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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal sharma) के के हरियालो राजस्थान अभियान (Hariyalo Rajasthan) को किस प्रकार पलीता लगाया जा रहा है इसकी बानगी जयपुर में दिखी। यहां हैरिटेज नगर निगम की उद्यान शाखा द्वारा लगाए गए पौधों की संख्या को लेकर गंभीर विवाद उभरा है। नगर निगम की उद्यान शाखा ने एक दिन में 2.10 लाख पौधे लगाने का दावा किया, जबकि वन विभाग की पुष्टि के अनुसार उस दिन केवल 68 हजार पौधे ही वन विभाग की नर्सरी से प्रदान किए गए थे। यह अंतराल योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रमुख सवाल उठाता है। ग्रेटर नगर निगम ने भी 27 जुलाई को 1.5 लाख पौधे लगाने का दावा किया था, लेकिन सरकारी पोर्टल पर केवल 1.06 लाख पौधों का ही रिकॉर्ड दिखा। इसी बीच, उद्यान शाखा की उपायुक्त मोनिका सोनी का कहना है कि अभियान के दौरान सभी पौधे वन विभाग से खरीदे और जिओ टैगिंग के साथ लगाए गए हैं।
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राजस्थान में पौधरोपण में फर्जीवाड़ा
वन विभाग की नर्सरियों से मिलने वाली पौधों की स्थिति को देखकर यह विवाद और भी स्पष्ट हो जाता है। ग्रेटर नगर निगम ने सचिवालय नर्सरी से 84,000, स्मृति वन से 41,830, मानसरोवर से 6,400, बालाजी नर्सरी से 15,210 पौधे खरीदे। वहीं, हैरिटेज नगर निगम ने सचिवालय से 1,66,001, स्मृति वन से 5,100, मानसरोवर से 29,771, बालाजी नर्सरी से 6,000, जवाहर नगर से 11,080 पौधे लिए। आवासन मंडल ने मानसरोवर से 13,000, बालाजी नर्सरी से 9,000 पौधे खरीदे।
नर्सरी | ग्रेटर निगम | हैरिटेज निगम | आवासन मंडल |
---|---|---|---|
सचिवालय | 84000 | 166001 | 00 |
स्मृति वन | 41830 | 5100 | 00 |
मानसरोवर | 6400 | 29771 | 13000 |
बालाजी नर्सरी | 15210 | 6000 | 9000 |
जवाहर नगर | 00 | 11080 | 00 |
जियो टैगिंग प्रशिक्षण की कमी का बहाना
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि 26 जुलाई को बिना किसी सूचना के ऐप में आंकड़ों को अपडेट कर दिया गया था, और ग्रेटर नगर निगम को अलग किया गया था। शुरुआती घंटों में गफलत के कारण आंकड़ों में विसंगति आई। इसके अलावा, जियो टैगिंग की प्रक्रिया में भी प्रशिक्षण की कमी रही, जिसके कारण समस्या पैदा हुई।
इस मामले में उद्यान शाखा की उपायुक्त मोनिका सोनी ने कहा कि अभियान के दौरान दो लाख से अधिक पौधे लगाए हैं। सभी की जियो टैगिंग भी की है। सभी पौधे वन विभाग से खरीदे हैं।
नहीं हो रहा जयपुर में पौधरोपण के आंकड़ों का मिलान
यह स्थिति यह सवाल खड़ा करती है कि जब वन विभाग से खरीदे गए पौधों की संख्या सीमित है, तो नगर निगम द्वारा लगाए गए पौधों की बड़ी संख्या का दायरा कैसे पूरा होता है। वन विभाग की नर्सरियों से पौधों की बिक्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होती है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति या संस्था एसएसओ आईडी के माध्यम से पौधों की बुकिंग कर सकती है। वन विभाग की कीमत भी निर्धारित है, लेकिन इस अभियान के आंकड़ों में असंगति अभियान की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाती है।
राजस्थान के प्रमुख जिलों में वनों की स्थिति
जिला | वन क्षेत्र (हेक्टेयर) | मौजूदा वन कवर (%) |
---|---|---|
जयपुर | 10,500 | 20 |
जोधपुर | 9,200 | 18 |
कोटा | 8,500 | 22 |
उदयपुर | 13,000 | 25 |
बीकानेर | 7,000 | 15 |
अजमेर | 8,800 | 19 |
सीकर | 6,700 | 17 |
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