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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र के डेण्डान गांव में रविवार को जंगल में बकरी खोजने गए बालक के अचानक लापता हो जाने से हड़कंप मच गया। परिजनों और ग्रामीणों के बीच डर फैल गया। क्योंकि क्षेत्र में पहले ही लेपर्ड द्वारा बकरी का शिकार करने की खबर आ चुकी थी। लोग समझ रहे थे कि शायद बालक भी शिकार का शिकार हो गया हो।
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लेपर्ड के शिकार की आशंका ने बढ़ाया डर
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और बालाजी थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और पहाड़ी वन क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लापता बालक को सकुशल झाड़ियों के पास अचेत अवस्था में पाया गया।
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विभाग की टीम ने ली राहत की सांस
बालक दिलकुश प्रजापत के सकुशल मिलने के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली। वहीं, बालक के परिजनों और ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। परिजनों को यह जानकर संतोष हुआ कि उनका बच्चा सुरक्षित है।
भाई-बहन थे बकरी खोजने गए हुए
दरअसल दिलकुश और उसकी बहन रविवार सुबह बकरी खोजने के लिए पहाड़ी पर गए थे। जब वे झाड़ियों के बीच बकरी का कंकाल देखने पहुंचे, तो दिलकुश अचानक लापता हो गया और वापस नहीं लौटा। उसकी बहन ने परिजनों को इसकी सूचना दी। जिससे गांव में हड़कंप मच गया और लोग लाठी-डंडे लेकर बालक की तलाश में जुट गए।
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बच्चे को किया परिजनों के सुपुर्द
सूचना मिलने के बाद महेंद्र बैरवा के नेतृत्व में बालाजी थाना पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। ड्यूटी अधिकारी धर्म सिंह ने बताया कि बालक को अचेत अवस्था में राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उसे सुरक्षित रूप से परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
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बालक का बयान और डर का कारण
बालक दिलकुश ने पूछताछ में बताया कि बकरी खोजते समय उसे एक लेपर्ड दिखाई दिया था। जिसके बाद वह डरकर झाड़ियों में छिप गया। घबराहट के कारण वह बाहर नहीं निकल सका और अचेत हो गया।
मुख्य बिंदु
सर्च ऑपरेशन: पुलिस और वन विभाग की टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लगभग 5 घंटे तक प्रयासों के बाद बालक को झाड़ियों के पास अचेत अवस्था में सुरक्षित पाया गया।
लेपर्ड का डर: बालक ने बताया कि वह बकरी खोजने के दौरान एक लेपर्ड को देखकर डर गया और झाड़ियों में छिप गया। घबराहट के कारण वह बाहर नहीं आ सका और अचेत हो गया।
बकरी का शिकार: लेपर्ड द्वारा बकरी का शिकार करने की सूचना मिलने के बाद यह आशंका जताई गई थी कि बालक भी उसी का शिकार हो गया होगा। हालांकि बाद में यह डर गलत साबित हुआ और बालक सकुशल मिल गया।
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