म के अपमान बता रहे हैं। दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम को भी ज्ञापन दिया गया है, जिसमें देवी-देवताओं, मंदिरों और पुजारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

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मीटिंग की चर्चा भी जोरों पर

शिकायत में बताया गया है कि देवस्थान विभाग के अधिकारी ने बैठक में कहा कि क्या आपके भगवान पुजारियों की प्रार्थनाएं सुनते भी हैं या नहीं? टिप्पणी से नाराज एक अन्य अधिकारी ने कहा बताया कि यदि भगवान नहीं सुनते तो सरकार ने मंदिर क्यों बनवाए हैं। मीटिंग की बातें सोशल मीडिया के जरिए मीडिया संस्थानों और राजस्थान सरकार तक पहुंच गई हैं। सुप्रीम कोर्ट की तरह देवस्थान विभाग की मीटिंग की चर्चा भी जोरों पर है।

एक ग्रुप के एडमिन RAS पंकज ओझा

अपमानजनक और मानहानि कारक मैसेज सनातन राष्ट्र और भगवत भक्ति ग्रुप में शशि राही ने फॉरवर्ड किया। इसी तरह, टीम ब्राह्मण ऑफिसर Whattsapp ग्रुप में कमलेश ने फॉरवर्ड किया। इस ग्रुप के एडमिन RAS व गोपालन निदेशक पंकज ओझा के साथ केके शर्मा, सुनील शर्मा और पूर्व RAS जीपी शुक्ला हैं। पंकज ओझा 27 अक्टूबर को देवस्थान विभाग की मीटिंग में भी मौजूद थे। RMC न्यूज Whattsapp ग्रुप में संजय ने मैसेज फॉरवर्ड किया है। रिपोर्ट में कहा है कि झूठा मैसेज फैलाने में इन ग्रुप के कुछ Admin भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए उनसे और इन ग्रुप को बनाने वालों से पूछताछ की जाए।

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