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Jaipur.राजस्थान में सार्वजनिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में बिजली सिस्टम की निगरानी और सुरक्षा पर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यह लापरवाही जयपुर के एसएमएस ट्रोमा सेंटर में आग लगने के बाद उजागर हुई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि जब बिजली सिस्टम की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जा रही थी, तो सुरक्षा के उपाय किसके भरोसे थे?
अस्पतालों और बहुमंजिला इमारतों का बिजली सिस्टम ठीक से काम करना जरूरी है। थोड़ी से लापरवाही बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। इसलिए राजस्थान में इनके बिजली सिस्टम की निगरानी के लिए अलग से ​एक विभाग बना हुआ है, लेकिन वह निष्क्रिय है। सवाल है कि अस्पतालों और बहुमंजिला इमारतों के बिजली सिस्टम की निगरानी कौन करता है ?
विद्युत निरीक्षक की लापरवाही
राज्य में अस्पतालों और बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार नियमित विद्युत निरीक्षण होना चाहिए था, लेकिन विद्युत निरीक्षणालय विभाग को इस दिशा में कोई खास सक्रियता नहीं दिखी। इस लापरवाही को तब उजागर किया गया जब एसएमएस हॉस्पिटल ट्रोमा सेंटर में एक बड़ी आग लगी, जिससे कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। जांच के दौरान, मुख्य विद्युत निरीक्षक तक यह नहीं याद कर सके कि उन्होंने आखिरी बार कब किसी अस्पताल या मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया था।
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हादसे के बाद की कार्रवाई
इस घटना के बाद अब ऊर्जा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टरों को तलब किया है। उनसे पिछले वर्षों के निरीक्षण की रिपोर्ट मांगी गई है। ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव सौरभ स्वामी ने मंगलवार को मुख्य और क्षेत्रीय इलेक्ट्रिक इंस्पेक्टरों की बैठक की और जिम्मेदारी तय की। विभाग ने उच्चस्तरीय समीक्षा का आदेश दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सभी सरकारी अस्पतालों में ELCB लगाना अनिवार्य
राजस्थान के सभी सरकारी अस्पतालों में अब बिजली सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इस सप्ताह सभी सरकारी अस्पतालों में बिजली सिस्टम का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान पुराने उपकरणों को बदलने और अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर (ELCB) लगाने को अनिवार्य किया जाएगा। ELCB शॉर्ट सर्किट और करंट लीकेज की स्थिति में सुरक्षा का महत्वपूर्ण उपाय है। इसके बाद निजी इमारतों और अन्य भवनों का भी निरीक्षण किया जाएगा।
ऊर्जा विभाग ने अफसरों पर कार्रवाई के संकेत
राजस्थान ऊर्जा विभाग ने सभी जिलों से सात दिन के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक विद्युत निरीक्षणालय का काम केवल फाइलों और अनुमोदन तक ही सीमित था, जबकि वास्तविक कार्रवाई में बहुत कमी थी। अब विभाग ने तय किया है कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
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जांच के निर्देश और स्व-जांच के आदेश
ऊर्जा विभाग ने सभी जोन इंस्पेक्टरों से जानकारी मांगी है कि अब तक उन्होंने किन-किन भवनों और संस्थानों का निरीक्षण किया है। सरकारी अस्पतालों में तत्काल निरीक्षण शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, निजी इमारतों की सोसाइटी को भी अपनी सुरक्षा स्व-जांच करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि हर स्तर पर बिजली सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विभाग के अधिकारियों से बयान
विद्युत निरीक्षणालय विभाग के मुख्य इलेक्ट्रिक इंस्पेक्टर गौरीशंकर जीनगर ने कहा है कि विभाग अब इस मुद्दे पर गम्भीरता से काम करेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पूरी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अगर समय रहते उचित निरीक्षण और सुरक्षा उपाय किए जा जांए तो ऐस हादसे को टाला जा सकता था।
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