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Photograph: (the sootr)
राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रदेश में लापता नाबालिग बच्चियों की तलाश की मॉनिटरिंग करने के लिए चार जिलों के एसपी एक-एक घंटे संबंधित थाने में बैठने को कहा है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की बेंच ने यह निर्देश लापता चल रही नाबालिग लड़कियों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर दिए।
कोर्ट ने पुलिस के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए कहा कि इन मामलों में डीजीपी और पुलिस कमिश्नर तक कोर्ट में आ चुके हैं, लेकिन गायब बच्चियां अब तक नहीं मिली हैं। इसलिए बेहतर होगा कि जिस थाने से बच्ची गायब हैं, वहां के एसपी हर दिन एक घंटे संबंधित थाने में बैठकर मामले में किए जा रहे प्रयासों की मॉनिटरिंग करें।
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इस तरह बैठेंगे थाने में
कोर्ट के निर्देश के अनुसार डीसीपी नॉर्थ को रामगंज थाना, डीसीपी वेस्ट को मुरलीपुरा थाना, कोटपूतली-बहरोड़ एसपी को हरसोरा थाना और डीग एसपी को डीग थाने में रोज एक घंटा बैठकर मॉनिटरिंग करनी होगी।
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डीजीपी का था आश्वासन, फिर भी
कोर्ट ने कोटपूतली-बहरोड़ जिले के हरसोरा थाना क्षेत्र से करीब तीन साल पहले 29 मार्च, 2022 को 15 साल की नाबालिग लड़की गायब हुई युवती के मामले में 7 अप्रेल को डीजीपी को बुलाया था। कोर्ट ने कहा कि डीजीपी ने कोर्ट को गंभीर प्रयास करने का आश्वासन दिया था। मामले में नामजद आरोपी होने के बावजूद पुलिस न तो आरोपियों को पकड़ पाई है और ना युवती को बरामद कर पाई है। इसलिए अधीनस्थ पुलिस अफसरों के प्रयासों की मॉनिटरिंग करने के लिए एसपी हर दिन हरसोरा थाने में एक घंटे बैठें। लापता को पेश करें, नहीं तो डीसीपी खुद पेश हों।
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नहीं तो हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा
इसके साथ ही कोर्ट ने जयपुर के रामगंज थाने से लापता 16 साल की नाबालिग युवती के मामले में डीसीपी नॉर्थ को प्रतिदिन एक घंटा थाने में बैठकर छह फरवरी, 2024 से लापता युवती की तलाश की मॉनिटरिंग करने को कहा है। इस मामले में भी डीजीपी कोर्ट में पेश हो चुके हैं, लेकिन आज तक नाबालिग का पता नहीं लगा है। कोर्ट अगली सुनवाई तक नाबालिग को बरामद करके कोर्ट में पेश करने और बरामद नहीं होने पर डीसीपी नॉर्थ को हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
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मुरलीपुरा और डीग थाने में बैठेंगे एसपी
इसी प्रकार के मुरलीपुरा थाना इलाके से लापता 14 साल की नाबालिग के मामले में कोर्ट ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने पेश होकर गायब बच्ची को जल्द तलाश करने का आश्वासन दिया था। इस मामले में भी नामजद आरोपी है, लेकिन पुलिस न आरोपी पकड़ पा रही है और ना गायब बच्ची को ही बरामद किया है। कोर्ट ने इस मामले में भी डीसीपी नॉर्थ को थाने में बैठकर मॉनिटरिंग करने को कहा है। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने एक साल से ज्यादा समय से लापता नाबालिग बच्ची की तलाश के प्रयासों की मॉनिटरिंग के लिए डीग जिला एसपी को भी डीग थाने में बैठने के लिए कहा है। अब सवाल यह है कि क्या कोर्ट की हिदायत के बाद पुलिस का रवैया सुधर पाएगा?
हाई कोर्ट के मुख्य निर्देश
- लापता बच्चियों के मामले में एसपी को थाने में बैठने के आदेश
- पुलिस की नाकामियों को लेकर कोर्ट ने उठाए सवाल
- डीजीपी और पुलिस कमिश्नर के आश्वासन के बावजूद नतीजे नहीं आए
- जिले के एसपी को रोज पुलिस मॉनिटरिंग करने का आदेश
- लापता बच्चियों को ढूंढने में पुलिस की कमी, कोर्ट की सख्त हिदायत
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