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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) को लेकर असमंजस लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार ने जो नियमों में संशोधन प्रस्तावित किए थे। वे अब तक कर्मचारी चयन बोर्ड को नहीं भेजे जा सके हैं। इस वजह से फरवरी में प्रस्तावित सीईटी परीक्षा का आयोजन मुश्किल माना जा रहा है। इसका सीधा असर लगभग 18 लाख अभ्यर्थियों पर पड़ सकता है। जो सरकारी भर्ती परीक्षाओं में अपनी पात्रता की जांच करने के लिए इस परीक्षा पर निर्भर हैं।
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कर्मचारी चयन बोर्ड का प्रस्ताव
कर्मचारी चयन बोर्ड ने पहले ही स्नातक स्तर की सीईटी को 20 से 22 फरवरी के बीच और सीनियर सेकेंडरी स्तर की परीक्षा 8 से 10 मार्च के बीच आयोजित करने का प्रस्ताव किया था। हालांकि, फरवरी में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं भी संभावित हैं। जिससे परीक्षा तिथियों के टकराव का खतरा है और व्यावहारिक चुनौतियां बढ़ गई हैं।
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संशोधित नियमों का बोर्ड तक न पहुंचना
सरकार ने सीईटी 2026 के लिए पात्रता और वैधता अवधि में बदलाव की घोषणा की थी। लेकिन ये संशोधित नियम अब तक कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजे नहीं गए हैं। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि जब तक इन नियमों पर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिलते। तब तक परीक्षा आयोजन को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना मुश्किल होगा। बिना सही दिशा-निर्देश के परीक्षा कराना जोखिम भरा हो सकता है।
बेरोजगार युवाओं की नाराजगी
सीईटी को लेकर बेरोजगार युवाओं में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। युवा संगठनों का कहना है कि बार-बार नियमों में बदलाव और निर्णय में देरी से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। बड़ी संख्या में युवा इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन अनिश्चितता के कारण उनका मनोबल टूट रहा है।
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पात्रता की समय-सीमा पर असर
यदि समय रहते इन नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया और बोर्ड तक नहीं भेजा गया, तो परीक्षा को स्थगित करना पड़ सकता है। इसका सीधा असर पात्रता की समय-सीमा पर पड़ेगा। जिससे आने वाली भर्तियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। अब सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह कब तक संशोधित नियमों की घोषणा करती है और इस असमंजस को समाप्त करती है।
मुख्य बिंदु
सीईटी परीक्षा: राजस्थान में सीईटी परीक्षा 2026 के लिए स्नातक स्तर की परीक्षा 20 से 22 फरवरी के बीच और सीनियर सेकेंडरी स्तर की परीक्षा 8 से 10 मार्च के बीच प्रस्तावित की गई थी।
देरी का कारण: सीईटी परीक्षा में देरी का मुख्य कारण सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधित नियमों का कर्मचारी चयन बोर्ड को अभी तक न भेजा जाना है। जिसके कारण परीक्षा आयोजन पर असमंजस बना हुआ है।
युवाओं में नाराजगी: सीईटी परीक्षा में देरी से बेरोजगार युवाओं में नाराजगी बढ़ रही है। क्योंकि अनिश्चितता के कारण उनका मनोबल टूट रहा है और उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
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