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राजस्थान (Rajasthan) में बच्चियों से जुड़े अपराधों में चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच बच्चियों से बलात्कार के 649 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) के 229 मामले हैं। राजस्थान में बच्चियों से गैंग रेप के बढ़ते मामले गंभीर चिंता की बात है।
हत्या तक पहुंच रही है हैवानियत
इनमें से 5 मामलों में बलात्कार के बाद बच्चियों की हत्या कर दी गई। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बच्चियों से 600 से अधिक मामलों में यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की घटनाएं हुईं।
घर में भी सुरक्षित नहीं
रिपोर्ट में दहेज उत्पीड़न (Dowry Harassment) के कई मामलों का जिक्र है। बलात्कार के मामले भी सामने आए हैं। साफ है बच्चियां ही नहीं महिलाएं भी अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं।
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बढ़ते अपराधों के कारण
सामाजिक असमानता, शिक्षा की कमी और कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन न होना प्रमुख कारण बताए गए हैं। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platforms) का गलत उपयोग भी बच्चियों को जोखिम में डाल रहा है। राजस्थान में महिला अत्याचार के मामले बढ़ना चिंताजनक है।
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जांच और चार्जशीट का हाल
- 19600 महिला अत्याचार के मामलों में से 5359 में चार्जशीट पेश
- 4790 मामलों में एफआर (Final Report) लगाई गई
- 4613 मामले झूठे पाए गए
- 9451 मामलों की जांच अधूरी
- पॉक्सो POCSO Act के 1631 मामलों में 186 झूठे, 744 में चार्जशीट, 707 में जांच जारी
परिजनों की चिंता और समाज का डर
बढ़ते अपराधों ने माता-पिता को बेटियों को स्कूल और कॉलेज भेजने में हिचक पैदा कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में बेटियों की सुरक्षा के लिए न केवल कानून सख्त होने चाहिए, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन की भी जरूरत है।
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