राजस्थान में दौड़ी 180 की स्पीड से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, ट्रायल में पानी से भरा गिलास तक नहीं छलका

स्वदेशी तकनीक से तैयार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राजस्थान में 180 की रफ्तार से चली। ट्रायल के दौरान पानी से भरा गिलास छलका तक नहीं। यात्रियों को जल्द ही मिलेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सौगात।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. देश में तेज स्पीड ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू हो सकेगा। स्वदेशी तकनीक से तेज रफ्तार ट्रेनों का ट्रायल राजस्थान के कोटा में हुआ। स्वदेशी तकनीक से बनी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 180 की स्पीड से पटरियों पर दौड़ी। आठ सौ टन वजन के साथ ट्रेन का ट्रायल हुआ। 

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ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा

लोको पायलट ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की तेज रफ्तार की ट्रायल के दौरान तीन पानी से भरे हुए गिलास भी रखे। 180 की रफ्तार में गिलास में से पानी नहीं छलका। पश्चिम-मध्य रेलवे के कोटा मंडल में स्वदेशी तकनीक से तैयार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का हाई स्पीड ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

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17 नवम्बर तक चलेगा ट्रायल

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का 180 की रफ्तार से ट्रायल अभी और चलेगा। 2 से 17 नवम्बर तक यह ट्रायल चलेगा। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ की परीक्षण निदेशालय टीम की ओर से ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि ट्रायल सवाई माधोपुर-कोटा-नागदा खंड पर किया गया। ट्रायल 16 कोच वाले स्लीपर रेक के साथ किया। 

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180 किमी की स्पीड से दौड़ाया 

ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति पर चलाकर उसकी तकनीकी दक्षता, ब्रेकिंग क्षमता, स्थिरता, कंपन और विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है। आरडीएसओ परीक्षण निदेशक राधेश्याम तिवारी के निर्देशन में यह ट्रायल यात्री भार जैसी परिस्थितियों में किया गया। ट्रेन को 800 टन रेक भार के साथ चलाया गया। इसमें 108 टन अतिरिक्त वजन लोहे की धूल से भरे कनस्तरों के रूप में जोड़ा गया। इस प्रकार ट्रेन को 908 टन भार के साथ संचालित किया गया।

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इमरजेंसी ब्रेकिंग टेस्ट भी किए

ट्रायल के दौरान किसी तरह के झटके नहीं लगे, इसके लिए लोको पायलट ने तीन पानी के गिलास भी रखे। 180 किलोमीटर रफ्तार के दौरान रखे गिलास के अंदर से पानी भी नहीं छलका।

ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 50 किलोमीटर का लॉन्ग कंफर्मेटरी रन सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑसिलेशन टेस्ट और वेट ट्रैक इमरजेंसी ब्रेकिंग टेस्ट भी किए गए। इनका उद्देश्य ट्रेन की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

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तेज रफ्तार ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा

देश में अभी पुरानी स्पीड की ट्रेनों का संचालन हो रहा है। अब रूट पर तेज रफ्तार ट्रेनों के संचालन की आवश्यकता को देखते हुए भारतीय रेलवे स्पीड वाली ट्रेनों का परीक्षण कर रहा है।

साथ ही नई ट्रेन की डिजायन भी तेज रफ्तार के हिसाब से है। रेलवे ट्रेक सुधारे जा रहे हैं। स्टेशन और पटरियों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। जल्द ही देश में तेज रफ्तार ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। यात्री कम समय में ज्यादा दूरी तय कर सकेंगे।

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