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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी स्कूल में हुए दर्दनाक हादसे में कई मासूम बच्चों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद से मृतक बच्चों के परिजन को न्याय दिलाने के लिए युवा नेता नरेश मीणा ने आमरण अनशन शुरू किया था। गुरुवार रात तबियत बिगड़ने पर उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नरेश मीणा को पानी पिलाया। इसके बाद बात चली कि नरेश मीणा का आमरण अनशन समाप्त हो गया है। इसके बाद नरेश मीणा ने सोशल ​मीडिया पर कहा कि उनका यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती।
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अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी नरेश मीणा ने अनशन जारी रखा
\नरेश मीणा की तबियत बिगड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें अनशन स्थल से उठाकर जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें तुरंत इलाज शुरू किया। हालांकि, नरेश मीणा ने मीडिया से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका अनशन नहीं टूटा है और वह तब तक डटे रहेंगे, जब तक सरकार उनके द्वारा की गई मांगों को पूरा नहीं करती।
मिडिया झूंठ पर झूंठ बोल रहा है मेरा अनशन जारी रहेगा.!
— Naresh Meena (@NareshMeena__) September 18, 2025
मैंने सिर्फ जल पिया है,
मेरा अनशन नहीं तोड़ा है.!
मेरा मौन और अन्न त्याग,
'आमरण अनशन'
अभी भी चालू है, यह मेरा अनशन तो तब खत्म होगा जब सरकार पूरी मांगे मान लेगी और झालावाड -पिपलोदी के मृतक बच्चों के परिजनों को न्याय मिल जायेगा!… pic.twitter.com/cvvsqaWGIT
नरेश मीणा ने समाप्त किया शहीद स्मारक से धरना
नरेश मीणा ने शहीद स्मारक से धरने का समापन ​कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आमरण अनशन अस्पताल के जारी है। ऑफलाइन आर्थिक सहायता बंद कर दी गई है। अब से सिर्फ ऑनलाइन आर्थिक सहायता कर सकते है।
शहीद स्मारक से धरने का समापन कर दिया है..!
— Naresh Meena (@NareshMeena__) September 19, 2025
और मेरा आमरण अनशन अस्पताल में जारी है!
ऑफलाइन आर्थिक सहायता बंद कर दी गई है, अब से सिर्फ ऑनलाइन आर्थिक सहायता कर सकते है!
पिपलोदी स्कूल हादसा: पीड़ित परिवारों की मांगें
झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में हुए इस हादसे में कई मासूम बच्चों की जान गई। यह घटना तब हुई जब स्कूल की इमारत का एक हिस्सा गिर गया था, जिससे दर्जनों बच्चे मलबे में दब गए थे। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था और पीड़ित परिवारों ने सरकार से मुआवजे, नौकरी और शिकार परिवारों के लिए अन्य सहायता की मांग की थी। परिजनों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि, उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मुआवजे और सहायता की मांग की, तो सरकार ने उनका अपमान किया। इन मांगों को लेकर नरेश मीणा ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी।
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समरावता थप्पड़कांड क्या है?नरेश मीणा बारां जिले के रहने वाले हैं और छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया। वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में महासचिव रहे हैं। नरेश, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कई बार कांग्रेस से टिकट की मांग की लेकिन असफल रहे। पिछले साल देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 44,000 वोट हासिल किए थे। नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। | |
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पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का समर्थन
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने नरेश मीणा आमरण अनशन का पूर्ण समर्थन किया। उन्होंने राजस्थान सरकार को जमकर निशाने पर लिया और कहा कि झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सरकार का पीड़ित परिवारों के प्रति व्यवहार अमानवीय और शर्मनाक था। खाचरियावास ने यह भी कहा कि "मासूम बच्चों की मौत के बाद उनके परिजनों को बकरियां देकर सरकार ने उनका अपमान किया है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।"
खाचरियावास ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह पीड़ित परिवारों के साथ इंसाफ करे और उन्हें उचित मुआवजा और सम्मान प्रदान करे।
#झालावाड़ में हुई स्कूल त्रासदी के बाद दिवंगत हुए मासूम बच्चों के परिजनों के साथ जो अन्याय राजस्थान की सरकार ने किया उससे बुरा कुछ नहीं हो सकता मासूम बच्चों के परिजनों को बकरियां देकर राजस्थान सरकार ने जो अपमान किया है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है । मासूम बच्चों के परिजनों… pic.twitter.com/hVoel4tTI2
— Pratap Khachariyawas (@PSKhachariyawas) September 18, 2025
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