राजस्थान के दूदू में पूर्व सरपंच ने कर दिया करोड़ों की जमीन का खेल, अपनों को ही बांट दिए सरकारी जमीन पर पट्टे

राजस्थान के दूदू जयपुर में सरकार की जमीन पर फर्जी पट्टे बांटने का गंभीर मामला, जिसमें तत्कालीन अधिकारियों के शामिल होने के आरोप हैं, जांच जारी है।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) जिले के दूदू क्षेत्र में मार्च 2023 से मई 2023 के बीच सरकारी जमीन पर फर्जी पट्टे बांटने का गंभीर मामला सामने आया है। इस घोटाले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान दूदू पंचायत की तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी, सचिव रतन शर्मा सहित पंचायत के कुछ कर्मचारी और उनके परिजन शामिल हैं, जिनके नाम पर 100 करोड़ से अधिक की सरकारी जमीन के पट्टे फर्जी तरीके से जारी किए गए। यह पट्टे ज्यादातर खाली और बिना किसी पुराने निर्माण के सरकारी जमीन पर 50 वर्ष पुरानी बसावट बताकर बांटे गए। पट्टे जारी करने के बाद इसे पंचायत से नगर परिषद में परिवर्तन के दौरान बैक डेट में पंजीकृत भी कर लिया गया।

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दूदू में आवास बताकर अवैध पट्‌टे जारी करने के बाद भी खाली सरकारी जमीन। Photograph: (The Sootr)

 

भाजपा नेता ने की दूदू जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत

भाजपा नेता अवधेश शर्मा ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत जिलाधिकारी से की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पट्टे बांटने में पंचायत के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत थी। जांच में यह पता चला है कि दूदू के कांकरिया नाले के पास, जो एडीएम दफ्तर के पास स्थित सरकारी जमीन है, वहां आवासीय पट्टे बिना किसी वैध दस्तावेज के जारी किए गए। पट्टे 31 मार्च 2023 को एक ही दिन फटा-फट जारी किए गए और जून तक यह सिलसिला जारी रहा। पट्टों में कई ऐसे नाम थे जो पहले से ही कृषि भूमि के मालिक थे, जो नियम के खिलाफ है। पट्टे जारी करने के ऊपर बड़े दरवाजे पर ताला लगाकर चौकीदार रखे गए थे ताकि भूमि तक पहुंचने से रोका जा सके। 

 

दूदू पंचायत की तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उनके मुताबिक, यह मामला पूरी तरह से राजनीति से जुड़ा हुआ है और उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि सभी पट्टे नियमों के मुताबिक ही जारी किए गए हैं और जिन्हें ये पट्टे दिए गए हैं, वे सालों से उस स्थान पर रह रहे हैं। कमलेश चौधरी ने यह भी कहा कि पंचायत के सभी सदस्य मिलकर इन पट्टों को जारी करने में शामिल हुए थे।

 

 

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दूदू में तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी के देवर कालूराम के नाम से जारी पट्‌टा। Photograph: (The Sootr)

 

दूदू जमीन फर्जीवाड़े में कलक्टर ने बनाई कमेटी

जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी दूदू को पंचायत से नगर परिषद में परिवर्तन के दौरान हुए रिकॉर्ड और पट्टों की प्रामाणिकता की जांच कर रही है। अभी तक पूरी जांच रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन जांच में मिली अनियमितताओं के आधार पर कानूनी कार्रवाई की बात कही गई है। तत्कालीन सचिव रतन शर्मा ने अपनी भूमिका से इनकार किया है और आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है। वहीं, तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी ने भी फर्जी पट्टों में अपनी संलिप्तता से इंकार करते हुए कहा कि सारे कार्य नियमों के अनुसार ही हुए हैं।

 

जयपुर के जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी ने कहा कि दूदू एसडीएम ने कांकडिया नाडा के पास की जमीन पर नियमों के खिलाफ अवैध पट्टे जारी करने की शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया। अतिरिक्त कलेक्टर मुकेश मुंड के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें उप निदेशक क्षेत्रीय स्वायत्त शासन विभाग और अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जयपुर शामिल हैं। यह कमेटी मौके पर जाकर जांच कर चुकी है और अब दूदू पंचायत से नगर परिषद बनने के दौरान के सभी रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। कमेटी ने जांच पूरी नहीं की है, और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

दूदू जमीन फर्जीवाड़े में नियमों का हुआ उल्लंघन

राजस्थान पंचायत राज अधिनियम, 1996 की धारा 157(1) के अनुसार, केवल 1996 या उससे पहले बने मकानों के लिए पंचायती जमीन पर पट्टा जारी किया जा सकता है। मकान का क्षेत्रफल 300 वर्ग गज से अधिक होने पर डीएलसी (डेज़ीयर लिमिटेड कॉस्ट) दर का 25% शुल्क जमा कराने के बाद ही पट्टा मिलेगा। संकट में आए पट्टे इन नियमों की खुली अवहेलना करते हुए खाली जमीन पर बिना निर्माण के बांटे गए। कई पट्टाधारक पहले से ही कृषि भूमि के मालिक थे, जो पट्टे जारी करने के नीति के उलट है।

 

दूदू की तत्कालीन सरपंच के रिश्तेदारों के नाम पट्टे व जमीन

नाम                                सरपंच से रिश्ता           पट्टे              जमीन

कालूराम जाति पुत्र रामदेव   देवर                            4 पट्टे         857.57 गज
हरजीराम पुत्र रामदेव          जेठ                             3 पट्टे         315.11 गज
हनुमान पुत्र रामदेव             देवर                            3 पट्टे         395.02 गज
रमेश पुत्र हरजीराम             जेठ का बेटा                 1 पट्टा       283.33 गज
बाली देवी पत्नी हरजीराम     जेठानी                        1 पट्टा       283.33 गज
रामफूल पत्नी हनुमान          देवरानी                       1 पट्टा       283.33 गज
नानूराम पुत्र रामदेव            जेठ                             2 पट्टे         403.44 गज
शांति देवी पत्नी नारायण      जेठानी                        1 पट्टा        283.33 गज
सुरेश पुत्र नानूराम               जेठ का बेटा                1 पट्टा        195.44 गज
मुकेश पुत्र नानूराम              जेठ का बेटा                1 पट्टा        283.33 गज
भंवरलाल पुत्र रामा जाट       काका ससुर                1 पट्टा        171.71 गज
रुकमादेवी पत्नी भंवरलाल    काकी सास                 1 पट्टा        171.71 गज
जगदीश पुत्र भंवरलाल         काका ससुर का बेटा    1 पट्टा        171.71 गज

 

दूदू पंचायत के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी और सचिव रतन शर्मा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इन पट्टों के बारे में जानकारी नहीं है। उनका कहना था कि अगर जांच में यह बात सामने आती है कि उनके हस्ताक्षर के बिना पट्टे जारी किए गए हैं, तो वह अपनी बात रखेंगे। हो सकता है कि किसी ने उनके हस्ताक्षर फर्जी तरीके से करके ये पट्टे जारी कर दिए हों।

FAQ

1. राजस्थान के दूदू में फर्जी पट्टे जारी करने का मामला कब सामने आया?
यह मामला मार्च से मई 2023 के बीच सामने आया था, जब सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से पट्टे जारी किए गए थे।
2. राजस्थान के दूदू में जमीन घोटाले में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं?
इस मामले में तत्कालीन सरपंच कमलेश चौधरी और सचिव रतन शर्मा पर आरोप हैं कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी भूमि पर फर्जी पट्टे जारी किए।
3. राजस्थान के दूदू में जमीन फर्जीवाड़े में प्रशासन ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
जयपुर जिला कलक्टर ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है और जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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