हाई कोर्ट के सांगानेर एसएचओ को हटाने के निर्देश, डीजीपी के सर्कुलर के बाद भी चुप रहने पर सवाल
राजस्थान हाई कोर्ट ने सांगानेर एसएचओ श्रीनिवास को हटाने के आदेश दिए। पुलिस अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी और पुलिस की मिलीभगत पर भी कोर्ट की ओर से सवाल उठाए गए।
राजस्थान हाई कोर्ट ने जमीन के बेचान से जुड़े मामले में नियमों की अनदेखी करने वाले सांगानेर थाने एसएचओ श्रीनिवास को हटाने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश छाजूराम की याचिका पर दिए।
अदालत ने कहा कि इस मामले में एसएचओ ने डीजीपी के सर्कुलर के बाद भी स्टाम्प एक्ट और इनकम टैक्स एक्ट के नियमों की अनदेखी (Violation of Rules) की, जबकि जमीन के सौदे के समझौते पत्र में 1.5 करोड़ का कैश ट्रांजेक्शन होना बताया गया है। न्यायपालिका का आदेश था कि नियमों के उल्लंघन पर भी पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं।
याचिका में कहा गया कि इस मामले में आरोपी ने जाली दस्तावेजों के आधार पर जमीन का बेचान किया। पुलिस अधिकारी आरोपी के साथ मिले हुए हैं। एसएचओ की ओर से पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट में माना गया है कि आरोपी पर 12 मुकदमे दर्ज हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद एसएचओ ने कहा कि ये सभी मामले अलग-अलग थानों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। वहीं इस मामले में अभी चार्जशीट पेश नहीं हुई है।
अदालत ने कहा कि एसएचओ के खिलाफ लगाए गए काम करने के अनुचित तरीके, पक्षपातपूर्ण और अवैध जांच के आरोप सही हैं, इसलिए संबंधित एसएचओ को तत्काल बदला जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह मामले में एसएचओ को पक्षकार बनाने और याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं करे।
हाई कोर्ट ने सांगानेर एसएचओ श्रीनिवास को हटाने का आदेश दिया।
एसएचओ द्वारा नियमों की अवहेलना और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप लगे थे।
कोर्ट ने एसएचओ के पक्षपाती तरीके और अवैध जांच के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया।
याचिकाकर्ता को एसएचओ को पक्षकार बनाने और दंडात्मक कार्यवाही से बचने के निर्देश दिए गए।
FAQ
1. राजस्थान हाई कोर्ट ने सांगानेर एसएचओ को क्यों हटाया?
हाई कोर्ट ने एसएचओ श्रीनिवास को उनकी अवैध जांच और नियमों की अवहेलना के कारण हटाने का आदेश दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर भूमि सौदे में गंभीर गड़बड़ियां की थीं।
2. क्या एसएचओ के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई थी?
हां, कोर्ट ने एसएचओ के खिलाफ पक्षपाती और अवैध जांच करने के आरोपों को सही ठहराया और उसे तुरंत हटाने का आदेश दिया।
3. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से क्या कहा?
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एसएचओ को पक्षकार बनाने और किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही से बचने का निर्देश दिया।